‘धृतराष्ट्र बन गया है चुनाव आयोग, EC का मक़सद निष्पक्ष चुनाव कराना नहीं बल्कि भाजपा को सत्ता दिलाना है’
'राजस्थान के धौलपुर उपचुनाव में ख़राब मिली 18 मशीनें, सिर्फ़ बीजेपी को डाल रहीं थी वोट'
‘जेनरेशन 1 की EVM’s के साथ चुनाव क्यों? 2006 से पहले की मशीनों का इस्तेमाल क्यों?'
'दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए राजस्थान से जेनरेशन1 की ईवीएम मशीनें किसके इशारे पर और क्यों मंगवाई जा रही हैं?'
दिल्ली में जेनरेशन 2 की पर्याप्त मशीनें मौजूद हैं : अरविंद केजरीवाल
पत्रकारों से बात करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, ‘राजस्थान के धौलपुर से आ रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ वहां के उपचुनाव में भी ऐसी 18 डिफ़ेक्टिव ईवीएम सामने आई हैं जो कोई भी बटन दबाने पर सिर्फ़ बीजेपी को ही वोट डाल रही थीं। मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी ऐसी मशीनों का मिलना यह शक पैदा करता है कि चुनाव आयोग अब पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी को चुनाव जितवाने के लिए काम कर रहा है। चुनाव आयोग अब उस धृतराष्ट्र के किरदार में आ गया है जिसका मक़सद सिर्फ़ अपने बेटे दुर्योधन यानि बीजेपी को साम-दाम-दंड-भेद के साथ सत्ता दिलाना हो गया है। हम बार-बार यह गुज़ारिश कर रहे हैं कि जो ड़िफ़ेक्टिव मशीनें सिर्फ़ बीजेपी को वोट डाल रही हैं उनकी जांच कराई जाए लेकिन चुनाव आयोग उनकी जांच कराने कि बजाए उन्हें सिर्फ़ हटा देता है। और तो और मध्यप्रदेश की उस मशीन को तो अब चुनाव आयोग ने एकदम सही भी घोषित कर दिया जो मशीन कई वरिष्ठ पत्रकारों और अफ़सरों के सामने हुए मॉक टेस्ट में सिर्फ़ बीजेपी को ही वोट डाल रही थी।'
'ग़ज़ब की बात यह है कि अगर कोई भी ईवीएम खराब मिलती है तो वो सिर्फ़ बीजेपी को ही वोट डाल रही है, कांग्रेस, बीएसपी या आम आदमी पार्टी को वोट नहीं डाल रही है। दरअसल ये मशीनें खराब नहीं बल्कि इनके साथ छेड़छाड़ की गई है। पहले जब मशीनों में गड़बड़ की जाती थी तो तब आप अगर कांग्रेस का बटन दबाते थे तो लाइट बीजेपी की जल जाती थी तो पता लग जाता था कि ये मशीन खराब है लेकिन अब इन ईवीएम के साथ ऐसे छेड़छाड़ की गई है जिससे कि आप जो भी बटन दबाएंगे तो लाइट भी आपके बटन की ही जलेगी लेकिन वोट बीजेपी को जाएगी। जहां-जहां वीवीपैट मशीनें लगी हैं वहां तो प्रिंट हुई पर्ची से पता चल जाता है कि मशीन खराब है लेकिन जहां-जहां वीवीपैट मशीनें नहीं हैं वहां तो गड़बड़-झाले का ये खुला खेल आराम से खेला जा रहा है।'
‘सिर्फ़ बीजेपी को वोट डालने वाली ईवीएम डिफ़ेक्टिव नहीं हैं बल्कि उन मशीनों की प्रोगरैमिंग बदली गई है, उन मशीनों के सॉफ्टवेयर और कोडिंग बदली गई है और वो भी बड़े योजनाबद्ध तरीक़े से। उन मशीनों का सॉफ्टवेयर बदल के उनकी प्रोगरैमिंग ऐसी की गई है जिससे कि उन मशीनों में आप कोई भी बटन दबाओगे तो वोट बीजेपी को ही जाएगा। राजस्थान के धौलपुर के उपचुनाव में तो तक़रीबन 200 मशीनें लगाई गईं थी जिनमें से सारी वोट बीजेपी को ही डालने वाली 18 मशीनें निकली हैं और यह प्रतिशत तक़रीबन 10 प्रतिशत हो जाता है, और बाकि 180 मशीनों का तो पता ही नहीं है कि वो ठीक हैं भी या नहीं। और तो और राजस्थान में तो जेनरेशन1 की मशीनें इस्तेमाल में लाईं जा रही हैं जो साल 2006 से पहले की बनी हैं और सुरक्षा के लिहाज़ से ये मशीनें एकदम शून्य हैं क्योंकि उनमें किसी भी तरह का कोई सुरक्षा फ़ीचर नहीं है और इन जेनरेशन1 की मशीनों को प्रतिबंधित किया हुआ है, लेकिन बावजूद इसके चुनाव आयोग इन मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है, तो शक़ पैदा होता है कि आख़िर क्यों और किसके इशारे पर?’
जेनरेशन 1 – साल 2006 से पहले की मशीनें
जेनरेशन 2 – साल 2006 से 2013 के बीच की मशीनें
जेनरेशन 3- साल 2013 के बाद की मशीनें
'हमें ऐसी जानकारी मिल रही है दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए चुनाव आयोग राजस्थान से इन्ही जेनरेशन 1 की मशीनों को मंगा रहा है जो सुरक्षा के लिहाज़ से एकदम शून्य हैं और जिन्हें इस्तेमाल में लाने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। चुनाव आयोग ने बाक़ायदा चिठ्ठी लिखकर यह बताया है कि वो जेनरेशन 1 की मशीनों से चुनाव कराना चाहते हैं, लेकिन हमरा सवाल यह है कि आखिर वो ऐसा क्यों करना चाहते हैं। और उसके बाद सवाल यह उठता है कि आखिर किसके इशारे पर और क्यों इन पुरानी मशीनों को दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए मंगाया जा रहा है? और वो भी ऐसे में जब हाल ही में राजस्थान में इन्हीं जेनरेशन 1 की मशीनों की ऐसी ख़राबी सामने आई है जिसमें वो सिर्फ़ बीजेपी को ही वोट डाल रही हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी को ही जिताने की कोशिश कर रहा हो? क्योंकि नगर निगम चुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा 5 हज़ार बैलेट यूनिट और 8 हज़ार कंट्रोल यूनिट राजस्थान से मंगाई जा रही हैं। चुनाव आयोग की आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि उसे राजस्थान से ही इन पुरानी मशीनों को दिल्ली मंगाना पड़ रहा है ऐसे में जबकि दिल्ली के पास पर्याप्त मात्रा में जेनरेशन 2 की मशीनें उपलब्ध हैं। इन पुरानी मशीनों का मंगाना एक गहरी साज़िश की ओर इशारा करता है।'
'इन सब बातों के बाद हम तो यही कहेंगे कि अगर चुनाव आयोग को ऐसे ही चुनाव कराने हैं जिसमें जनता अपना वोट किसी को भी दे लेकिन वो वोट जाएगा सिर्फ़ बीजेपी को तो ये चुनाव की नौटंकी करने की ज़रुरत ही क्या है? बग़ैर चुनाव के बीजेपी को विजेता घोषित करो और पूरे देश में बीजेपी की तानाशाही को स्थापित करा दो, फिर देश की जनता अपने आप तय करेगी कि उसे आंदोलन के लिए सड़कों पर कैसे उतरना है। चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी मिलकर जनतंत्र के साथ जो खिलवाड़ कर रहे हैं उसे देश की जनता बर्दाश्त नहीं करने वाली।'
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