दिल्ली सरकार के खिलाफ चल रही पाँच घोटालों की जाँच ठंडे बस्ते में डलवाने के लिए मुख्यमंत्री ने एसीबी चीफ पर दबाव बनाया
विकास के स्थान पर घोटाले-ही-घोटाले - विजेन्द्र गुप्ता
नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि आठ महीने में पाँच बड़े घोटाले और दर्जनों छोटे घोटाले करने वाली दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा प्रमुख द्वारा अपने खिलाफ की जाने वाली जाँचों से घबराकर एसीबी चीफ को कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ इंक्वायरी करने के आदेश जारी किये हैं । इससे जाहिर हो गया है कि दिल्ली सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, परन्तु वह नहीं चाहती कि उसके भ्रष्टाचार जनता के बीच उजागर हो । श्री मीणा के खिलाफ यह कार्यवाही उन्हें डराने के लिए की गयी है । सरकार चाहती है कि वे सरकार के खिलाफ चल रही जाँचों को ठंडे बस्ते में डाल दें।
श्री गुप्ता ने कहा कि एसीबी सीधे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है । एसीबी चीफ गृहमंत्रालय, भारत सरकार को रिपोर्ट करता है । दिल्ली सरकार को उसके खिलाफ जाँच के आदेश जारी करने का कोई भी अधिकार नहीं है । यह बात गृहमंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र में भी साफ की गयी है । इसके बाद भी मुख्यमंत्री एसीबी को कार्य करने देना नहीं चाहते हैं । इसीलिए वे इस तरह की गैर-कानूनी हरकतें कर रहे हैं ।
विपक्ष के नेता कहा कि केजरीवाल सरकार के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है । विकास के स्थान पर सरकार ने घोटाले-ही-घोटाले किये हैं । इस समय एसीबी दिल्ली सरकार के विरूद्ध करोड़ों रुपये का विज्ञापन घोटाला, 500 करोड़ रुपये का जल वेंडिंग मशीन घोटाला, सी.एन.जी घोटाला, प्याज खरीद घोटाला, चीनी खरीद घोटाला की जाँच कर रही है । आरोप सिद्ध होने पर सरकार के कई मंत्रियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी । इसीलिए जान-बूझकर एसीबी चीफ मुकेश मीणा को दिल्ली सरकार उनकी नियुक्ति के दिन से ही लगातार परेशान कर रही है।
श्री गुप्ता ने बताया कि जब सारी दिल्ली डेंगू के जानलेवा बुखार से जूझ रही है, तब स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 करोड़ रुपये का बिस्तर खरीद घोटाला किया । सरकार अपने खाद्य और आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान को 6 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त किया । कानून मंत्री कपिल मिश्रा से कानून मंत्रालय छीनकर उन्हें पर्यटन मंत्री बनाया गया । इससे पहले कानून मंत्री रहे जितेन्द्र तोमर को फर्जी डिग्री रखने के आरोप में हटाया गया । पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को पत्नी की हत्या करने के प्रयास और घरेलू हिंसा के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया ।
इस सरकार के 29 विधायकों के खिलाफ गंभीर मामले हैं । सरकार पूरी तरह घोटालों में लिप्त हैं । मुख्यमंत्री अक्षम साबित हो गये हैं । सरकार जनता के हितों के कार्य न करके अब अपने बचाव में लग गयी है । एसीबी चीफ मुकेश मीणा को परेशान करने के लिए ही इसके पहले दिल्ली सरकार उनके खिलाफ जाँच आयोग गठित कर चुकी है । भाजपा उसके घोेटालों को सामने लाकर रहेगी । इसके लिए उसे सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी पड़े तो भी पीछे नहीं हटेगी ।
नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि आठ महीने में पाँच बड़े घोटाले और दर्जनों छोटे घोटाले करने वाली दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा प्रमुख द्वारा अपने खिलाफ की जाने वाली जाँचों से घबराकर एसीबी चीफ को कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ इंक्वायरी करने के आदेश जारी किये हैं । इससे जाहिर हो गया है कि दिल्ली सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, परन्तु वह नहीं चाहती कि उसके भ्रष्टाचार जनता के बीच उजागर हो । श्री मीणा के खिलाफ यह कार्यवाही उन्हें डराने के लिए की गयी है । सरकार चाहती है कि वे सरकार के खिलाफ चल रही जाँचों को ठंडे बस्ते में डाल दें।
श्री गुप्ता ने कहा कि एसीबी सीधे केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है । एसीबी चीफ गृहमंत्रालय, भारत सरकार को रिपोर्ट करता है । दिल्ली सरकार को उसके खिलाफ जाँच के आदेश जारी करने का कोई भी अधिकार नहीं है । यह बात गृहमंत्रालय द्वारा जारी राजपत्र में भी साफ की गयी है । इसके बाद भी मुख्यमंत्री एसीबी को कार्य करने देना नहीं चाहते हैं । इसीलिए वे इस तरह की गैर-कानूनी हरकतें कर रहे हैं ।
विपक्ष के नेता कहा कि केजरीवाल सरकार के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है । विकास के स्थान पर सरकार ने घोटाले-ही-घोटाले किये हैं । इस समय एसीबी दिल्ली सरकार के विरूद्ध करोड़ों रुपये का विज्ञापन घोटाला, 500 करोड़ रुपये का जल वेंडिंग मशीन घोटाला, सी.एन.जी घोटाला, प्याज खरीद घोटाला, चीनी खरीद घोटाला की जाँच कर रही है । आरोप सिद्ध होने पर सरकार के कई मंत्रियों को जेल की हवा खानी पड़ेगी । इसीलिए जान-बूझकर एसीबी चीफ मुकेश मीणा को दिल्ली सरकार उनकी नियुक्ति के दिन से ही लगातार परेशान कर रही है।
श्री गुप्ता ने बताया कि जब सारी दिल्ली डेंगू के जानलेवा बुखार से जूझ रही है, तब स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 करोड़ रुपये का बिस्तर खरीद घोटाला किया । सरकार अपने खाद्य और आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान को 6 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त किया । कानून मंत्री कपिल मिश्रा से कानून मंत्रालय छीनकर उन्हें पर्यटन मंत्री बनाया गया । इससे पहले कानून मंत्री रहे जितेन्द्र तोमर को फर्जी डिग्री रखने के आरोप में हटाया गया । पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती को पत्नी की हत्या करने के प्रयास और घरेलू हिंसा के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया ।
इस सरकार के 29 विधायकों के खिलाफ गंभीर मामले हैं । सरकार पूरी तरह घोटालों में लिप्त हैं । मुख्यमंत्री अक्षम साबित हो गये हैं । सरकार जनता के हितों के कार्य न करके अब अपने बचाव में लग गयी है । एसीबी चीफ मुकेश मीणा को परेशान करने के लिए ही इसके पहले दिल्ली सरकार उनके खिलाफ जाँच आयोग गठित कर चुकी है । भाजपा उसके घोेटालों को सामने लाकर रहेगी । इसके लिए उसे सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी पड़े तो भी पीछे नहीं हटेगी ।
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