श्री सिसोदिया का बजट भाशण सरकार की विफलता को छिपाने का चालाकी भरा प्रयास - विजेन्द्र गुप्ता
विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री विजेन्द्र गुप्ता ने आज उप मुख्यमंत्री श्री मनीश सिसोदिया द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत किये गये बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि यह बजट भाषण दिल्ली सरकार की वर्ष 2015-16 के लिये निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त न कर पाने की विफलता को छिपाने का चालाकी भरा प्रयास है । उन्होंने कहा कि श्री सिसोदिया के सम्बोधन में बड़ी-बड़ी बातें चाषनी लगाकर कहीं हैं, लेकिन सत्य यह है कि आंकड़ों के अनुसार सरकार वेट इत्यादि बढ़ाने के बावजूद भी अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने में पूरी तरह विफल रही है । इसके साथ ही साथ सरकार ने वर्ष 2015 में चुनाव पत्र में जो घोशणायें की थीं उनमें से अनेक वायदों को अभी तक पूरा नहीं किया गया । चॅूंकि भाशण में कई ऐसी योजनायें हैं जो इस वित्त वर्ष के प्रारम्भ में घोशित की गईं थीं, परंतु अब उन्हें क्रियान्वयन न होने के बाद पुनः वर्ष 2016-17 में बड़ी चालाकी के साथ सम्मिलित कर लिया गया है । हम यह कह सकते हैं कि नई बोतल में पुरानी षराब परोसी गई है । श्री सिसोदिया को पुरानी योजनाओं को नये रेपर में परोसने में महारथ हासिल है ।
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार वित्तीय तथा क्रियान्वयन में फिसड्डी साबित हुई हैं । उसने चालू वित्त वर्ष के लिये योजना मद के अंतर्गत 19000 करोड़ रूपये रखे थे । परंतु समुचित योजनायें तैयार न होने के कारण आवंटित राषि को घटाकर अधिकारिक रूप से 16,400 रूपये कर दिया । इस प्रकार सरकार ने स्वयं ही आवंटित राषि में 2600 करोड़ रूपये की कटौती कर दी । परंतु वास्तविक स्थिति यह है कि सरकार का 31 मार्च तक मात्र 10,000 करोड़ रूपये व्यय होने का अनुमान है । इस प्रकार योजना मद के अंतर्गत सरकार ने 9,000 करोड़ रूपये कम खर्च करे हैं । यह आवंटित राषि का आधे से कम है ।
विपक्ष के नेता ने कहा कि गैर योजना व्यय में भी आवंटित राषि पूरी तरह खर्च नहीं हो पाई । अब सरकार यह कह रही है कि उसने फिजूलखर्ची रोकी है इसलिए ऐसा हुआ है । परंतु तथ्य यह है कि इस मद में सरकार ने 22,129 करोड़ रूपये रखे थे और खर्च होने का अनुमान है 21,565 करोड़ रूपये । इस प्रकार सरकार ने इस मद में 564 करोड़ रूपये कम खर्च किए । श्री सिसोदिया का कहना है कि उन्होंने उत्तरी और पूर्वी नगर निगमों को 551 करोड़ रूपये का अप्रत्याषित व्यय भी सम्मिलित है । इस प्रकार यदि हम इस राषि को भी सम्मिलित कर लें तो दिल्ली सरकार ने 1,115 करोड़ रूपये कम व्यय किये । योजना तथा गैर योजना मदों के अंदर चालू वित्त वर्श में कम राषि का व्यय होना यह दर्षाता है कि सरकार योजनाओं व कार्यों पर पूरी तरह काम करने में विफल रही । यह फिसड्डीपन सरकार की कार्यषैली और क्षमताओं का प्रतिबिम्ब है ।
प्रतिपक्ष के नेता श्री विजेन्द्र गुप्ता ने याद दिलाया कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के प्रारम्भ के बजट प्रस्तुत करते हुये कहा था कि वित्त वर्श के अंत तक 20,000 नियमित षिक्षकों की भर्ती करने की सम्भावना है । इस वर्श के दौरान सरकार ने पूरी कार्यकुषलता को दिखाते हुये एक भी नियमित षिक्षक भर्ती नहीं कर पाई । श्री सिसोदिया ने बताया कि अभी षिक्षा निदेषालय में 9,623 अध्यापकों के पदों का सृजन कर दिया है । दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के ट्रेक रिकार्ड, कार्यकुषलता तथा भ्रश्टता को देखते हुये अगले कई वर्शों तक एक भी पद भरे जाने की सम्भावना नहीं है । 236 नये स्कूल खोलने की योजना थी, जिसमें से एक भी स्कूल नहीं खोला गया । वित्तमं़त्री ने अपने सम्बोधन में बताया कि 25 नये स्कूल भवनों के निर्माण का कार्य चल रहा है । श्री गुप्ता ने कहा कि ये स्कूल वो हैं जिन पर पिछली सरकार ने पहले से ही कार्य षुरू किया हुआ था । 50 स्कूलों को माडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना था अभी तक एक भी माडल स्कूल विकसित नहीं किया जा सका है ।
विपक्ष के नेता ने बताया कि सरकार ने चालू वित्त वर्श में 1000 नये मोहल्ला क्लिनिक खोलने की योजना बनाई थी । तथ्य यह है कि एक ऐसा मोहल्ला क्लिनिक पीरागढ़ी में खोला जा चुका है जिससे कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति की षुरूआत हो चुकी है । 500 में से मात्र 01 क्लिनिक खोलना सरकार की विफलता स्वयं बखान कर रहा है । सरकार ने वायदा किया था कि क्लिनिकों, डिस्पेंसरियों के माध्यम से निःषुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जायेंगी । किडनी के गरीब मरीजों के लिये राजीव गांधी सुपर स्पेषियलिटी हास्पीटल तथा लोक नायक अस्पताल में 40 डायलिसस यूनिट तथा अन्य स्थानों पर 35 यूनिट स्थापना की बात की गई थी । चालू वित्त वर्श में पी.पी.पी. आधार पर 100 बेसिक तथा 10 एडवांस केट्स एम्बुलेंस उपलब्ध कराने का वायदा किया गया था । श्री गुप्ता ने जानकारी दी कि इन्हें पूरा नहीं किया और अब इसे दोबारा पेक करके प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्ष के नेता ने कहा कि इसके अतिरिक्त 08 डिस्पेंसरियों लोकनायक अस्पताल में एडवांस ट्रामा केयर सेंटर, द्वारका स्थित हास्पिटल कम मेडिकल कालेज में 700 बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाकर 1500 बिस्तर करना, बुराड़ी नवनिर्मित अस्पताल में 200 बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 800 करना तथा अम्बेडकर नगर स्थित अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 200 से 600 करना, जैसे आधारभूत कार्य चालू वित्त वर्ष में पूरे नहीं किये गये परंतु उन्हें वित्तमंत्री द्वारा दोबारा प्रस्तुत किया गया है ।
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि वित्तमंत्री का भाशण निराषाजनक ही रहा क्योंकि इसमें ठोस उपलब्धियॉं नदारद हैं और आगामी वर्श के लिये आषाजनक योजनाओं की रूपरेखा नहीं है । सरकार ने प्याज और आलू के बफर स्टॉक बनाने का वायदा किया था । सरकार ने इसे सुविधापूर्वक भुला दिया । सभी कालेजों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 31 मार्च 2016 तक निःशुल्क वाईफाई सेवायें उपलब्ध कराना सरकार की सोच में ही नहीं रहा ।
श्री गुप्ता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री ने अनधिकृत कालोनियों, पुनर्वास कालोनियों, झुग्गी झोपड़ी समूहों के विकास के जितने वायदे अपने वर्श 2015-16 के बजट भाशण में किये थे उनमें से चालू वित्त वर्ष में एक वायदा भी पूरा नहीं किया गया । अब उन्हीं वायदों को दोबारा रि-पेक करके पेष किया गया है ।
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