दिल्ली को यह बात समझनी होगी कि अब दिल्ली एक नई लीग में प्रवेश कर रही है- पी चिदंबरम
दिल्ली निगर निगमों के वित्तिय प्रबंधन को किस प्रकार से मजबूत किया जाये उसके लिए एक “Draft Blueprint for self-Reliant Delhi’s Municipal Corporations” दस्तावेज को जारी किया।
निगम में कांग्रेस आने के पश्चात 2000 करोड़ रुपये का कोष बनाऐगी जिसे दिल्ली के उन क्षेत्रों में खर्च होगा जहां पर विकास न के बराबर हो ताकि वहां के लोग भी गर्व से कह सके कि वे भी विकसित दिल्ली में रहते हैं- अजय माकन
बोम्बे म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के पास 51000 करोड़ रुपये के फिक्स डिपोजिट है, दूसरी ओर दिल्ली नगर निगम है जिनके पास सफाई कर्मचारियों को वेतन, एरियर देने तथा वृद्धो, विधवाओं तथा दिव्यांगों को पेन्शन देने के लिए पैसा नही है- अजय माकन
कांग्रेस पार्टी ने सत्ता के विकेन्द्रीकरण को अमलीजामा पहनाकर संविधान में संशोधन करने के पश्चात नगर निगम व नगर पालिका में चुनाव निश्चित किए तथा आरक्षण को भी लागू किया- ज्योतिरादित्य सिंधिया
एकाउंट्स का ऑडिट, एसेट वेरिफिकेशन तथा पारदर्शिता और जवाबदेही लाकर निगमों के वित्तिय ढांचे को मजबूत बनाया जा सकता है- ज्योतिरादित्य सिंधिया
नई दिल्ली, 6 मार्च, 2017- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय माकन, भारत सरकार के पूर्व वित्तमंत्री श्री पी. चिदम्बरम तथा भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज दिल्ली निगर निगमों के वित्तिय प्रबंधन को किस प्रकार से मजबूत किया जाये उसके लिए एक “Draft Blueprint for self-Reliant Delhi’s Municipal Corporations” नामक दस्तावेज को जारी किया। यह दस्तावेज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा बनाया गया था। दस्तावेज की प्रतिलिपि संलग्न है। इस दस्तावेज को दिल्ली कांग्रेस की वेबसाईट पर डाला जायेगा ताकि लोग निगमों को आत्म निर्भर बनाया जाये, इस पर अपनी राय दे सकें।
कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय माकन, भारत सरकार के पूर्व वित्तमंत्री श्री पी. चिदम्बरम तथा भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली प्रभारी श्री पी.सी. चाको, अ0भाक0कमेटी सचिव कुलजीत नागरा, मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, निम में विपक्ष के नेता फरहाद सूरी, मुकेश गोयल और वरयाम कौर तथा कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर एवं पूर्व विधायक श्री देवेन्द्र यादव भी मौजूद थे।
निगमों को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जाये इसका दस्तावेज जारी करते हुए श्री माकन ने कहा कि भाजपा के 10 साल के कुशासन का पता इस बात से चलता है कि निगमों में विकास इस दौरान निचले स्तर पर जा चुका है। क्योंकि निगम के सफाई कर्मचारियों को पांच-पांच बार अपना वेतन लेने के लिए हड़ताल पर जाना पड़ा। सफाई कर्मचारियों का 1559 रुपया बकाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्ष में तो निगमों की हालत और खस्ता हो गई है। दिल्ली नगर निगम व इसके चुने हुए प्रतिनिधियां को कटौरा लेकर दिल्ली सरकार व केन्द्र सरकार के पास धन के लिए जाना पड़ता है।
श्री माकन ने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि वृद्धो, विधवाओं तथा दिव्यांग लोगों को दक्षिणी नगर निगम में 20 महीनों, उतरी निगम में 27 महीने तथा पूर्वी निगम में 44 महीनों से पेन्शन नही मिली है। श्री माकन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नही है कि निगमों के लिए प्रर्याप्त मात्रा में पैसा एकत्रित किया जाए बल्कि यह भी बहुत जरुरी है कि उस राशि को इस्तेमाल किया जाता है।
श्री माकन ने कहा कि यदि निगम में कांग्रेस आई तो 2000 करोड़ रुपये का कोष बनाया जायेगा जो कि उन क्षेत्रों में खर्च होगा जहां पर विकास न के बराबर है। श्री माकन ने कहा कि इस समय दो प्रकार की दिल्ली है जो कि बहुत सुंदर है तथा विश्वसुन्दरीय है। तथा दूसरी दिल्ली ऐसी है जहां पर आधारभूत सुविधाऐं तक नही है। जैसे कि अनाधिकृत कालोनियां तथा झुग्गी झौपडियां। इस कोष को इन क्षेत्रों में खर्च किया जायेगा ताकि यहां पर रहने वाले लोग गर्व से यह कह सके कि वे भी सुदंर दिल्ली में रह रहे है। उन्होंने कहा कि 2000 करोड़ रुपये के कोष को किस प्रकार अविकसित क्षेत्रों में खर्च किया जाये उसके लिए एक रोड मेप तैयार किया जायेगा।
श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद दिल्ली के 5 लाख रेहड़ी पटरी वालों को चिन्हित करके वेडिंग लाइसेंस देने के लिए ध्यान देगी क्योंकि कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने ही रेहडी पटरी संरक्षण कानून बनाया था। इस कानून में यह भी प्रावधान है कि शहरी क्षेत्रों की कुल जनसंख्या का ढाई प्रतिशत लोगों को रेहड़ी पटरी का लाइसेंस मिले। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली के लोगों की हालत यह है कि लोगों 14534 लोगों को वेंडिग लाइसेंस दिए गए है तथा अन्य रेहड़ी पटरी वालो को निगम व पुलिस के अधिकारियों को अपनी रेहड़ी पटरी लगाने के लिए प्रतिदिन 150 से 1000 रुपये प्रतिदिन देने पड़ते है। श्री माकन ने कहा कि यदि रेहडी पटरी कानून दिल्ली में पूरी तरह से लागू हो जाता है और यदि रेहडी पटरी वाले से 1000 रुपये महीना भी सरकार लेती है तो 600 करोड़ रुपया प्रतिवर्ष अलग से राजस्व एकत्रित किया जा सकता है। तथा इस राशि से सफाई कर्मचारियों का एरियर 1559.19 करोड़ रुपया ढाई वर्ष में अदा किया जा सकता है।
श्री माकन ने कहा कि निगम के टोल कलैक्शन में भ्रष्टाचार है तथा पारदर्शिता नही है। श्री माकन ने कहा कि दक्षिणी निगम ने 2014 मेंShriram Institute for Industrial Research (SIIR) को एक सर्वे कराने के लिए कहा था कि कितने वाहन दिल्ली में आते है और कितना टोलटैक्स उनसे अर्जित हो सकता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 1922 करोड़ रुपया टोलटैक्स से एकत्रित हो सकता है। परंतु पिछले वर्ष जितना अनुमानित टोल टैक्स इकट्ठा किया जा सकता है तथा इसमें 1135.12 करोड़ रुपये की कमी आई। उन्होंने कहा कि यदि 3 प्रतिशत एकत्रित करने के चार्ज तथा 15 प्रतिशत कांट्रेक्टर का लाभ भी कम कर दिया जाये उसके बावजूद भी प्रतिवर्ष 1574 करोड़ रुपया टोल टैक्स से इक्ट्ठा किया जा सकता है। श्री माकन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में गृहकर एक समान एकत्रित हो रहा है। उन्होंने कहा कि चौथे वित आयोग 2013 की रिपोर्ट में यह कहा है कि कुल देनदार प्रोपर्टियों में से केवल एक तिहाई से ही टैक्स लिया जाता है। अर्थात 1600 करोड़ रुपया केवल 33 प्रतिशत प्रोपर्टियों से ही प्राप्त होता है। यदि हम इसको जीआईएस व अन्य तकनीकों के द्वारा 80 प्रतिशत कर दे तो 2278 की बढ़ौतरी के साथ गृह कर से अर्जित कुल राजस्व 3878 करोड़ रुपया हो सकता है।
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद का उदाहरण देते हुए श्री माकन ने कहा कि एनडीएमसी का 95 प्रतिशत खर्चा आंतरिक राजस्व से आता है और केवल 5 प्रतिशत के लिए यह केन्द्र व दिल्ली सरकार पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी ने अपने संसाधनों का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया है तथा किराये की आमदनी से ही 450 करोड़ रुपया प्रतिवर्ष कमाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कोर्पोरेशन भी किराऐ से काफी राजस्व प्राप्त करती है। उन्होंने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि निगमों के पास इतना बड़ा लैंड बैंक होने के बावजूद भी अच्छी कमाई नही हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि निगम अच्छा काम करे तो म्यूनिसिपल बांड भी जारी किए जा सकते है तथा उनसे आए पैसे से को निगमों के पास पड़े लैंड बैंक को विकसित करके कमाई की जा सकती है। उन्होंने बोम्बे म्यूनिसिपल कार्पोरेशन का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास 51000 करोड़ रुपये के फिक्स डिपोजिट है, दूसरी ओर दिल्ली नगर निगम है जिनके पास सफाई कर्मचारियों को वेतन, एरियर देने तथा वृद्धो, विधवाओं तथा दिव्यांगों को पेन्शन देने के लिए पैसा नही है।
श्री माकन ने कहा कि यूएलबी की पारदर्शिता, जवाबदेही तथा सहभागिता के पायदान पर दिल्ली नीचे से छठे स्थान पर आती है तथा मुम्बई पहले स्थान पर है। यह साफ जाहिर करता है कि दिल्ली निगमों की कितनी खस्ता हालत है।
भारत के पूर्व वित्त मंत्री व सांसद श्री पी. चिदंबरम ने कहा कि दिल्ली जैसे महानगर, मेगापॉलिस, छोटी निगम व ग्राम पंचायत एक जैसे नही हैं। 1000 लोगों की जरुरत का प्रबंधन करना व 100 लाख लोगों की जरुरत का प्रबंधन भी एक जैसा नही हो सकती।
श्री चिदंबरम ने कहा कि टोकियो, न्यूयार्क, सिंघाई तथा बीजिंग इत्यादि बहुत बड़ी निगमें है। दिल्ली व मुम्बई तथा उसके बाद कोलकाता व चैन्नई भी इसके साथ आकर खड़ी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति बैलगाडी चलाने में सक्षम है वह जरुरी नही है कि जैट प्लेन चला सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली को यह बात समझनी होगी कि अब दिल्ली एक नई लीग में प्रवेश कर रही है। उन्होंने कहा दिल्ली के तीनों नगर निगम जो एक ही पार्टी द्वारा चलाई जा रही है उनमें होड़ लग रही है कि कौन किस से खराब है। उन्होंने कहा कि आज जारी किए गए ड्राफ्ट में प्रशासन को पुर्नगठन किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस प्लान को सभी लोगों को मानना व अपनाना चाहिए और आने वाले 5 या 10 वर्षों में इस प्लान के द्वारा दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बना दिया जायेगा।
श्री चिदंबरम ने कहा कि जो लोग दिल्ली को लंदन जैसा बनाना चाहते है उनको दिल्ली को 20 वर्ष पहले की दिल्ली बनाना चाहिए क्योंकि 20वर्ष पहले की दिल्ली आज की दिल्ली से बहुत बेहतर दिल्ली थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली को एक मजबूत योजना चाहिए। उन्होंने दिल्लीवालों से यह अपील की कि इस अवसर का फायदा उठाते हुए अगले 10 दिनों में अपने सुझाव दे ताकि दिल्ली को रहने का रहने लायक शहर बनाया जा सके।
अपने सम्बोधन में भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता के विकेन्द्रीकरण को अमलीजामा पहनाकर संविधान में संशोधन करने के पश्चात नगर निगम व नगर पालिका में चुनाव निश्चित किए तथा आरक्षण को भी लागू किया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की सोच थी कि भारत का अंतिम नागरिक अपनी सोच और अपने मत के द्वारा अपने भविष्य का निर्माण करे, क्योकि महात्मा गांधी की सोच भी थी कि आधुनिकता और प्रगति का लाभ भी अंतिम व्यक्ति को मिले।
श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारे देश में शहरीकरण बड़ी तेज गति से चल रहा है परंतु दिल्ली यह शहरीकरण बिना योजना के हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी तकरीबन 2 करोड़ के करीब पहुचने वाली है और 2 करोड़ की आबादी वाले विश्व के कई देश हैं। उन्हांने कहा कि निगमों की आमदनी, राष्ट्रीय घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत भी नही है। अभी हाल ही में 4th Annual Survey of India Civic System 2016 की रिपोर्ट में यह आया है कि दिल्ली दो स्थान नीचे गिरकर 9वें स्थान पर पहुच गई है। दिल्ली की स्थिति यह है कि सड़कों में बड़े-बड़े गड्डे है, सफाई की व्यवस्था, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी अनेक बीमारियां यहां फैलती दिखती हैं और इसके साथ यहां सीवरेज की समस्या भी है। तीनों नगर निगमों में भाजपा का शासन है और दिल्ली की खराब स्थिति न सिर्फ दिल्ली के नागरिक बल्कि राष्ट्रीय नागरिक की चिंता का भी विषय है क्योंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है। आप पार्टी और भाजपा में नुराकुश्ती चल रही है, दोनो का ध्यान विकास की ओर नही है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का उदाहरण देते हुए श्री सिधिंया ने कहा कि जब निगमों को बांटा गया था उस समय दक्षिणी नगर निगम को 809 करोड़ रुपया सरकार की तरफ से मिला था जिसमें से आज तक केवल 359 करोड़ रुपया वापस हुआ है तथा 500 करोड़ का कर्ज आज भी बकाया है। इनके बजटीय आउटले 4080 करोड़ का 50 प्रतिशत राशि आज भी खर्च नही हुई है।
श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि दिल्ली के सफाई कर्मचारियों की दुर्दशा हो रही है क्योंकि उतरी नगर निगम में 550.07 करोड़ रुपया, दक्षिणी नगर निगम में 547.30 करोड़ सफाई कर्मचारियों के एरियर के रुप में और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सभी कर्मचारियों के 461.82 करोड़ रुपया एरियर के रुप में बकाया है। अर्थात तीनों नगर निगमों में 1559.19 करोड़ रुपया एरियर के रुप में कर्मचारियों को देना बाकी है। श्री सिंधिया ने मुम्बई और दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि मुम्बई में 23000 प्रति व्यक्ति बीएमसी द्वारा खर्च किया जाता है। दूसरी ओर दिल्ली में 800 रुपये प्रति व्यक्ति निगमों द्वारा खर्च किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें बजटीय घाटे को कम करने के उपाय भी करने होंगे।
श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सबसे पहले प्रोपर्टी कलैक्शन को बढ़ाना होगा उसके बाद दिल्ली के 263 पार्किंग लाट से माफिया को खत्म करके दुगना राजस्व बढ़ाया जा सकता है और आउटडोर विज्ञापन में भी माफिया को खत्म करना होगा, जो सिर्फ पारदर्शिता के द्वारा बिडिंग आप्शन तथा लीज़ देकर आउटडोर विज्ञापन का राजस्व बढ़ाया जा सकता है। म्यूनिसिपल बांड जारी करके निगमों की स्थिति सुधारी जा सकती है। उन्होंने कहा कि एकाउंट्स का ऑडिट हो तथा एसेट वेरिफिकेशन हो और पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जाए तो निगमों के वित्तिय ढांचे को मजबूत बनाया जा सकता है। इसके बाद ही दिल्ली वर्ल्ड क्लास शहर बन सकता है।
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