दिल्ली विधानसभा पर भाजपा का प्रदर्शन
नई दिल्ली, दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज प्रदेश महामंत्री संासद श्री रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अनुपस्थिति के विरोध एवं विधायक संदीप कुमार सहित महिला उत्पीड़न में आरोपित अन्य विधायकों को विधानसभा से बर्खास्त किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती कमलजीत सहरावत एवं अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष श्री आतिफ रशीद के साथ बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकत्र्ता सम्मिलित हुये जिनमें प्रमुख थे श्री राजकुमार बल्लन, श्री संजीव शर्मा, मोहम्मद हारून, श्रीमती अरूणा रावत, श्रीमती मुकुल अग्रवाल, श्रीमती शिशि तलवार, श्रीमती अंजू जैन, श्रीमती माया बिष्ट एवं श्रीमती रजनी सोढ़ी आदि। श्री रमेश बिधूड़ी ने उपस्थित प्रदर्शनकारी कार्यकत्र्ताओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगी लगातार यह कहते रहे हैं कि विधानसभा का महत्व ही क्या है अगर दिल्ली सरकार को अधिकार नहीं है पर आज दिल्ली वाले देख रहे हैं कि जो मुख्यमंत्री उनके वोट से बनी विधानसभा के नाम पर सत्ता पर एकाधिकार चाहता है वो मुख्यमंत्री विधानसभा सत्रों से लगातार नदारद रहता है। पिछले चार दिवसीय सत्र से भी मुख्यमंत्री लपता रहे और आज भी नहीं आये। लोकतंत्र मंे मुख्यमंत्री द्वारा लगातार विधानसभा की उपेक्षा से बड़ा जनता के वोट का कोई अपमान नहीं हो सकता। श्रीमती कमलजीत सहरावत ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जहां देश में महिला सशक्तिकरण की रफ्तार में बाधा पहुंचाई है वहीं इस सरकार के दौरान विधायकों द्वारा महिलाओं के अपमान एवं अभद्रता की घटनाओं के कारण दिल्ली में महिलाओं के लिए एक असुरक्षित घुटनकारी वातावरण बन गया है। हमनें लगातार मुख्यमंत्री से मिलना चाहा है पर वह महिलाओं से मिलने से बचते हैं क्योंकि उनके पास महिला उत्पीड़क विधायकों पर कार्रवाई करने की इच्छा शक्ति नहीं है।
श्री आतिफ रशीद ने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर लड़कियों एवं महिलाओं ने मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा सबको सुरक्षा एवं शिक्षा के दिखाये स्वप्न के कारण बड़ी संख्या में उनको समर्थन दिया था। मात्र दो साल से कम में आज अल्पसंख्यक समाज की महिलायें भी खुद को उतना ही ठगा हुआ महसूस कर रही हैं जितना दिल्ली की अन्य महिलायें। स्कूलों में ऊर्दू शिक्षकों का अभाव, मुस्लिम लड़कियों के लिए बने स्कूलों में बढ़ता छात्र टीचर अनुपात चिंता के विषय हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवायें भी चरमरा रही हैं, मोहल्ला क्लिनिकों के दावों के बावजूद अकेले ओखला क्षेत्र में 6 डेंगू मौतों का सामने आना दिल्ली सरकार की लापरवाही उजागर होती है।
केजरीवाल दल एक सिद्धांत विहीन भानुमति का कुनबा और उपचुनाव में हार का डर केजरीवाल को बागी विधायकों पर कार्रवाई से रोकता है-सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 09 सितम्बर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी एक सिद्धांत विहीन पार्टी है जिसे भानुमति के कुनबे से अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि अजीब स्थिति है कि पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम की शपथ लेते नहीं थकते तो मुख्य प्रवक्ता आशुतोष पार्टी संयोजक के निर्णय का विरोध करते हुये एक ब्लाॅग लिख कर महात्मा गांधी के चरित्र पर सवाल खड़े करते हैं पर मुख्यमंत्री उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते। लोकसभा में आम आदमी पार्टी के चार सांसदों में से दो प्रत्यक्ष रूप से पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल के विरूद्ध बोलते हैं पर पार्टी उन पर कार्रवाई नहीं करती। इसी तरह शिकायतों के बाद पर्यवेक्षक के रूप में दिल्ली के विधायक कर्नल देवेन्द्र कुमार सहरावत जब पंजाब में नेताओं से जुड़े सेक्स स्कैंडल पर बोलना चाहा तो उन पर मानहानि के मुकदमे की बात सामने आ रही है।
इसके अतिरिक्त विधायक पंकज पुष्पकर लगातार केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार की बात करते रहे हैं तो एक अन्य विधायक एवं पूर्व मंत्री असीम अहमद खान खुल कर कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री मेरे परिवार की हत्या करा सकते हैं। इसी तरह सेक्स स्कैंडल में फसे पूर्व मंत्री संदीप कुमार ने भी इशारों ही इशारों में उनके खिलाफ पार्टी में साजिश की बात कही पर इनमें से किसी पर भी अरविन्द केजरीवाल कोई कार्रवाई नहीं करते। श्री उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली की जनता यह भलिभांति जान गई है कि अरविन्द केजरीवाल बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई करने से इसलिए बचते हैं क्योंकि यदि वह उनको पार्टी से निष्कासित करेंगे तो वह निर्दलीय विधायक बन कर उन्हीं का विरोध करेंगे और अगर विधानसभा से बर्खास्त करते हैं तो होने वाले उपचुनाव में हार का डर उन्हें रोकता है।
श्री आतिफ रशीद ने कहा कि विगत विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर लड़कियों एवं महिलाओं ने मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा सबको सुरक्षा एवं शिक्षा के दिखाये स्वप्न के कारण बड़ी संख्या में उनको समर्थन दिया था। मात्र दो साल से कम में आज अल्पसंख्यक समाज की महिलायें भी खुद को उतना ही ठगा हुआ महसूस कर रही हैं जितना दिल्ली की अन्य महिलायें। स्कूलों में ऊर्दू शिक्षकों का अभाव, मुस्लिम लड़कियों के लिए बने स्कूलों में बढ़ता छात्र टीचर अनुपात चिंता के विषय हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवायें भी चरमरा रही हैं, मोहल्ला क्लिनिकों के दावों के बावजूद अकेले ओखला क्षेत्र में 6 डेंगू मौतों का सामने आना दिल्ली सरकार की लापरवाही उजागर होती है।
केजरीवाल दल एक सिद्धांत विहीन भानुमति का कुनबा और उपचुनाव में हार का डर केजरीवाल को बागी विधायकों पर कार्रवाई से रोकता है-सतीश उपाध्याय
नई दिल्ली, 09 सितम्बर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी एक सिद्धांत विहीन पार्टी है जिसे भानुमति के कुनबे से अधिक कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि अजीब स्थिति है कि पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम की शपथ लेते नहीं थकते तो मुख्य प्रवक्ता आशुतोष पार्टी संयोजक के निर्णय का विरोध करते हुये एक ब्लाॅग लिख कर महात्मा गांधी के चरित्र पर सवाल खड़े करते हैं पर मुख्यमंत्री उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते। लोकसभा में आम आदमी पार्टी के चार सांसदों में से दो प्रत्यक्ष रूप से पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल के विरूद्ध बोलते हैं पर पार्टी उन पर कार्रवाई नहीं करती। इसी तरह शिकायतों के बाद पर्यवेक्षक के रूप में दिल्ली के विधायक कर्नल देवेन्द्र कुमार सहरावत जब पंजाब में नेताओं से जुड़े सेक्स स्कैंडल पर बोलना चाहा तो उन पर मानहानि के मुकदमे की बात सामने आ रही है।
इसके अतिरिक्त विधायक पंकज पुष्पकर लगातार केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार की बात करते रहे हैं तो एक अन्य विधायक एवं पूर्व मंत्री असीम अहमद खान खुल कर कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री मेरे परिवार की हत्या करा सकते हैं। इसी तरह सेक्स स्कैंडल में फसे पूर्व मंत्री संदीप कुमार ने भी इशारों ही इशारों में उनके खिलाफ पार्टी में साजिश की बात कही पर इनमें से किसी पर भी अरविन्द केजरीवाल कोई कार्रवाई नहीं करते। श्री उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली की जनता यह भलिभांति जान गई है कि अरविन्द केजरीवाल बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई करने से इसलिए बचते हैं क्योंकि यदि वह उनको पार्टी से निष्कासित करेंगे तो वह निर्दलीय विधायक बन कर उन्हीं का विरोध करेंगे और अगर विधानसभा से बर्खास्त करते हैं तो होने वाले उपचुनाव में हार का डर उन्हें रोकता है।
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