महिला सेल का पर्यवेक्षण कर रहे दिल्ली सरकार के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिये - विजेन्द्र गुप्ता
विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार की महिला हेल्पलाइन में कार्यरत महिला कर्मचारी को परेशान किये जाने के विरूद्ध पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा
यह बात अब प्रकाश में आई है कि महिला हेल्पलाइन कार्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों को इतना परेशान किया जाता है कि वे आत्महत्या तक के लिये भी तैयार हो जाती हैं। यह पता चला है कि कुमारी अनम ने सुश्री फरूकी के विरूद्ध इन्द्रप्रस्थ इस्टेट पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे पिछले कई महीनों से वह परेशान कर रही हैं। यह भी जानकारी मिली है कि उसे बिना किसी कारण के ही सुश्री फारूकी द्वारा डांटा फटकाराया जाता है।
आत्महत्या के प्रयास की उपरोक्त घटना तो केवल एक झलक मात्र है। श्री गुप्ता ने अपने पत्र में यह मांग की है कि पूरे मामले की जांच जानी चाहिये। यह आवश्यक है कि जिसने इस आत्महत्या के प्रयास के लिये उकसाया उसके विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन कार्यालय में माहौल सरकारी कार्यालय जैसा नहीं है और उन्होंने दिल्ली सरकार पर इस सैल को प्रभावी रूप न चलाने में अपनी जिम्मेदारी न निभाने के लिये प्रश्न उठाया है।
श्री गुप्ता ने पुलिस आयुक्त से इस मामले की गहन जांच कराने और यह सुनिश्चित करने के लिये अनुरोध किया है कि दोषी कोई सामाजिक कार्यकर्ता हो या सरकारी अधिकारी उसके विरूद्ध उचित कार्यवाही की जानी चाहिये।
महिला हेल्पलाइन का पर्यवेक्षण कर रहे सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिये क्योंकि उन्होंने समय पर इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया जिसके कारण कर्मचारी में निराशा हुई और आत्महत्या का प्रयास किया। अधिकारियों पर अपने कर्तव्य का निर्वाहन न करने और जानबूझकर लापरवाही करने का अभियोग लगाया जाना चाहिये।
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