आम आदमी केंटीन से ज्यादा जरूरत है मंडी माफिया को समाप्त करने की थोक मंडियों में मंडी माफियाराज समाप्त करायें मुख्यमंत्री - विजेन्द्र गुप्ता
नई दिल्ली, 20 जुलाई । नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे दिल्ली की सभी सब्जी तथा फल मंडियों में फैले ”मंडी माफिया राज” को समाप्त करें ताकि दिल्लीवासियों को सस्ती दरों पर सब्जियां और फल आदि उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि आम आदमी केंटीन से ज्यादा जरूरी है कि मंडी माफिया को समाप्त किया जाये ताकि आम दिल्लीवासी को सब्जियाॅं व फल उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सकें । आज जाने-अनजाने गृहिणियों का माफिया द्वारा परोक्ष रूप से शोषण हो रहा है जिसे अविलम्ब समाप्त किये जाने की आवश्यकता है । उन्होंने समस्त दिल्ली में सरकारी सब्जी और फल स्टोर बड़े पैमाने पर खोलने की भी मांग की है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में मंडी माफिया एक साजिश के तहत सब्जियों और फलों के दामों में मनमाने तरीके से वृद्धि करता रहता है। इस खेल में मंडी के सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। इसका परिणाम यह होता है कि किसान लुटता है और मंडी के ठेकेदार, दलाल, थोक विक्रेता, मंडी माफिया तथा मंडी से सम्बन्धित भ्रष्ट अधिकारी मालामाल होते हैं।
उदाहरणार्थ देश में आलू और प्याज की पैदावार इन दिनों नहीं हो रही है। दिल्ली की मंडियों में वही आलू, प्याज, लहसुन आदि आता है जो थोक विक्रेताओं ने मंडी माफिया के साथ मिलकर दिल्ली के गांवांे में स्थित शीतगृहों में भण्डारित किया है। आजादपुर मंडी, केशोपुर मंडी आदि के 10 किलोमीटर क्षेत्र में जितने गांव आते हैं, उनमें से अधिकांश गांव में थोक विक्रेताओं ने सीजन के समय सस्ता आलू, प्याज, लहसुन आदि खरीद कर भण्डारित कर लिया है। वे ही मंडी में प्रतिदिन इन सब्जियों की आमद घटाते और बढ़ाते रहते हैं। जब आलू, प्याज आदि कोल्ड स्टोरेज से ही आते है और उनका सीजन समाप्त हो गया है तो इनके दाम बढ़ने का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता।
आजादपुर सब्जी मंडी में आलू,प्याज, लहसुन आदि के दाम हर रोज घटते बढ़ते रहते हैं। इसका कारण एक ही है कि मंडी में माफिया राज कायम है। गत दिनांे आजादपुर मंडी में प्याज के दाम कई गुना बढ़ गयेे थे। एक थोक व्यापारी ने मंडी माफिया की मर्जी के बगैर प्याज सस्ती दरों पर बेचना शुुरू किया तो मंडी माफिया ने उस थोक व्यापारी की सरेआम गंुडो द्वारा चाकू से पेट फाड़कर हत्या करवा दी थी। इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही आज तक नहीं हुई है जबकि पुलिस थाना आजादपुर मंडी से ही सटा है।
इन दिनांे दिल्ली में फुटकर बाजार में टमाटर 60 रूपये प्रतिकिलो, तोरई 60 रूपये प्रतिकिलो, लौकी 60 रूपये प्रतिकिलो, टिंडा 50 से 60 रूपये प्रतिकिलो, भिण्डी 40 से 60 रूपये प्रतिकिलो, आलू 25 से 30 रूपये प्रतिकिलो, प्याज 40 रूपये प्रतिकिलो, करेला 60 रूपये प्रतिकिलो, गोभी 80 रूपये प्रतिकिलो, मशरूम 60 रूपये का 200 ग्राम, बैगन 40 से 60 रूपये प्रतिकिलो, बीन्स 20 रूपये का 250 ग्राम, शिमला मिर्च 80 रूपये प्रतिकिलो, अरबी 80 रूपये प्रतिकिलो, कच्चा आम 60 रूपये प्रतिकिलो, हरी मटर 120 रूपये प्रतिकिलो, सीताफल 40 रूपये प्रतिकिलो, नीबू 80 रूपये प्रतिकिलो, अदरक 50 रूपये का 250 ग्राम, हरा धनिया 120 रूपये प्रतिकिलो, लीची 160 रूपये प्रतिकिलो, दशहरी आम 80 रूपये प्रतिकिलो, चैसा आम 140 रूपये प्रतिकिलो, सेब 160 से 200 रूपये प्रतिकिलो के भाव बेचा जा रहा है।
थोक मंडी में इनके दाम किसानों को चैथाई भी नहीं दिया जाता है। सारा मुनाफा मंडी माफिया डकार जाता है। इस बारे में दिल्ली का खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय पूरी तरह मौन है और दिल्ली की जनता हर रोज फुटकर सब्जी और फल विक्रेताओं द्वारा लूटी जा रही है। मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता को लुटने से बचायें और दिल्लीभर में सफल तथा मदरडेयरी के अलावा अलग से एक एजेंसी बनाकर समस्त दिल्ली में बड़ी संख्या में फुटकर सब्जी और फल की बिक्री के लिये दुकानें खुलवायें।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में मंडी माफिया एक साजिश के तहत सब्जियों और फलों के दामों में मनमाने तरीके से वृद्धि करता रहता है। इस खेल में मंडी के सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। इसका परिणाम यह होता है कि किसान लुटता है और मंडी के ठेकेदार, दलाल, थोक विक्रेता, मंडी माफिया तथा मंडी से सम्बन्धित भ्रष्ट अधिकारी मालामाल होते हैं।
उदाहरणार्थ देश में आलू और प्याज की पैदावार इन दिनों नहीं हो रही है। दिल्ली की मंडियों में वही आलू, प्याज, लहसुन आदि आता है जो थोक विक्रेताओं ने मंडी माफिया के साथ मिलकर दिल्ली के गांवांे में स्थित शीतगृहों में भण्डारित किया है। आजादपुर मंडी, केशोपुर मंडी आदि के 10 किलोमीटर क्षेत्र में जितने गांव आते हैं, उनमें से अधिकांश गांव में थोक विक्रेताओं ने सीजन के समय सस्ता आलू, प्याज, लहसुन आदि खरीद कर भण्डारित कर लिया है। वे ही मंडी में प्रतिदिन इन सब्जियों की आमद घटाते और बढ़ाते रहते हैं। जब आलू, प्याज आदि कोल्ड स्टोरेज से ही आते है और उनका सीजन समाप्त हो गया है तो इनके दाम बढ़ने का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता।
आजादपुर सब्जी मंडी में आलू,प्याज, लहसुन आदि के दाम हर रोज घटते बढ़ते रहते हैं। इसका कारण एक ही है कि मंडी में माफिया राज कायम है। गत दिनांे आजादपुर मंडी में प्याज के दाम कई गुना बढ़ गयेे थे। एक थोक व्यापारी ने मंडी माफिया की मर्जी के बगैर प्याज सस्ती दरों पर बेचना शुुरू किया तो मंडी माफिया ने उस थोक व्यापारी की सरेआम गंुडो द्वारा चाकू से पेट फाड़कर हत्या करवा दी थी। इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही आज तक नहीं हुई है जबकि पुलिस थाना आजादपुर मंडी से ही सटा है।
इन दिनांे दिल्ली में फुटकर बाजार में टमाटर 60 रूपये प्रतिकिलो, तोरई 60 रूपये प्रतिकिलो, लौकी 60 रूपये प्रतिकिलो, टिंडा 50 से 60 रूपये प्रतिकिलो, भिण्डी 40 से 60 रूपये प्रतिकिलो, आलू 25 से 30 रूपये प्रतिकिलो, प्याज 40 रूपये प्रतिकिलो, करेला 60 रूपये प्रतिकिलो, गोभी 80 रूपये प्रतिकिलो, मशरूम 60 रूपये का 200 ग्राम, बैगन 40 से 60 रूपये प्रतिकिलो, बीन्स 20 रूपये का 250 ग्राम, शिमला मिर्च 80 रूपये प्रतिकिलो, अरबी 80 रूपये प्रतिकिलो, कच्चा आम 60 रूपये प्रतिकिलो, हरी मटर 120 रूपये प्रतिकिलो, सीताफल 40 रूपये प्रतिकिलो, नीबू 80 रूपये प्रतिकिलो, अदरक 50 रूपये का 250 ग्राम, हरा धनिया 120 रूपये प्रतिकिलो, लीची 160 रूपये प्रतिकिलो, दशहरी आम 80 रूपये प्रतिकिलो, चैसा आम 140 रूपये प्रतिकिलो, सेब 160 से 200 रूपये प्रतिकिलो के भाव बेचा जा रहा है।
थोक मंडी में इनके दाम किसानों को चैथाई भी नहीं दिया जाता है। सारा मुनाफा मंडी माफिया डकार जाता है। इस बारे में दिल्ली का खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय पूरी तरह मौन है और दिल्ली की जनता हर रोज फुटकर सब्जी और फल विक्रेताओं द्वारा लूटी जा रही है। मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता को लुटने से बचायें और दिल्लीभर में सफल तथा मदरडेयरी के अलावा अलग से एक एजेंसी बनाकर समस्त दिल्ली में बड़ी संख्या में फुटकर सब्जी और फल की बिक्री के लिये दुकानें खुलवायें।
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