दिल्ली सरकार का बजट गैर विकासवादी और सिर्फ वायदों का व काम न करने वाला बजट- शर्मिष्ठा मुखर्जी
नई दिल्ली, 8 मार्च, 2017, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा आउटकम बजट की अवधारणा सिर्फ एक कोशिश है आम आदमी पार्टी के 2 साल की नाकामियों से लोगों ध्यान हटाने का। यह सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी योजनाओं तथा विभागों के कार्यों को मॉनिटर करे और भारत की सारी सरकारे ऐसा करती हैं। सरकार की ऐसी कार्यविधि तथा एजेन्सिया है जैसे कि इकानोमिक सर्वे जो सरकारी योजनाऐ जो यह आंकलन करती है कि कितने लोगों को इनकी योजनाओं के द्वारा फायदा हुआ है। सरकार व उसके विभागों के बीच में कोई तुलना नही हो सकती क्योंकि विभाग सरकार के महत्वपूर्ण अंग हैं। सरकार और इसके विभिन्न विभागों के बीच कांट्रेक्ट स्थापित करके दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों को चुने हुए प्रतिनिधियों से हटाकर सरकारी बाबुओं पर शिफट करना चाह रही है।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि आप सरकार भी केन्द्र की मोदी सरकार की तरह दूसरी जुमला सरकार बन रही है। श्री मनीष सिसोदिया ने ख्याति प्राप्त करने के लिए नान प्लान एक्पेन्डीचर का नया राजस्व खर्चा देकर और प्लान खर्चे को केपिटल खर्चे का नाम दे रही है। इकोनोमिक सर्वे के अनुसार दिल्ली की आर्थिक प्रगति पिछले पांच साल में पहली बार कम हुई है जो कि 2015-16 में 8.82 प्रतिशत थी जो 2016-17 में घटकर 8.26 प्रतिशत रह गई है। सरकार अपने प्लान एस्टीमेटेम एक्पेन्डीचर का 20 प्रति खर्च करने में नाकामयाब रही है। जिससे कि सरकार को विकास की तरफ ध्यान कम होता नजर आता है।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि राजस्व प्राप्ती का जो लक्ष्य रखा गया था उससे 4468.93 करोड़ रुपया कम हुआ है। दिल्ली के फिसकल सरपलस जो कि 2013-14 में जीएडीपी का 1.9 प्रतिशत था वह गिरकर 2015-16 जीएडीपी का 0.24 प्रतिशत रह गया है। अर्थाता राजस्व में तकरीबन 4500 करोड़ की कमी आई है। हमें डर है कि दिल्ली फिसकल सरपलस राज्य की बजाय फिसकल डेफीसिट राज्य न बन जाये।
आप पार्टी की सरकार स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में महान कार्य करने का ढिंढोरा पीटती है। आज के बजट में सरकार ने कहा है कि अस्पतालों में 10 हजार नए बजट लगाए जाऐगा। इस वितिय वर्ष में जबकि सरकार के पिछले खराब रिकार्ड को देखे तो यह साफ दिखाई देता है कि यह एक जुमला है। पिछले 3 साल से कांग्रेस की सरकार दिल्ली की सत्ता से गई है इसमें दो साल से आप पार्टी की सरकार है। दिल्ली में केवल 806 बेड जुडे है और 268 बेड प्रतिवर्ष की औसत आती है। यदि इसको कांग्रेस के 2008 से 2013 के शासन से तुलना की जाये जहां पर औसत 544 बेड प्रतिवर्ष जोड़े गए थे।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि शिक्षा में सरकार अपनी पीठ थपथपाती नजर आती है जहां उन्होंने कहा है कि बजट का 24 प्रतिशत उन्होंने शिक्षा के लिए निर्धारित किया है परंतु पिछले बजट में शिक्षा के लिए जितना बजट रखा गया था उसके पूरा खर्च करने में आप सरकार नाकामयाब रही है। आप की दिल्ली सरकार ने फिर एक नई घोषणा कर दी है कि इस वर्ष 10 हजार नये क्लास रुम बनाऐंगे, जबकि सरकार अपने पिछले वायदे में नाकामयाब रही है जहां उन्होंने कहा था कि 8 हजार नये क्लास रुम बनाऐ जाऐगे। पिछले 2 वर्ष में 5 नए स्कूल बने है और 5 स्कूलों को अपग्रेड किया है। जबकि आप पार्टी की सरकार ने चुनाव में यह वायदा किया था कि 100 स्कूल प्रतिवर्ष बनाऐ जाऐंगे। 10वी और 12वीं के बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम बहुत ही मायूस करने वाले है। 10वीं कक्षा के परिणाम जो 2014 में 98 प्रतिशत थे वे 2016 में 91 प्रतिशत रह गया। इसी प्रकार 2016 में पिछले वर्ष 12वीं कक्षा में 29 हजार विद्यार्थी फेल हो गए। उससे पिछले वर्ष की तुलना में। आप पार्टी की दिल्ली सरकार मिड डे मील में सफाई व्यवस्था को लागू करने में नाकामयाब रही है। क्योंकि मिड डे मील में मरा चूहा पाया या था जिसके कारण कई बच्चे बीमार हुए थे।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा दलित और उपेक्षित वर्ग को नजरअंदाज करने के खिलाफ दलित न्याय मार्च की शुरुआत मंगोलपुरी विधानसभा से की।
सफाई कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण पांच-पांच बार हड़ताल पर जाना पड़ा, कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा सफाई कर्मचारियों के धरने में शामिल होने के बाद ही केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने इनके वेतन के लिए पैसा जारी किया - अजय माकन
नई दिल्ली, 8 मार्च, 2017- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आज मंगोलपुरी विधानसभा में क्यू ब्लाक कत्तर मार्केट में दलित न्याय मार्च की शुरुआत की। श्री माकन ने कहा कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार व केन्द्र में भाजपा की सरकार आई है तब से दलितों और उपेक्षित वर्ग के लोगों की अधिक अनदेखी हो रही है। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली नगर निगमों के सफाई कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण पांच-पांच बार हड़ताल पर जाना पड़ा है और तीनों निगम के सफाई कर्मचारियों के 1553 करोड़ के एरियर देना बकाया है। दलित न्याय मार्च का आयोजन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एस.सी./एस.टी. विभाग द्वारा दिल्ली के 46 आरक्षित वार्डों में 10 से 12 दिनों तक चलाया जायेगा।
दलित न्याय मार्च में प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन के अलावा दिल्ली प्रभारी श्री पी.सी. चाको, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री श्री राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक श्री देवेन्द्र यादव, एस.सी. विभाग के चैयरमेन श्री शिवराम सिंह, जिला अध्यक्ष श्री इन्द्रजीत सिंह सहित सैंकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।
श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी के द्वारा असहनीय तपती गर्मी में सफाई कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठकर संघर्ष करने के बाद ही सफाई कर्मचारियों को उनका रुका हुआ वेतन मिला। क्योंकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने दवाब में आकर तुरंत सफाई कर्मचारियों के लिए पैसा जारी कर दिया। श्री माकन ने कहा कि यदि काग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं की बात की जाये तो वह गरीब और अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को वजीफा देने की बात है। लेकिन कांग्रेस की सरकार के सत्ता से जाने के बाद आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने पर दलित़ वर्ग के छात्रों को मिलने वाले वजीफे में अत्यधिक गिरावट आई है। श्री माकन ने कहा कि इसी तरह गरीब और अति पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलने वाली वर्दी के लिए दिए जाने वाले भते में भी भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि दलित छात्रों को मिलने वाली उच्च शिक्षा के लिए दिऐ जाने वाले वजीफे में भी भारी गिरावट आई है।
श्री माकन ने कहा कि अगर कोई वर्ग अपने आपको नजअंदाज और बौझ सा महसूस कर रहा है तो वह दलित वर्ग है और दलित न्याय मार्च दलितों की समस्याओं को उजागर करने के लिए निकाला जा रहा है। श्री माकन ने कहा कांग्रेस पार्टी दलितों के पीछे मजबूती से खडी है और दलितों को उनके हक दिलाने के लिए उनकी लड़ाई लड़ेगी। श्री माकन ने कहा कि दलितों को जो सुविधाएं कांग्रेस सरकारों ने दी थी उन्हें आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार व भाजपा की केन्द्र सरकार ने खत्म कर दिया है।
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