विजेन्द्र गुप्ता ने अरविन्द केजरीवाल से पूछे पाँच तीखे सवाल
दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री से इन सवालों का जवाब चाहती है
1. वर्ष 2015 के सितम्बर महीने में ट्रांसपरेंसी इन्टरनेशनल ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर सूचित किया था कि उनके प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचारों के अनेक आरोप हैं । इसके बाद भी मुख्यमंत्री उनके भ्रष्टाचारों पर पूरी तरह पर्दा डाले रहे । जब सीबीआई ने राजेन्द्र कुमार के कार्यालय, घर तथा 14 अन्य ठिकानों पर एक साथ छापे मारे तो केजरीवाल ने यहाँ तक कहा कि यदि उन्हें पहले बता दिया गया होता तो वे स्वयं राजेन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई करते, परन्तु मुख्यमंत्री द्वारा राजेन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर उनके पत्र का जवाब तक नहीं दिया । सरकार ने अभी तक राजेन्द्र कुमार को निलंबित क्यों नहीं किया है ?
2. वैट विभाग में रहते हुए राजेन्द्र कुमार ने सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का चूना लगाया था । अरविन्द केजरीवाल स्वयं राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं । वे राजेन्द्र कुमार के भ्रष्टाचारों को जानते हुए भी उनसे उनके भ्रष्टाचारों के खिलाफ जवाब क्यों नहीं मांगा ?
3. राजेन्द्र कुमार के सरकारी आवास से सीबीआई ने छापे के दौरान 17 बोतल विदेशी महंगी शराब बरामद की है । उनके घर से अनेक देशों की विदेशी मुद्रा भी बरामद हुई है । स्वयं को महात्मा गांधी और अन्ना हजारे का अनुयायी बताने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल का ऐसे अनैतिक अधिकारी से नजदीकियों का कारण क्या है ? क्या मुख्यमंत्री राजेन्द्र कुमार के खिलाफ आबकारी अधिनियम और विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम के तहत केस दर्ज करायेंगे ?
4. मुख्यमंत्री सीबीआई को केन्द्र सरकार के इशारे पर कार्य करने वाली एजेंसी बता रहे हैं । दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति हो गयी है । क्या मुख्यमंत्री राजेन्द्र कुमार का सारा मामला लोकायुक्त को सौंपेगे ? नेता प्रतिपक्ष ने राजेन्द्र कुमार के भ्रष्टाचारों के मुद्दे को सदन में उठाया था, तब सरकार ने इस मामले पर चर्चा नहीं होने दी थी और संबंधित मंत्री ने सदन में इस विषय पर जवाब तक नहीं दिया था । इससे यह समझा जाए कि सरकार उनके भ्रष्टाचारों को जानती थी और उनपर पर्दा डालना चाहती थी ।
5. अरविन्द केजरीवाल अपने खेमे के अधिकारियों और आप नेताओं के खिलाफ कोई भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर अपना आपा क्यों खो देते हैं ? इसके पहले भी जब भी आम आदमी पार्टी की सरकार के मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे तब पहले मुख्यमंत्री सहित सारी सरकार उनका बचाव करती रही । सबूत सामने आने और जनता के सामने पोल खुल जाने के बाद ही मुख्यमंत्री ने मजबूरन कार्यवाही की । क्या अरविन्द केजरीवाल का भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का यही तरीका है ?
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