‘‘पलायन रोको एवं जवाब दो मार्च’’
Ø दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन की अगुवाई में जंतर मंतर से संसद तक ‘‘पलायन रोको एवं जवाब दो मार्च’’ का आयोजन नोटबंदी के फैसले को गलत तरीके से लागू करके लाखों मजदूरों को बेरोजगार करने व उनके पलायन को रोकने के लिए व कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा श्री नरेन्द्र मोदी से पूछे गए प्रश्न कि आदित्य बिरला ग्रुप व सहारा ग्रुप से 65 करोड़ रुपये लिए जाने के जवाब की मांग को लेकर किया गया।
Ø दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ता आदित्य बिरला ग्रुप व सहारा ग्रुप द्वारा श्री नरेन्द्र मोदी को दिए गए 65 करोड़ रुपये दिए जाने वाले भ्रष्टाचार के मामले को लेकर 27 व 28 दिसम्बर 2016 भंडाफोड़ अभियान के तहत ब्लाक स्तर, मेट्रो स्टेशन,ओवर ब्रिज तथा फ्लाई ओवरों हाथों में बैनर व तख्तियां लेकर जनता को जागरुक करके यह बताऐगी कि मोदी सरकार को सत्ता में आए ढाई साल से उपर हो गया है परंतु अभी तक इसकी जांच पूरी नही हुई है।
Ø एक तरफ तो नरेन्द्र मोदी कैशलेस इकोनोमी की बात करते है, तो कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब भी दें कि उन्हांने आदित्य बिरला गु्रप व सहारा ग्रुप से 65 करोड़ रुपये चैक से क्रेडिड कार्ड से या कैश लिए थे। पूरा देश मोदी के जवाब का इंतजार कर रहा है- अजय माकन
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर, 2016- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन की अगुवाई में दिल्ली पूर्वाचंल कांग्रेस, दिल्ली पर्वतीय कांग्रेस तथा दिल्ली साउथ इंडियन कांग्रेस ने आज जंतर मंतर से संसद तक ‘‘पलायन रोको व जवाब दो मार्च’’ का आयोजन किया जिसमें हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। श्री माकन ने कहा कि मोदी के नोटबंदी के गलत फैसले के कारण राष्ट्रवाद के नाम पर पूरे देश को बैंक व एटीएम की लाइन में खड़ा कर दिया। नकदी की कमी के कारण देश का मजदूर बेरोजगारी के कगार पर खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने देश को 20 साल पीछे धकेल दिया है। श्री माकन ने कहा कि एक तरफ तो नरेन्द्र मोदी कैशलेस इकोनोमी की बात करते है, तो कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब भी दें और यह भी बताऐ कि उन्हांने आदित्य बिरला गु्रप व सहारा ग्रुप से 65 करोड़ रुपये चैक से क्रेडिड कार्ड से या कैश लिए थे। पूरा देश मोदी के जवाब का इंतजार कर रहा है।
पलायन रोको व जवाब दो मार्च में श्री अजय माकन के अलावा पूर्व सासंद श्री महाबल मिश्रा और श्री रमेश कुमार, दिल्ली पूर्वाचंल कांग्रेस के चैयरमेन श्री शिवजी सिंह,दिल्ली पर्वतीय कांग्रेस के चैयरमेन श्री ब्रिजमोहन उपरेती, दिल्ली साउथ इंडियन कांग्रेस के चैयरमेन श्री आर.मनी नायडू ने भी सम्बोधित किया और मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी, डा0 नरेन्द्र नाथ, श्री हरी शंकर गुप्ता, दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता श्री मुकेश गोयल, श्री फरहाद सूरी व श्रीमती वरयाम कौर, श्री चतर सिंह,श्री ब्रहम यादव सहित सभी निगम पार्षद, ब्लाक अध्यक्ष भी मौजूद थे। मार्च में कांग्रेस कार्यकर्ता हाथां में तख्तियां लेकर ‘‘सहारा बिरला की डायरी से स्पष्ट है, नरेन्द्र मोदी भ्रष्ट है’’, ‘‘नोटबंदी ने दी लाचारी, गई नौकरी बने भिखारी’’ व ‘‘नोटबंदी लाई भुखमरी का दौर, गरीब मजदूर चले गांव की ओर’’ आदि नारे लगा रहे थे। पूर्वाचंल कांग्रेस, पर्वतीय कांग्रेस व साउथ इंडियन कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी परम्परागत वेशभूषा पहनकर में मार्च में सम्मलित हुए।
श्री अजय माकन ने कहा कि आज के कार्यक्रम के द्वारा हमने श्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार को उजागर करने की शुरुआत कर दी है तथा दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ता आदित्य बिरला ग्रुप व सहारा ग्रुप द्वारा श्री नरेन्द्र मोदी को दिए गए 65 करोड़ रुपये दिए जाने वाले भ्रष्टाचार के मामले को लेकर 27 व 28 दिसम्बर 2016 भंडाफोड़ अभियान के तहत ब्लाक स्तर, मेट्रो स्टेशन, ओवर ब्रिज तथा फ्लाई ओवरों हाथों में बैनर व तख्तियां लेकर जनता को जागरुक करके यह बताऐगी कि मोदी सरकार को सत्ता में आए ढाई साल से उपर हो गया है परंतु अभी तक इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नही हुई है।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी को लागू करते हुए कहा था कि इस कदम के द्वारा भ्रष्टाचार मिटेगा तथा उग्रवाद पर लगाम लगेगी। परंतु कुछ हासिल नही हुआ, उल्टे गरीब लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस ने ही सबसे पहले नोटबंदी के बाद दिल्ली के असंगठित क्षेत्र में करने वाले मजदूरों पर लटक रही बेरोजगारी की तलवार तथा दिल्ली से उनके पलायन का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 48.63 लाख असंगठित/अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली से रिवर्स माईग्रेशन होना शुरु हो गया है और नोटबंदी के बाद पहले ही कई लाख मजदूर वापस जा चुके है तथा 10 से 15 हजार मजदूर रोजाना दिल्ली से पलायन कर रहे है, यह सबसे बड़ा खतरा है। क्योंकि इन असंगठित मजदूरों के कारण ही दिल्ली चल पा रही है। ये लोग ही वहन करने वाली सेवाऐं तथा मजदूर मुहैया कराते है यह वर्ग ही दिल्ली की रियल लाईफ लाईन है। दिल्ली के उद्योग धंधों की हालत पतली हो गई है क्योंकि कारखानों में उत्पादन 10 प्रतिशत रह गया है जिसके कारण बिक्री भी 10-15 प्रतिशत रह गई है।
श्री माकन ने कहा कि आज दिल्ली में चलने वाले बड़े-बड़े प्रोजेक्ट में दिहाड़ी मजदूरों को दैनिक मजदूरी न मिलने के कारण काम रुक गया है। चौक पर दैनिक मजदूरी करने वाले लोग दिनभर खाली बैठकर शाम को घर वापस चले जाते है। रिक्शा चलाने वाले गरीब लोगों की दिहाड़ी भी न के बराबर रह गई। उन्होंने कहा कि यदि असंगठित/अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग वापस अपने गांव और शहरों को चले गए तो दिल्ली की हालत खराब हो जायेगी तथा दिल्ली को पटरी पर आने के लिए बहुत समय लगेगा।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए पूर्व सांसद श्री महाबल मिश्रा ने कहा कि जब-जब केन्द्र में भाजपा की सरकार आई है तब-तब दिल्ली में रहने वाले पूर्वाचंलवासियों पर रोजी-रोटी कमाने का संकट मंडराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में पूरी दिल्ली में सीलिंग करवाई गई और उसके बाद मास्टर प्लान के तहत अनाधिकृत कालोनियों को तोड़ने व दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया और अब नोटबंदी के गलत फैसले ने तो दिल्ली में रहने वाले मजदूरों की कमर ही तोड़ दी है।
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