सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आपराधिक मामले को स्टे करने के लिये अरविन्द केजरीवाल की याचिका अस्वीकार किया जाना राजनीतिक ब्लैकमेलरों को चेतावनी-सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 22 नवम्बर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने विरूद्ध वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा दायर आपराधिक मामले को स्टे करवाने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लगाई याचिका को अस्वीकार किये जाने का स्वागत करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि न्यायालय का यह स्पष्ट आदेश मुख्यमंत्री केजरीवाल की आरोपों की घिनौनी राजनीति के मुख पर कानूनी तमाचा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा दायर याचिका को अस्वीकार करते हुये कहा कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं जिसके अंतर्गत आपराधिक और सिविल मामले एक साथ न चल सकें।
श्री उपाध्याय ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का श्री अरूण जेटली से जुड़े मामले में यह स्पष्ट आदेश अरविन्द केजरीवाल सहित उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है जो आरोपों की राजनीति कर राजनीतिक ब्लैकमेल करते रहे हैं।
भाजपा ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह डीटीसी प्रबंधन को भी कहें कि वह डीटीसी द्वारा बैंक भेजे जाने वाले पुराने नोटों के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करें ताकि एक सरकारी संस्थान की छवि खराब न हो
नई दिल्ली, 21 नवंबर। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों एवं सोशल मीडिया में आजकल आम चर्चा है कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा अपना दैनिक राजस्व लगभग 3 करोड़ रूपये का बड़ा भाग बैंकों में पुराने 500 एवं 1000 के नोटों की शक्ल में जमा कराया जा रहा है। ऐसी चर्चा है कि इसमें दिल्ली के सत्ताधारी दल के चंदे के पैसे का उलटफेर हो रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर.पी. सिंह ने आज इस संदर्भ में एक ट्वीट भी किया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग को पत्र लिखकर राजनीतिक गलियारों एवं सोशल मीडिया डीटीसी द्वारा पुराने बड़े नोट जमा कराने को लेकर चल रही इस चर्चा की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया है।
पत्र में कहा गया है कि समान्यता डीटीसी का किराया 5 से 25 रू. तक है और कंडक्टर के पास कभी भी इतना खुला पैसा नहीं होता कि वह तब भी खुला दे सकें जब कोई 500 रू. का नोट देकर 4 टिकट मांग रहा हो। डीटीसी में सफर करने वाले अधिकांश लोग निम्न-मध्यम वर्ग के होते हैं और अपना निश्चित किराया खुला देकर यात्रा करते हैं।
ऐसे में यह खबर कि डीटीसी द्वारा बैंक भेजे जाने वाले 3 करोड़ के दैनिक राजस्व का अधिकांश भाग पुराने नोटों में होता है, यह संदेह पैदा करता है कि कोई धांधली है और संभावता वह सत्ताधारी दल के चंदे से जुड़ी भी हो सकती है। श्री उपाध्याय ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह डीटीसी प्रबंधन को भी कहें कि वह डीटीसी द्वारा बैंक भेजे जाने वाले पुराने नोटों के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करें ताकि एक सरकारी संस्थान की छवि खराब न हो।
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