दिल्ली भाजपा अध्यक्ष "विश्व एड्स दिवस" कार्यक्रम में सम्मिलित हुये
सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर एड्स या अन्य संक्रामक बीमारियों के रोगियों को सामान्य जीवन जीने में सहयोग देना चाहिए-मनोज तिवारी
उन्होंने कहा कि एड्स निश्चित तौर पर एक गंभीर बीमारी है पर इसको लेकर समाज में भ्रांतियां हैं जिनके चलते लोग एड्स के रोगियों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं, उनका सामाजिक निरादर होता है, जिसके कारण एड्स मरीज अक्सर अवसाद में चले जाते हैं। समाज में एक दुष्प्रचार स्थापित हो गया है कि एड्स एक यौन से जुड़ा एक संक्रामक रोग है जबकि चिकित्सा विज्ञान ने यह स्पष्ट किया है कि यौन संबंध इसका एक कारण है, जबकि इसके अनेक कारण हैं जिसमें एक बड़ा कारण इलाज के समय लापरवाही से संक्रामित रक्त चढ़ जाना है। श्री तिवारी ने कहा कि सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आगे बढ़कर एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को मिटाने में सहयोग करना चाहिए ताकि दवायें एवं उपचार पा रहे एड्स पीड़ित कभी अपने को अकेला न समझें और अपना सामान्य जीवन जी सकें। आज के कार्यक्रम में 200 से अधिक एड्स के ऐसे रोगी सम्मिलित हुये जो नियमित उपचार ले रहे हैं और सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
केजरीवाल सरकार द्वारा डी.टी.सी. में किया नोटों का घोटाला, विमुद्रिकरण के बाद देश में किसी भी सरकार द्वारा किया गया पहला स्थापित घोटाला है-मनोज तिवारी
नई दिल्ली, 01 दिसम्बर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि डी.टी.सी. के माध्यम से केजरीवाल सरकार द्वारा आम आदमी पार्टी के 500 एवं 1000 के नोटों को बदलवाने का घोटाला विमुद्रिकरण के बाद देश में किसी भी सरकार द्वारा किया गया पहला स्थापित घोटाला है। यह समझ से परे है कि 5 रूपये और 10 रूपये के टिकट बैचने वाली डी.टी.सी. के पास इतनी बड़ी मात्रा में बड़े नोट अचानक कैसे आने लगे।
श्री तिवारी ने कहा है कि दिल्ली भाजपा ने गत 21 नवम्बर को उपराज्यपाल श्री नजीब जंग से इसकी शिकायत की थी और इसके बारे में पार्टी ने ए.सी.बी. को भी लिखा। प्रारम्भिक दौर में दिल्ली सरकार ने इस घोटाले पर लीपा पोती करने का प्रयास किया, इसको अफसरों द्वारा किया गया घोटाला बताने की कोशिश की पर भाजपा के लगातार दबाव के कारण अंततः दिल्ली के परिवहन मंत्री को इस घोटाले की ए.सी.बी. द्वारा जांच के लिए लिखना पड़ा। श्री तिवारी ने कहा है कि नोटबंदी से जुड़े इस घोटाले पर भी केजरीवाल सरकार का रवैया बिलकुल वैसा है जैसा दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले पर था और अंततः दोनों में केजरीवाल सरकार की पोल जनता के सामने खुली।
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