भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त से मिलकर केजरीवाल सरकार के 5 प्रमुख व अन्य घोटालों में फास्ट ट्रेक जाॅंच की माॅंग की ।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख को दिल्ली सरकार द्वारा बदले की भावना से की जा रही कार्यवाही से बचाने की गुहार लगाई - विजेन्द्र गुप्ता
भाजपा के विधायकों ने आज नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में उपराज्यपाल तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मिलकर माँग की कि वे दिल्ली सरकार द्वारा किये गये पाँच बड़े घोटालों और दर्जनों छोटे घोटालों की समयबद्ध जाँच करके दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रेक तर्ज पर सख्त कानूनी कार्रवाई करें, क्योंकि इन घोटालों से सरकारी खजाने को अरबों रुपये का नुकसान पहुँचाया गया है । यह धन दिल्ली के विकास कार्यों में खर्च किया जाता तो आज दिल्ली की तस्वीर कुछ और होती ।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल तथा पुलिस आयुक्त से कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने चीनी खरीद घोटाला, प्याज खरीद घोटाला, सी.एन.जी. घोटाला, वाॅटर वेंडिंग मशीन घोटाला और विज्ञापन घोटाला किया है । इन घोटालों की उच्चस्तरीय जाँच की माँग भाजपा ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा प्रमुख एम.के. मीणा से की थी । वे इन घोटालों की जाँच मुस्तैदी से कर रहे हैं । जाँच के परिणामों से भयभीत दिल्ली सरकार ने अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर जाँच में रोड़ा अटकाने और जाँच को ठंडे बस्ते में डालने के लिए एसीबी चीफ के खिलाफ ही जाँच के आदेश दे दिये हैं । सरकार का यह कदम दर्शाता है कि वह अपने भ्रष्टाचारों को जनता के बीच उजागर नहीं होने देना चाहती है, इसीलिए वह बार-बार भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के कार्यों में अवरोध उत्पन्न कर रही है । सरकार चाहती है कि वह इस शाखा को ही प्रभावहीन बना दे । उपराज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि किसी भी घोटालेबाज को बख्शा नहीं जायेगा ।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछले आठ महीने से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में है, लेकिन उसने अब तक कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे आम जनता को लाभ हुआ हो । सरकार ने जितने भी वायदे सत्ता में आने से पूर्व किये थे, उन सभी को भुला दिया गया है । यह सरकार सिर्फ बयानबाजों की सरकार है । मुख्यमंत्री लगातार उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस, केन्द्रीय गृहमंत्रालय और प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाकर मीडिया में बने रहना चाहते हैं । इसके लिए वे संविधानेत्तर कार्य भी कर रहे हैं जो उनकी अधिकार सीमा में नहीं है । 19 अक्तूबर, 2015 को सरकार ने निर्णय किया है कि दिल्ली पुलिस के समानांतर पुलिस बल गठित किया जायेगा । किशोर न्याय अधिनियम में किशोरों की उम्र 18 वर्ष से घटाकर 15 वर्ष करने तथा किशोर बलात्कारियों सहित अन्य बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान करने की घोषणा की गयी है । ये घोषणाएं सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ही की गयी हैं । दिल्ली सरकार अच्छी तरह जानती है कि वह ऐसे कानून भारतीय संविधान की सीमा में रहकर नहीं बना सकती है, फिर भी लगातार ऐसी भ्रामक घोषणाएं मुख्यमंत्री करते आए हैं ।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से माँग की कि वे दिल्ली सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ चल रही जाँचों में तेजी लाएं ताकि दिल्ली की जनता को पता चल सके कि जिस आम आदमी पार्टी को सत्ता में बिठाया गया है, वह पूरी तरह भ्रष्टाचारों में लिप्त है । इस सरकार के 29 विधायकों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं । आम आदमी पार्टी के ही पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने कहा है कि यदि दिल्ली में सशक्त लोकायुक्त की नियुक्ति हो गयी तो आम आदमी पार्टी के 37 विधायकों को जेल जाना पड़ेगा । सरकार में मंत्री रह चुके तीन विधायकों को जेल की हवा खानी पड़ी है । चार मंत्रियों के विभाग बदले गये हैं । छह लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में हटाये गये आसीम अहमद खान के स्थान पर जिस विधायक को मंत्री बनाया गया है, उनपर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं । उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पर आरोप है कि उन्होंने विज्ञापनों का ठेका देने के लिए अपने रिश्तेदार की कंपनी को चुनकर फायदा पहुँचाया है । कपिल मिश्रा, जितेन्द्र तोमर, मनोज कुमार, सोमनाथ भारती, सुरेन्द्र कुमार आदि पर आपराधिक मामले तथा भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
भाजपा के विधायकों ने आज नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में उपराज्यपाल तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मिलकर माँग की कि वे दिल्ली सरकार द्वारा किये गये पाँच बड़े घोटालों और दर्जनों छोटे घोटालों की समयबद्ध जाँच करके दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रेक तर्ज पर सख्त कानूनी कार्रवाई करें, क्योंकि इन घोटालों से सरकारी खजाने को अरबों रुपये का नुकसान पहुँचाया गया है । यह धन दिल्ली के विकास कार्यों में खर्च किया जाता तो आज दिल्ली की तस्वीर कुछ और होती ।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल तथा पुलिस आयुक्त से कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने चीनी खरीद घोटाला, प्याज खरीद घोटाला, सी.एन.जी. घोटाला, वाॅटर वेंडिंग मशीन घोटाला और विज्ञापन घोटाला किया है । इन घोटालों की उच्चस्तरीय जाँच की माँग भाजपा ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा प्रमुख एम.के. मीणा से की थी । वे इन घोटालों की जाँच मुस्तैदी से कर रहे हैं । जाँच के परिणामों से भयभीत दिल्ली सरकार ने अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर जाँच में रोड़ा अटकाने और जाँच को ठंडे बस्ते में डालने के लिए एसीबी चीफ के खिलाफ ही जाँच के आदेश दे दिये हैं । सरकार का यह कदम दर्शाता है कि वह अपने भ्रष्टाचारों को जनता के बीच उजागर नहीं होने देना चाहती है, इसीलिए वह बार-बार भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के कार्यों में अवरोध उत्पन्न कर रही है । सरकार चाहती है कि वह इस शाखा को ही प्रभावहीन बना दे । उपराज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि किसी भी घोटालेबाज को बख्शा नहीं जायेगा ।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछले आठ महीने से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में है, लेकिन उसने अब तक कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे आम जनता को लाभ हुआ हो । सरकार ने जितने भी वायदे सत्ता में आने से पूर्व किये थे, उन सभी को भुला दिया गया है । यह सरकार सिर्फ बयानबाजों की सरकार है । मुख्यमंत्री लगातार उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस, केन्द्रीय गृहमंत्रालय और प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाकर मीडिया में बने रहना चाहते हैं । इसके लिए वे संविधानेत्तर कार्य भी कर रहे हैं जो उनकी अधिकार सीमा में नहीं है । 19 अक्तूबर, 2015 को सरकार ने निर्णय किया है कि दिल्ली पुलिस के समानांतर पुलिस बल गठित किया जायेगा । किशोर न्याय अधिनियम में किशोरों की उम्र 18 वर्ष से घटाकर 15 वर्ष करने तथा किशोर बलात्कारियों सहित अन्य बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान करने की घोषणा की गयी है । ये घोषणाएं सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ही की गयी हैं । दिल्ली सरकार अच्छी तरह जानती है कि वह ऐसे कानून भारतीय संविधान की सीमा में रहकर नहीं बना सकती है, फिर भी लगातार ऐसी भ्रामक घोषणाएं मुख्यमंत्री करते आए हैं ।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से माँग की कि वे दिल्ली सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ चल रही जाँचों में तेजी लाएं ताकि दिल्ली की जनता को पता चल सके कि जिस आम आदमी पार्टी को सत्ता में बिठाया गया है, वह पूरी तरह भ्रष्टाचारों में लिप्त है । इस सरकार के 29 विधायकों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं । आम आदमी पार्टी के ही पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने कहा है कि यदि दिल्ली में सशक्त लोकायुक्त की नियुक्ति हो गयी तो आम आदमी पार्टी के 37 विधायकों को जेल जाना पड़ेगा । सरकार में मंत्री रह चुके तीन विधायकों को जेल की हवा खानी पड़ी है । चार मंत्रियों के विभाग बदले गये हैं । छह लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में हटाये गये आसीम अहमद खान के स्थान पर जिस विधायक को मंत्री बनाया गया है, उनपर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं । उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पर आरोप है कि उन्होंने विज्ञापनों का ठेका देने के लिए अपने रिश्तेदार की कंपनी को चुनकर फायदा पहुँचाया है । कपिल मिश्रा, जितेन्द्र तोमर, मनोज कुमार, सोमनाथ भारती, सुरेन्द्र कुमार आदि पर आपराधिक मामले तथा भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
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