श्री अजय माकन ने नोटबंदी घोटाले की जांच जेपीसी द्वारा कराने की मांग को दोहराया
- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आज नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार द्वारा बोले गए झूठ को उजागर करते हुए 30 पेज के दस्तावेज श्वेत पत्र ‘‘नोट पर चर्चा’’ जारी किया।
- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस 28 नवम्बर, 2016 सोमवार सायं 5 बजे मंडी हाउस से संसद भवन तक थाली व कनस्तर पीटकर नोटबंदी के गलत तरीके से लागू करने के खिलाफ मार्च का आयोजन करेगी- अजय माकन
- मोदी जी को नोटबंदी के कारण जनता द्वारा झेली जा रही परेशानियों के कारणों पर जानकारी देनी चाहिए-अजय माकन
नई दिल्ली, 26 नवम्बर, 2016- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आज नोटबंदी को लेकर 30 पेज के दस्तावेज श्वेत पत्र ‘‘नोट पर चर्चा’’ (हिन्दी एवं अंग्रेजी) में जारी किया। यह दस्तावेज न सिर्फ मोदी सरकार की झूठ को उजागर करता है बल्कि नोटबंदी के पूरी तरह से फेल होने का ब्यौरा भी देता है, जिसमें नोटबंदी की कार्यवाही तथा इसके वर्तमान के और दूरगामी परिणामों पर भी जानकारी दी है। इस दस्तावेज में नोटबंदी को लेकर भूमिका, अस्पष्ट इरादे तथा त्रुटिपूर्ण स्पष्टीकरण, दोषपूर्ण योजना और उसका कार्यान्वन,आर्थिक तथा मानवीय मूल्यों पर प्रभाव, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, मानवीय मूल्य तथा नोटबंदी घोटाला क्यों है आदि विषयों का विस्तृत वर्णन दिया गया है। दस्तावेज की कापी संलगन है।
प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि आज के दस्तावेज को जारी करने का कार्यक्रम दिल्ली प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित की जाने वाली 28 नवम्बर, 2016 सोमवार सायं 5 बजे मंडी हाउस से संसद भवन तक थाली व कनस्तर पीटकर निकाले जाने वाले मार्च से पहले के कार्यक्रम का हिस्सा है। क्योंकि मोदी सरकार नोटबंदी के फैंसले को बहुत घटिया तरीक से लागू करने के कारणों पर विस्तृत जानकारी देने से बच रही है। जबकि नोटबंदी के बिना तैयारी व गलत तरीके से लागू करने के कारण आम जन को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा है। आज के संवाददाता सम्मेलन में मुख्य प्रवक्ता श्रीमती शर्मिष्ठा मुखर्जी, प्रवक्ता श्रीमती पूजा बाहरी तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री चतर सिंह भी मौजूद थे।
श्री माकन ने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह ने अपनी 24 नवम्बर को दिए गए राज्यसभा के भाषण में भी कहा था कि नोटबंदी की कार्यवाही जनता के पैसे की संगठित लूट है। जबकि कालाधन कुल प्रचलित करेंसी का सिर्फ 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि डा0मनमोहनसिंह ने अपने भाषण में यह भी कहा था कि नोटबंदी के कारण लोगों का मुद्रा व बैंकिंग प्रणाली में विश्वास कमजोर होगा, कृषि व छोटे उद्योग धंधों को नुकसान होगा तथा जीडीपी में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आ जाऐगी।
श्री माकन ने कहा कि जो करेंसी वापस ली जानी है उसकी कीमत 14.08लाख करोड़ है। जो कि कुल प्रचलित मुद्रा का 86.4 प्रतिशत है अर्थात16.4 लाख करोड़ के कुल नोट प्रचलन में है। उन्होंने कहा कि पैसा निकालने की कड़ी शर्तां के साथ सीमाऐ, बैंकों व काम न करने वाले एटीएम के बाहर लगी हुई घंटों-घंटों की लम्बी लाईनें यह दर्शाती हैं कि मोदी सरकार किस प्रकार स्थिति पर काबू पाने में नाकामयाब रही है बल्कि वर्तमान व दूरगामी प्रभावों पर बिना विचार करके किया गया कार्य है।
श्री माकन ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार नकद पैसा अनएकाउंटेड धन का केवल 6 प्रतिशत है क्योंकि लोग कालेधन को सोना, जमीन व विदेशी खातों में भी रखते है। एक अनुदार अनुमान के हिसाब से काले धन की संपदा जीडीपी का 20 प्रतिशत है। जिसका अर्थ है कि प्रतिवर्ष बनाये जाने वाले काले धन की संपदा 30 लाख करोड़ है जबकि जो नोट वापस लिये जाने है उनकी कीमत 14 लाख करोड़ है। श्री माकन ने कहा कि सारी करेंसी जो वापस ली जाने वाली है वह काला धन नही है क्योंकि उसमें से आधा धन अनएकाउंटेड है। प्रतिवर्ष जितनी काली धन संपदा तैयार होती है उसकी तुलना में वापस ली जाने वाली करेंसी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि संरचना व संस्थागत ढ़ांचे में बिना बदलाव तथा कर नीति में सुधार के बिना काली सम्पदा तैयार करने वाली जड़ो तक नही पहुचा जा सकता। काली सम्पदा भारतीय अर्थव्यवस्था के बराबर चलती है।
श्री माकन ने कहा कि नोटबंदी के पीछे बहुत बड़ा घोटाला है क्योंकि ऐसा लगता है कि भा.ज.पा. ने पहले ही इस निर्णय की जानकारी दे दी थी क्योंकि भाजपा के नेताओं ने बिहार में नोटबंदी से पहले ही जमीन खरीदी थी तथा पश्चिम बंगाल की भाजपा यूनिट ने बैंकों में पैसे जमा कराऐ थे। श्री माकन ने कहा कि क्या मोदी जी भाजपा की राज्य यूनिटों तथा केन्द्रीय भाजपा के खातों को सार्वजनिक करने का साहस करेंगे कि नोटबंदी से पहले उन खातों में कितना पैसा जमा कराया गया था।
श्री माकन ने कहा कि आर.बी.आई. के आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2016 में बैंकों में जमा की गई राशि सितम्बर 2016 में 5.98 लाख करोड़ और बढ़ गई। उन्होंने कहा कि 5.98 लाख करोड़ की राशि बहुत ज्यादा है जो यह दर्शाती है कि मोदी सरकार ने नोटबंदी की खबर पहले ही कुछ अमीर कार्पोरेट घरानों को दे दी थी ताकि उनको नोटबंदी के प्रभाव से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि बैंकों में इस प्रकार एकदम कैसे धन बढ़कर जमा हुआ था। श्री माकन ने नोटबंदी को लेकर जेपीसी गठित करने की मांग को दोहराया क्योंकि नोटबंदी स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है।
श्री माकन ने कहा कि देश की 86 प्रतिशत करेंसी को गलत ठहराना मोदी सरकार की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लगाती है? जहां एक ओर कांग्रेस की आर्थिक नीतियां गरीबों की पीड़ा दूर करने के लिए थी वहीं भाजपा इसके उलट करती है जैसा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने हमेशा गरीब विरोधी नीतियां लागू करके किया था। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने पूंजीपतियों का पैसा गरीबों को देने का काम किया था। जब उन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नोटबंदी के कार्यक्रम को लेकर भ्रमित कर रही है क्योंकि नोटबंदी को बिना तैयारी व गलत तरीके से लागू करने के कारण गरीब व आम जन को काफी परेशानियां उठानी पड़ी है।
श्री माकन ने कहा कि मोदी जी को यह साफ करना चाहिए कि वे नोटबंदी के गलत तरीके से लागू करने से हुई समस्याओं का किस प्रकार से समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि नकदी पैसे का ज्यादा प्रतिशत इमानदार व कठोर परिश्रम करने वाले लोगों का है जो कर देने के दायरे में नही आते। जबकि नोटबंदी को लेकर चल रही कवायद सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों को प्रभावित कर रही है।
श्री माकन ने कहा कि फोरन इंस्टीट्यशनल इन्वेस्टर्स (Foreign Insitutional Investors (FIIs) तथा फोरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (Foreign Portfolio Investors (FPIs) का भी विश्वास सरकार से खो गया है। नोटबंदी के पहले पांच दिनों में (FIIs) तथा (FPIs) ने भारतीय अर्थ व्यवस्था से एक बिलियन अमेरिकन डॉलर या करीब 6,500 करोड़ रुपया निकाल लिया है।
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