अपनी विधायी ताकत का दुरूपयोग कर श्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी में अपने समकक्ष नेतृत्व को समाप्त किया - सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 28 मार्च। आम आदमी पार्टी में आज हुये कलह पर पत्रकारों के मध्य प्रतिक्रिया देते हुये दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा कि राजनीतिक दलों में मतभेद, विभाजन या दलबदल कोई नई बात नहीं है पर अपनी विधायी ताकत का दुरूपयोग कर जिस प्रकार श्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी में अपने समकक्ष नेतृत्व को समाप्त किया है यह एक बिल्कुल नया अनुभव है।
लोकतंात्रिक व्यवस्था में यह सब हर दल में हुआ है पर जिस प्रकार आज आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ सदस्यों के साथ हिंसा एवं धक्का मुक्की हुई, ऐसा पहले कभी दिल्ली में नहीं देखा गया।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि ऐसा नहीं कि श्री योगेन्द्र यादव एवं श्री प्रशांत भूषण आदि ने आप के लिये कम कार्य किया है। चुनाव के दौरान हम लगभग हर दूसरे टीवी चैनल पर श्री योगेन्द्र यादव को आप की ओर से मोर्चा संभाले देखते थे। दिल्ली देहात में भी श्री यादव ने आप के लिये अत्याधिक काम किया पर आश्चर्य होता है कि चुनाव जीतते ही उन पर चुनाव में भीतरघात के आरोप लगाये जा रहे हैं।
विगत 40 दिन से दिल्ली में विधायकों एवं वरिष्ठ कायकर्ताओं के बीच श्री अरविंद केजरीवाल एवं श्री मनीष सिसोदिया ने जिस प्रकार दिल्ली के सरकारी पदों की बंदरबांट की थी, ऐसा लगता है कि वह संगठन युद्ध में विधायकों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का समर्थन मूल्य था।
लोकतंात्रिक व्यवस्था में यह सब हर दल में हुआ है पर जिस प्रकार आज आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ सदस्यों के साथ हिंसा एवं धक्का मुक्की हुई, ऐसा पहले कभी दिल्ली में नहीं देखा गया।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि ऐसा नहीं कि श्री योगेन्द्र यादव एवं श्री प्रशांत भूषण आदि ने आप के लिये कम कार्य किया है। चुनाव के दौरान हम लगभग हर दूसरे टीवी चैनल पर श्री योगेन्द्र यादव को आप की ओर से मोर्चा संभाले देखते थे। दिल्ली देहात में भी श्री यादव ने आप के लिये अत्याधिक काम किया पर आश्चर्य होता है कि चुनाव जीतते ही उन पर चुनाव में भीतरघात के आरोप लगाये जा रहे हैं।
विगत 40 दिन से दिल्ली में विधायकों एवं वरिष्ठ कायकर्ताओं के बीच श्री अरविंद केजरीवाल एवं श्री मनीष सिसोदिया ने जिस प्रकार दिल्ली के सरकारी पदों की बंदरबांट की थी, ऐसा लगता है कि वह संगठन युद्ध में विधायकों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का समर्थन मूल्य था।
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