संस्थापक सदस्यों द्वारा उठाये फंड के दुरूपयोग का मामला गंभीर, स्वास्थ्य खराब, ‘आप’ का हो रहा है कांग्रेसीकरण - उपाध्याय
नई दिल्ली, 7 मार्च। दिल्ली भाजपा कार्यालय में आज पत्रकारों से बातचीत के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री
सतीश उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी के अंदरूनी उठापटक से हमारा कोई सरोकार तो नहीं पर यह चिंता का विषय है कि पार्टी के संस्थापक सदस्य यह मुद्दा उठा रहे हैं कि आज ‘आप’ कांग्रेस की ही तरह एक व्यक्तिवादी पार्टी बन गई है। श्री उपाध्याय ने कहा कि चिंता का विषय है कि समाज सेवा एवं स्वयंसेवियों के नाम पर बनी राजनैतिक पार्टी स्थापना के कुछ ही समय में व्यक्तिवादी हो गई है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि ‘आप’ के संस्थापक सदस्य श्री प्रशांत भूषण द्वारा पार्टी में पारदर्शिता के उल्लंघन, पार्टी के नीति निर्धारण, फंड व्यय जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए स्थाई नीति के अभाव, चुनावों के नाम पर स्वयंसेवकों के दुरूपयोग, शराब एवं पैसे के दुरूपयोग और संवेदनशील पोस्टर निकालने जैसे मुद्दों को उठाये जाने के साथ साथ पार्टी की मीटिंग नियमित रूप से न करने और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के अभाव के आरोप लगाया जाना यह दर्शाता है कि आप का स्वास्थ्य अब खराब हो चला है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि किसी भी राजनैतिक दल के लिये संस्थापक सदस्यों द्वारा अनधिकृत रूप से धन लेन-देन के आरोप गंभीर चिंता का विषय है।
इसी तरह उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य संस्थापक नेता श्री योगेन्द्र यादव एवं श्री मयंक गांधी द्वारा भी लगातार इस प्रकार के आंतरिक लोकतंत्र संबंधित आरोप मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक हुये हैं जो सभी हमें यह दर्शाते हैं कि स्वास्थ्य खराब, ‘आप’ का कांग्रेसीकरण हो रहा है और यह पार्टी व्यक्तिवादी बनती जा रही है।
सतीश उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी पार्टी के अंदरूनी उठापटक से हमारा कोई सरोकार तो नहीं पर यह चिंता का विषय है कि पार्टी के संस्थापक सदस्य यह मुद्दा उठा रहे हैं कि आज ‘आप’ कांग्रेस की ही तरह एक व्यक्तिवादी पार्टी बन गई है। श्री उपाध्याय ने कहा कि चिंता का विषय है कि समाज सेवा एवं स्वयंसेवियों के नाम पर बनी राजनैतिक पार्टी स्थापना के कुछ ही समय में व्यक्तिवादी हो गई है।
श्री उपाध्याय ने कहा कि ‘आप’ के संस्थापक सदस्य श्री प्रशांत भूषण द्वारा पार्टी में पारदर्शिता के उल्लंघन, पार्टी के नीति निर्धारण, फंड व्यय जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए स्थाई नीति के अभाव, चुनावों के नाम पर स्वयंसेवकों के दुरूपयोग, शराब एवं पैसे के दुरूपयोग और संवेदनशील पोस्टर निकालने जैसे मुद्दों को उठाये जाने के साथ साथ पार्टी की मीटिंग नियमित रूप से न करने और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के अभाव के आरोप लगाया जाना यह दर्शाता है कि आप का स्वास्थ्य अब खराब हो चला है।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि किसी भी राजनैतिक दल के लिये संस्थापक सदस्यों द्वारा अनधिकृत रूप से धन लेन-देन के आरोप गंभीर चिंता का विषय है।
इसी तरह उन्होंने कहा कि पार्टी के अन्य संस्थापक नेता श्री योगेन्द्र यादव एवं श्री मयंक गांधी द्वारा भी लगातार इस प्रकार के आंतरिक लोकतंत्र संबंधित आरोप मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक हुये हैं जो सभी हमें यह दर्शाते हैं कि स्वास्थ्य खराब, ‘आप’ का कांग्रेसीकरण हो रहा है और यह पार्टी व्यक्तिवादी बनती जा रही है।
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