आप सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है - विजेन्द्र गुप्ता
विजेन्द्र गुप्ता ने राश्ट्रपति से मांग की कि वे दिल्ली सरकार तथा विधानसभा अध्यक्ष को भाजपा विधायकों के अधिकारों तथा जान की रक्षा करने का निर्देष दें
उन्होेंने बताया कि दिल्ली विधानसभा का सत्र शांतिपूर्वक चलाने की जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष और सरकार की है। विपक्ष का काम दिल्ली की जनता के हितों की रक्षा के लिये सदन में आवाज उठाना और जनहित के मुद्दांे को लागू करवाना है। भाजपा के तीनों विधायक इस कार्य में लगातार सदन का सहयोग करते हुये अपनी आवाज उठा रहे थे। संविधान की अवहेलना और लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन में विश्वास करने वाली आम आदमी पार्टी तथा उसके विधायकगण लगातार भाजपा को सरकार बनने के दिन से ही प्रताडि़त कर रहे हैं। चालू सत्र में पहले नेता प्रतिपक्ष को हो-हल्ला करके बोलने नहीं दिया जा रहा है। उनके साथ सत्तापक्ष के विधायकों ने मारपीट और गाली गलौज किया। उन्हें धक्का देकर सदन से बाहर निकालने का कई बार प्रयास किया गया। जनहित की आवाज वे उठा न पायें इसलिए उन्हें मार्शलों की मदद से बार-बार उठाकर बाहर फेंकवाया गया। शहर में भी सत्तापक्ष के इशारे पर कुछ असामाजिक तत्वों ने गाड़ी रोककर उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की गयी। इसकी शिकायत पुलिस तथा विधानसभा अध्यक्ष से की गयी है। नेता प्रतिपक्ष की जान को सत्तापक्ष से खतरा है।
भाजपा के दूसरे वरिष्ठ विधायक श्री ओमप्रकाश शर्मा जब सदन में अपनी बात रख रहे थे तो आप विधायकोें ने उन्हें हल्ला मचाकर बोलने नहीं दिया। विधायिका अल्का लाम्बा ने सदन की मर्यादा तार-तार करके श्री शर्मा पर सदन में ही आरोप लगाया कि वे नशे का धंधा करते हैं। किसी भी सभ्य व्यक्ति पर यह आरोप लगाया जाए तो उसका आक्रोशित होना स्वाभाविक है। इसी आक्रोश में श्री शर्मा ने अपने सामने लगे माइक को अपनी ओर खींचकर अपनी बात रखनी चाही। इसी को सरकार ने मुद्दा बना लिया और श्री शर्मा पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने सदन का माइक तोड़ डाला। देश के अनेक राज्यों की विधानसभाओं में सत्र चलने के दौरान विधायकों द्वारा माइक तोड़ने की घटनाएं आम हैं, लेकिन किसी भी राज्य में बगैर माइक तोड़े विपक्ष के वरिष्ठ विधायक पर माइक तोड़ने का आरोप लगाकर उनका वेतन काटना यह दर्शाता है कि दिल्ली सरकार पूरी तरह बदले की भावना से कार्य कर रही है। इस सरकार में सहिष्णुता का घोर अभाव है। सरकार सदन मंे अमर्यादित, असंवैधानिक तथा अराजक व्यवहार करके जनविरोधी बिल पास कर रही है। जब विपक्ष उसे आइना दिखाता है तो उसे प्रताडि़त किया जाता है।
श्री गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक श्री ओ. पी. शर्मा के मामले को आचार समिति को सौंप दिया गया है। इस कार्य में भी सदन और सरकार ने भेदभावपूर्ण व्यवहार किया है क्योंकि श्री ओ. पी. शर्मा को नशा बेचने वाला कहने वाली विधायिका अल्का लाम्बा के अभद्र व्यवहार को भी विधानसभा अध्यक्ष द्वारा आचार समिति को सांैपना चाहिये था लेकिन उन्हांेने ऐसा न करके सत्तापक्ष का साथ दिया है जो कि सदन की प्रतिष्ठा के खिलाफ है। भाजपा के तीसरे विधायक श्री जगदीश प्रधान को भी आशंका है कि उनके साथ भी सदन में या सदन के बाहर सत्तापक्ष के इशारे पर कभी भी कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है। श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि यदि भाजपा के तीनों विधायकांे पर जानलेवा हमला या अन्य कोई आपराधिक घटना घटती है तो इसके लिए सीधे तौर पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ही जिम्मेदार होगी। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मांग की है कि वे भाजपा के विधायकों तथा उनके परिजनों की सुरक्षा का प्रबंध सुनिश्चित करें।
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