भारतीय जनता पार्टी के आआपा से 5 सवाल
नई दिल्ली, 3 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में स्थायी सरकार बनाने और दिल्ली के सर्वांगीण विकास तथा दिल्ली को वल्र्ड क्लास स्मार्ट सिटी बनाने के लिये चुनाव लड़ रही है। दूसरी तरफ आआपा झूठे वायदे और अफवाहों को आधार बनाकर दिल्ली की जनता को गुमराह करने का कुप्रयास कर रही है। इसलिए भाजपा आआपा एवं उसके संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल से 5 सवाल पूछ रही है। इसमें कुछ सवाल पुराने हो सकते हैं परन्तु आआपा ने उनके उत्तर नहीं दिये हैं इसलिए उनको तब तक पूछते रहना आवश्यक है जब तक कि वे उनके उत्तर न दे देते।
आज भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ भाजपा नेता श्रीमती निर्मला सीतारमन ने पांच सवाल पूछे हैं और आआपा नेतृत्व से उनका जवाब देने या इंकार करने को कहा है।
प्रश्न-1 क्या श्री केजरीवाल यह बतायेंगे कि कोयला घोटाला में आरोपित एक औद्योगिक घराने के साथ उनकी पार्टी का क्या संबंध है ? आआपा के एक प्रमुख सदस्य श्री राहुल मेहरा इस औद्योगिक घराने के बोर्ड में उसी समय वेतन भोगी निदेशक थे जब कोयला घोटाला हुआ और इसलिए श्री केजरीवाल इस औद्योगिक घराने पर पूरी तरह चुप हैं।
प्रश्न-2 क्या श्री केजरीवाल इस बात का जवाब देंगे कि उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे का हवाला देते हुये यह कह कर क्यों गुमराह किया था कि उनके 49 दिनों के शासन में भ्रष्टाचार कम हो गया था, यह दावा झूठा था क्योंकि सर्वेक्षण एजेंसी ने अधिकारिक रूप से इसका खंडन किया था ?
प्रश्न-3 आयकर सेवा से होते हुये भी किस प्रकार श्री केजरीवाल अपनी पार्टी को चंदे में दिये गये काले धन की राउंड ट्रिपिंग के लिए उपयोग की गई मानक प्रणाली का पता नहीं लगा सके, विशेष रूप से तब जब वह स्वयं राजनैतिक मामले की समिति में थे जिसने इनती भारी रकम जो 50 लाख रूपये के चार चंदों को स्वीकार करने की अनुमति दी ? क्या यह मुआवजे का मामला तो नहीं था या है ?
प्रश्न-4 कांग्रेस पार्टी के साथ श्री केजरीवाल के क्या संबंध हैं ? श्री योगेन्द्र यादव, श्रीमती सोनिया गंाधी की नेशनल एडवाइजरी काॅउंसिल के सदस्य थे। क्या श्री केजरीवाल इसकी बैठकों में नहीं जाते थे ? क्या यही कारण है कि कांग्रेस ने श्री केजरीवाल को समर्थन दिया और इसी कारण उनकी सरकार ने श्रीमती शीला दीक्षित को आरोपों की जांचों से बचाया ?
प्रश्न-5 क्या श्री केजरीवाल यह बतायेंगे कि वह जन भागीदारी वाली प्रजातांत्रिक व्यवस्था के साथ लोगों को जोड़ने के बारे में लगातर भ्रामक प्रचार क्यों कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला जनता दरबार फेल रहा और इसे जारी रखने के उनके वायदे के बावजूद यह ये दोबारा क्यों शुरू किया गया ?
ईमादारी का चोला पहने वाले आआपा संयोजक से उम्मीद है कि इन पांचों सवालों का जवाब ईमानदारी से देंगे।
आज भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ भाजपा नेता श्रीमती निर्मला सीतारमन ने पांच सवाल पूछे हैं और आआपा नेतृत्व से उनका जवाब देने या इंकार करने को कहा है।
प्रश्न-1 क्या श्री केजरीवाल यह बतायेंगे कि कोयला घोटाला में आरोपित एक औद्योगिक घराने के साथ उनकी पार्टी का क्या संबंध है ? आआपा के एक प्रमुख सदस्य श्री राहुल मेहरा इस औद्योगिक घराने के बोर्ड में उसी समय वेतन भोगी निदेशक थे जब कोयला घोटाला हुआ और इसलिए श्री केजरीवाल इस औद्योगिक घराने पर पूरी तरह चुप हैं।
प्रश्न-2 क्या श्री केजरीवाल इस बात का जवाब देंगे कि उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे का हवाला देते हुये यह कह कर क्यों गुमराह किया था कि उनके 49 दिनों के शासन में भ्रष्टाचार कम हो गया था, यह दावा झूठा था क्योंकि सर्वेक्षण एजेंसी ने अधिकारिक रूप से इसका खंडन किया था ?
प्रश्न-3 आयकर सेवा से होते हुये भी किस प्रकार श्री केजरीवाल अपनी पार्टी को चंदे में दिये गये काले धन की राउंड ट्रिपिंग के लिए उपयोग की गई मानक प्रणाली का पता नहीं लगा सके, विशेष रूप से तब जब वह स्वयं राजनैतिक मामले की समिति में थे जिसने इनती भारी रकम जो 50 लाख रूपये के चार चंदों को स्वीकार करने की अनुमति दी ? क्या यह मुआवजे का मामला तो नहीं था या है ?
प्रश्न-4 कांग्रेस पार्टी के साथ श्री केजरीवाल के क्या संबंध हैं ? श्री योगेन्द्र यादव, श्रीमती सोनिया गंाधी की नेशनल एडवाइजरी काॅउंसिल के सदस्य थे। क्या श्री केजरीवाल इसकी बैठकों में नहीं जाते थे ? क्या यही कारण है कि कांग्रेस ने श्री केजरीवाल को समर्थन दिया और इसी कारण उनकी सरकार ने श्रीमती शीला दीक्षित को आरोपों की जांचों से बचाया ?
प्रश्न-5 क्या श्री केजरीवाल यह बतायेंगे कि वह जन भागीदारी वाली प्रजातांत्रिक व्यवस्था के साथ लोगों को जोड़ने के बारे में लगातर भ्रामक प्रचार क्यों कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला जनता दरबार फेल रहा और इसे जारी रखने के उनके वायदे के बावजूद यह ये दोबारा क्यों शुरू किया गया ?
ईमादारी का चोला पहने वाले आआपा संयोजक से उम्मीद है कि इन पांचों सवालों का जवाब ईमानदारी से देंगे।
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