दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी नेता दिल्ली के उपराज्यपाल से मिले
दिल्ली भाजपा ने उपराज्यपाल से मीडिया के विरूद्ध जारी किये गये परिपत्र को वापस लेने, किसानों और रोड रेज में मृत डीटीसी कर्मचारी के परिवार को उचित मुआवजा देने के लिए किया अनुरोध
के नेतृत्व में आज दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलकर जनकल्याण और उचित मुआवजा देने तथा मीडिया की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी सम्मिलित थे। इनमें प्रमुख हैं, सांसद श्री रमेश बिधूड़ी, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता, विधायक श्री ओम प्रकाश शर्मा, श्री जगदीश प्रधान, प्रदेश महामंत्री श्री आशीष सूद, श्रीमती रेखा गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. रजनी अब्बी, श्रीमती विशाखा शैलानी, श्री जय प्रकाश, श्रीमती शिखा राय, श्री अभय वर्मा, श्रीमती किरण चड्डा, श्री कुलजीत सिंह चहल और श्री प्रवीण शंकर कपूर।
भाजपा नेताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा मीडिया और सामाजिक राजनैतिक कार्यकत्र्ताओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने के लिए जारी किया गया परिपत्र, किसानों को हुये नुकसान के लिए मुआवजा और रोड रेज में मारे गये डीटीसी चालक के परिवार को मुआवजा देने के मुद्दों पर उपराज्यपाल को विस्तृत ज्ञापन दिये।
राजनिवास के बाहर इन मुद्दों पर मीडिया से बात करते हुये दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली भाजपा ने उपरोक्त मुद्दों पर ज्ञापन दिये हैं और उपराज्यपाल से यह अनुरोध किया है कि वे दिल्ली के मुख्य सचिव से मीडिया विरोधी परिपत्र, किसानों को समुचित मुआवजा न दिये जाने और ड्यूटी पर मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को मुआवजा देने में दिल्ली सरकार के दोहरे मानदंड पर रिपोर्ट मांगें।
श्री उपाध्याय ने कहा कि हमनें उपराज्यपाल का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया है कि पिछले तीन महीनों से दिल्ली सरकार के मंत्री और सत्तारूढ़ दल के विधायकों के विरूद्ध अनेक विवादस्पद मामलों और गैर कानूनी कार्यों में लिप्त होने की अनेक शिकायतें मिली हैं। शायद यही कारण है कि दिल्ली सरकार ने मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने के लिए परिपत्र जारी किया है।
श्री उपाध्याय ने यह भी कहा कि आज हमने किसानों, डीटीसी कर्मचारी और मीडिया की शिकायतों को दूर करने के लिए प्रशासनिक उपाय ढूढने का प्रयास किया है किन्तु यदि दिल्ली सरकार जनता की समस्याओं का समाधान करने में असफल रहती है तो भाजपा को आन्दोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होना पड़ेगा।
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