दिल्ली में भ्रष्टाचार की शिकायतों में भारी गिरावट, CVC की रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली सरकार के विभागों में 81 प्रतिशत कम हुईं शिकायतें
आम आदमी पार्टी के ईमानदार शासन ने बदले आंकड़े, भ्रष्टाचार पर सहनशीलता दिल्ली सरकार में एकदम शून्य: मनीष सिसोदिया
‘मुख्यमंत्री और मंत्रियों के स्तर पर बरती जाती है ईमानदारी, ई-गवर्नेंस के क्रियान्वयन से भी भ्रष्टाचार रुका’
केंद्र सरकार के आधीन विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतों में 67 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
हाल ही में संसद में पेश हुई CVC की रिपोर्ट के मुताब़िक राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार के आधीन आने वाले विभागों में मिलने वाली भ्रष्टाचार की शिकायतों में 81 प्रतिशत की भारी कमी दर्ज़ की गई है। जहां पिछले साल 5139 शिकायतें मिली थीं वहीं गत वर्ष सिर्फ़ 969 शिकायतें ही आईं। यह आंकड़ें दर्शाते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार कितनी सख़्ती के साथ काम कर रही है। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन ने निकली पार्टी की सरकार अपने ऐजेंडे पर कायम है और सीवीसी के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं।
पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रेस कॉंफ्रेस को सम्बोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ‘हाल ही में संसद में पेश हुई सीवीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस बार दिल्ली में दिल्ली सरकार के विभागों के संदर्भ में मिलने वाली भ्रष्टाचार की शिकायतों में 81 प्रतिशत की भारी कमी दर्ज़ की गई है। जहां पहले 5139 शिकायतें मिली थीं वो अब गत वर्ष घटकर सिर्फ़ 969 ही रह गई हैं। मैं बताना चाहूंगा कि ये सिर्फ़ आम आदमी पार्टी शासित सरकार के चलते ही सम्भव हो सका है। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी की सरकार बिल्कुल शून्य सहनशीलता रखती है और भ्रष्टाचार को लेकर कोई भी समझौता नहीं करती है, दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के स्तर पर ही ईमानदारी बरती जाती है और जिसका उदाहरण यह है कि यहां अगर कोई मंत्री भी रिश्वत मांगते पकड़ा गया तो उसे तुरंत कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और इसी का नतीजा है कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों में नीचे तक एक संदेश गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार में अगर कोई भी रिश्वत लेते हुए पाया गया तो उसे बक्शा नहीं जाएगा। हम यह भी बताना चाहेंगे कि इतना काम तो हम तब कर रहे हैं जब दिल्ली सरकार से एंटी करप्शन ब्रांच को छीन लिया गया है और दिल्ली विधानसभा से पास करके भेजे गए दिल्ली जनलोकपाल कानून को केंद्र सरकार के मंत्रालय ने अपने पास रखा हुआ है, अगर केंद्र सरकार उस कानून को भी पास करके भेज दे तो हम जल्द से जल्द दिल्ली में एक मज़बूत जनलोकपाल स्थापित करेंगे और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ और तेज़ी से काम करेंगे।'
'इसके अलावा आम आदमी पार्टी की सरकार ने ई-गवर्नेंस को सफ़लतापूर्वक क्रियान्वित कराया है जिससे भ्रष्टाचार में भारी कमी आई है, पहले हर एक छोटे से छोटा काम कराने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे और बेहिसाब भीड़ की वजह से लोगों को रिश्वत देने पर मजबूर होना पड़ता था। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में ज्यादातर काम ऑनलाइन कर दिए और ई-गवर्नेंस में जो कमियां थीं उसे भी दूर किया गया ताकि लोगों को दफ्तरों के चक्कर ना लगाने पड़ें। जैसे पहले फ़ॉर्म तो लोग ऑनलाइन भर लेते थे लेकिन एफ़िडेविट जमा कराने के लिए सरकारी दफ़्तर आना पड़ता था लिहाज़ा भीड़ होती थी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश बढ़ जाती थी, हमने अनावश्यक लिए जाने वाले एफ़िडेविट के प्रावधान को ख़त्म किया और अब लोग ज़्यादातर काम घर बैठे ही कर लेते हैं। दिल्ली सरकार के कार्यों में पहले जहां 5 प्रतिशत लोग ही ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल किया करते थे वहीं अब यह संख्या बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है, यानि हम 55 प्रतिशत भीड़ को सरकारी दफ़्तरों की लाइनों से हटाने में कामयाब हुए हैं। अब ये 60 प्रतिशत लोग घर बैठे अपने काम अपने कम्प्यूटर से कर लेते हैं और उन्हें सरकारी दफ़्तरों की लाइनों में नहीं लगना पड़ता।'
'जहां एक तरफ़ दिल्ली सरकार के विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतों में 81 प्रतिशत की कमी दर्ज़ की गई है तो वहीं संसद में पेश हुई उसी सीवीसी की रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि केंद्र सरकार के आधीन आने वाले विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतों में 67 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है। सीवीसी के ये आकंड़े दो सरकारों की नीयत और उनके काम करने के तरीक़े के अंतर को दर्शाते हैं।'
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