सस्ती लोकप्रियता के लिए श्री केजरीवाल अससंदीय भाषा के प्रयोग में माहिर : विजेन्द्र गुप्ता
दिल्ली पुलिस के लिए अनुचित शब्दों का प्रयोग करने पर मुख्यमंत्री बिना शर्त माफी मांगें
श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि श्री केजरीवाल असंसदीय भाषा के महारथी हैं । उन्होंने मीडिया के लिये “दलाल “ और ”बिकाउ “ शब्दों का समय समय पर प्रयोग किया है । इसके अतिरिक्त उन्होंने योगेन्द्र यादव और प्रशान्त भूषण को ”कमीना“ और ”साला “भी कहा । इन दोनों के लिये उन्होंने यह भी कहा कि ”पीछे लात मारना” ।
ज्ञात हो कि एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार देते हुये दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली पुलिस के सिपाही को ठुल्ला कहकर सम्बोधित किया । उनका यह कथन, मुख्यमंत्री की शपथ का खुला उल्लंघन है क्योंकि पद की शपथ लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे किसी के साथ अनुराग या द्वेष पूर्वक कार्यवाही नहीं करेंगे। सबके साथ समानता का व्यवहार करेंगे।
श्री गुप्ता ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री केन्द्रीय गृहमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलकर दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीनस्थ करने की प्रार्थना करते हैं दूसरी तरफ इस विशाल रक्षकबल के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर घटिया और असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हैं। मुख्यमंत्री दिल्ली की जनता और पुलिसबल को बताएं कि क्या सभी पुलिसवाले भ्रष्ट हैं?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले भी अपने को अराजक कह चुके हैं। वे संविधान को मानने से भी इंकार कर चुके हैं। 26 जनवरी की परेड को भी वे व्यर्थ बता चुके हैं। मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी वे रेल भवन के सामने धरने पर बैठ चुके हैं। छत्रसाल स्टेडियम में गणतन्त्र दिवस परेड की सलामी लेते समय भी वे दिल्ली के पुलिस वालों को भ्रष्ट कह चुके हैं। उनके मंत्रिमण्डल के मंत्रीगण भी समय-समय पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। उनके विधायक फर्जी डिग्री मामले में जेल जा चुके हैं और कई अन्य के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा चल रहा है। मुख्यमंत्री विधायक मनोज कुमार के मामले में भी पुलिस और जनता को गुमराह कर चुके हैं। अपने घर को साफ सुथरा करने के स्थान पर किसी अनुशासित बल पर असंसदीय टिप्पणी करना मुख्यमंत्री पद की गरिमा को गिराना है। इसके लिये उन्हें तुरन्त दिल्ली की जनता तथा दिल्ली पुलिस से माफी मांगनी चाहिये।
श्री गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, इनके मंत्रीगण, विधायक तथा प्रमुख नेतागणों की रणनीति यह है कि जानबूझकर विवाद पैदा करने वाले बयान दो ताकि जनता में उसकी चर्चा हो और सस्ती लोकप्रियता प्राप्त हो। इसीलिए इनके नेतागण कुमार विश्वास, सोमनाथ भारती, मनीष सिसौदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और स्वयं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल किसी भी मौके पर चूकना नहीं चाहते। वे जानबूझकर घटिया तथा गैर जिम्मेदार असंसदीय भाषा का प्रयोग तथा निम्नस्तरीय आचरण व व्यवहार करते हैं, जिससे जनता गुमराह हो। इन लोगों का सरकार चलाने और जनहित के कार्य करने में कोई विश्वास नहीं है।
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