दिल्ली सरकार ने जानबूझकर निगमों के परिसीमन के अंतिम ड्राफ्ट ऑर्डर को दिल्ली के उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए नही भेजा है
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की अवहेलना करते हुए कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने जानबूझकर निगमों के परिसीमन के अंतिम ड्राफ्ट ऑर्डर को दिल्ली के उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए नही भेजा है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कोर्ट को दरवाजा खट खटाऐगी यदि दिल्ली के उपराज्यपाल ने 3 दिनों में निगमों के परिसीमन के अंतिम ड्राफ्ट ऑर्डर को मंजूरी नही दी तो. शर्मिष्ठा मुखर्जी
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की अवहेलना करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को दिल्ली चुनाव आयोग ने 17 नवम्बर 2016 को दिल्ली के तीनों निगमों के परिसीमन के अंतिम आदेश के ड्राफ्ट को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा था। परंतु अभी तक आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने 2 महीने बीतने के बाद भी उपराज्यपाल के पास वह फाईल नही भेजी है।
प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार निगमों के परिसीमन के ड्राफ्ट को लेकर बैठी हुई है जबकि उन्हें इस फाईल को दिल्ली के उपराज्यपाल के पास भेज देना चाहिए था। आप पार्टी की दिल्ली सरकार निगम चुनाव को टालना चाहती है जबकि चुनाव अप्रैल 2017 तक हो जाने चाहिए। श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि हमे पता लगा है कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने उपरोक्त फाईल को दिल्ली चुनाव आयोग के पास भेज दिया है क्योंकि वे ड्राफ्ट ऑर्डर में कुछ बदलाव कराना चाहते हैए जो कानून के हिसाब से अब नही हो सकता। संवाददाता सम्मेलन में श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की परिसीमन कमेटी के चैयरमेन श्री चतर सिंहए निगम में विपक्ष के नेता श्री मुकेश गोयल और श्रीमती वरयाम कौर व श्री विरेन्द्र कसाना भी मौजूद थे।
श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि हमने तीनों निगमों के विपक्ष के नेताओं की तरफ से माननीय उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल को एक पत्र3 जनवरी 2017 को भेजा है जिसके द्वारा हमने मांग की है कि माननीय उपराज्यपाल निगम परिसीमन की उस फाइल को अपने पास मंगवा कर उसको मंजूर कर दें ताकि निगम के चुनाव समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम कानून. 1957 की धारा 3 में दिल्ली के उपराज्यपाल को निगम के वार्डों के परिसीमन की शक्तियां दी गई है।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल 3 दिनों में परिसीमन की ड्राफ्ट फाईल को मंजूरी दे दें नही तो दिल्ली कांग्रेस को मजबूर होकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
श्रीमती मुखर्जी ने कहा कि 18.9.2015 के आदेश के द्वारा दिल्ली के उपराज्यपाल ने निगम के वार्डों के परिसीमन की शक्तियां दिल्ली चुनाव आयोग को दे दी थी। इसके पश्चात दिल्ली चुनाव आयोग ने अपने 1.10.2015 के आदेश के द्वारा परिसीमन की कार्यवाही के लिए एक प्रक्रिया तय की थी। राज्य चुनाव आयोग को परिसीमन को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार करना था तथा जनता से उस पर आपत्तियांध्सुझाव 19.9.2016 से2 4.9.2016 तक प्राप्त किये थे और उसके बाद दिल्ली चुनाव आयोग को परिसीमन पर फाइनल ड्राफ्ट ऑर्डर तैयार करके दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजना था।
श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली चुनाव आयोग ने सभी प्रक्रियाओं को पूरा करके परिसीमन के ड्राफ्ट ऑर्डर को अंतिम रुप देकर17.11.2016 को दिल्ली के मुख्य सचिव के पास भेज दिया था। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री को यह ड्राफ्ट भेज दिया ताकि उपराज्यपाल की मंजूरी ली जा सके। परंतु तकरीबन 2 महीने बीच चुके है और अभी तक दिल्ली सरकार ने परिसीमन की फाईनल ड्राफ्ट आर्डर की फाइल उपराज्यपाल के पास नही भेजी है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की परिसीमन कमेटी के चैयरमेन श्री चतर सिंह ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने श्री अजय माकन के नेतृत्व में25.7.2016 को दिल्ली चुनाव आयोग के कार्यालय पर पर प्रदर्शन किया था तथा दिल्ली चुनाव आयोग को एक ज्ञापन भी दिया था। ताकि परिसीमन की कमियां को पूरा किया जा सके और निगम चुनाव समय पर हो। श्री चतर सिंह ने कहा कि निगम कानून 1957 के तहत केन्द्र सरकार ने निगम वार्ड के परिसीमन वार्ड की शक्तियां दिल्ली के उपराज्यपाल को दी हुई है तथा दिल्ली के उपराज्यपाल ने ये शक्तियां दिल्ली चुनाव आयोग को दे दी थी।उन्होंने कहा कि निगम वार्डों के परिसीमन के अंतिम ड्राफ्ट आर्डर में बदलाव की शक्तियां न तो किसी अन्य संस्था या अधिकारी में है।
श्री चतर सिंह ने कहा कि हमने दिल्ली चुनाव आयोग से यह मांग की थी कि कोई भी वार्ड विधानसभा की सीमा से बाहर नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी वार्डों की जनसंख्या 5 से 10 प्रतिशत के परिवर्तन के साथ हो सकती है परंतु 23 से 86 हजार की जनसंख्या का परिवर्तन नही हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार आप पार्टी के कुछ नेता अपनी मर्जी से वार्डो में फेरबदल करवाना चाहते है जो कि इस समय गैर कानूनी होगा क्योंकि अब चुनाव आयोग उस परिसीमन के अंतिम ड्राफ्ट में कोई बदलाव नही कर सकता।
श्री चतर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार व भाजपा सरकार दोनों दिल्ली के निगम चुनावों को टालना चाहती है क्योंकि उनको साफ नजर आ रहा है कि कांग्रेस दिल्ली के तीनों निगमों मे भारी बहुमत साबित करके जीतने वाली है।
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