दिल्ली की सरकार का जनता के साथ धोखा - विजेन्द्र गुप्ता
आज ही प्रस्तुत वैट बिल में विषेश अदालत की सही परिभाशा और जनलोकपाल बिल में गलत परिभाशा
उन्होने यह भी कहा कि आज विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाये गये 9 प्रस्तावो को खारिज कर दिया गया जो कि सरकारी विधेयको संवैधानिक तथा विधिक रूप से मजबूत कर पहना रहे थे। इससे साबित हो गया है कि दिल्ली सरकार का षीतकालीन सत्र बेकार गया, इस सत्र में सरकार ने विपक्ष के साथ बदले की भावना से कार्य किया उसने जो भी निणय किए वे जन विरोधी तथा संविधान के विरू़द्ध थे। इनका लागू हो पाना असंभव सा है। सरकार की पोल आज उस समय खुल गई जब उसने वैट कानून तथा जन लोकपाल कानून के बारे में विषेश अदालते गठित करने के लिए दो अलग- अलग परिभाशाएं सदन में पेष कीं। इससे सरकार का दिमागी दिवालियापन खुलकर सामने आ गया है और सदन दिल्ली की जनता और संविधान के प्रति गंभीर नहीं है। वह सिर्फ लोगों को गुमराह कर अपनी राजीनतिक रोटियाॅं सैंकना चाहती है।
उन्होने कहा कि दिल्ली सरकार की अनुभवहीनता का नुकसान दिल्ली की 1.85 करोड़ जनता भुगतेगी। षीतकालीन सत्र में जनता के करोड़ों रूपये बर्बाद किए गए। आम आदमी के नाम पर सत्ता में आई आप सरकार आज खास सरकार हो गई है। क्योंकि विधायकों का वेतन चार गुना बढ़ा दिया गया और जनता की सुख-सुविधाओं के बारे में कोई विचार नहीं किया गया। दिल्ली चतुर्थ वित्त आयोग की सिफारिषों को इस सरकार ने जान बूझकर लागू नहीं किया ताकि तीनों नगर निगम आर्थिक रूप से विकलांग हो जायें और जनता को निगमों द्वारा मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएं।
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