फोन जासूसी पर केजरीवाल सरकार के निर्णय का खुलासा उनकी तानाशाही कार्य प्रवृत्ति को दर्शाता है - सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 29 मई। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आम आदमी तक पर जासूसी करने का अधिकार अपने हाथों में केन्द्रित करने के निर्णय संबंधी एक टीवी चैनल का खुलासा उनकी तानाशाही कार्य प्रवृत्ति को दर्शाता है।
श्री उपाध्याय ने कहा है श्री केजरीवाल की राजनीतिक पाठशाला में विपक्ष और विरोध के लिये कोई स्थान नहीं है। भ्रष्टाचार की आड़ में खरीदे जा रहे जासूसी उपकरण अंततः विरोधियों पर निगाह रखने में उपयोग होंगे चाहें वो अन्य दलों के हों या उनकी आन्तरिक राजनीति के।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि सांविधानिक सुरक्षा नियमों के अनुसार भी फोन जासूसी की जरूरत का आंकलन और उसकी अनुमति देना एक चिन्हित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के द्वारा होता है पर अचम्भा होता है कि दिल्ली सरकार द्वारा काल्पित योजना में जासूसी का आदेश देने का अधिकार स्वयं मुख्यमंत्री का होगा।
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर.पी. सिंह ने कहा है कि यह केजरीवाल सरकार की मानसिकता को दर्शाता है कि महिलाओं और समाज की सुरक्षा के लिये अति महत्वपूर्ण सीसीटीवी कैमरे की खरीद को तो बजट आभाव के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया पर सरकार बनने के कुछ सप्ताह में ही जासूसी उपकरण खरीदने का निर्णय हो गया। इस सरकार के लिये शायद अपने विरोधियों पर निगाह रखना महिला सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
श्री उपाध्याय ने कहा है श्री केजरीवाल की राजनीतिक पाठशाला में विपक्ष और विरोध के लिये कोई स्थान नहीं है। भ्रष्टाचार की आड़ में खरीदे जा रहे जासूसी उपकरण अंततः विरोधियों पर निगाह रखने में उपयोग होंगे चाहें वो अन्य दलों के हों या उनकी आन्तरिक राजनीति के।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि सांविधानिक सुरक्षा नियमों के अनुसार भी फोन जासूसी की जरूरत का आंकलन और उसकी अनुमति देना एक चिन्हित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के द्वारा होता है पर अचम्भा होता है कि दिल्ली सरकार द्वारा काल्पित योजना में जासूसी का आदेश देने का अधिकार स्वयं मुख्यमंत्री का होगा।
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर.पी. सिंह ने कहा है कि यह केजरीवाल सरकार की मानसिकता को दर्शाता है कि महिलाओं और समाज की सुरक्षा के लिये अति महत्वपूर्ण सीसीटीवी कैमरे की खरीद को तो बजट आभाव के चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया पर सरकार बनने के कुछ सप्ताह में ही जासूसी उपकरण खरीदने का निर्णय हो गया। इस सरकार के लिये शायद अपने विरोधियों पर निगाह रखना महिला सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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