कांग्रेस पार्टी के जनसर्वेक्षकों द्वारा दिल्ली के मौहल्ला क्लीनिकों के किए गऐ सर्वों ने मौहल्ला क्लीनिकों में स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमियों का खुलासा किया। दिल्ली के मौहल्ला क्लीनिकों में मूलभूत सुविधाओं की कमी हैं इसलिए उनमें बड़े स्तर सुधार की जरुरत है: अजय माकन
Ø APP पार्टी की दिल्ली सरकार ने एडहाक बेसेस पर करोड़ो रुपये के विज्ञापन देते हुए केन्द्रीय सर्तकता आयोग की 8 जुलाई 1999 की गाईड लाइन्स, पीडब्लूडी के मेन्यूल के अनुच्छेद 4.13, बिल्डिंग बायलाज का उल्लघंन करते हुए मौहल्ला क्लीनिकों को स्थापित किया- अजय माकन
Ø AAP पार्टी की दिल्ली सरकार ने दिल्ली में नियमों को ताक पर रखते हुए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जगहों पर अनाप-शनाप किराया देकर दिल्ली की जनता की खून पसीने की कमाई के द्वारा मौहल्ला क्लिनिक खोले -अजय माकन
Ø मौहल्ला क्लीनिकों को 12 घंटे खोला जाये तथा उनमें 24 घंटे आपातकालीन सेवाऐं देने के साथ-साथ डाक्टरों व अन्य कर्मचारियों की कानूनी प्रक्रिया से नियमित रुप से भर्ती की जाये।
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आज AAP पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा चालू किए गए 105 मौहल्ला क्लीनिकों पर दिल्ली कांग्रेस के 217 जनसर्वेक्षकों द्वारा किए गए सर्वों में सामने आई कमियों का खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में एडहाक बेसेस पर केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC), की 8 जुलाई 1999 की गाईडलाईन्स, पीडब्लूडी के मेन्यूल के अनुच्छेद 4.13,बिल्डिंग बायलाज़ तथा अन्य स्थापित सरकारी प्रक्रियाओं का उल्लघंन करते हुए इन मौहल्ला क्लीनिकों को स्थापित किया। इन मौहल्ला क्लीनिकों में स्वास्थ्य की ना तो मूलभूत सुविधाऐं हैं तथा स्वास्थ्य संबधी गाइड लाइन्स का भी उलंघन किया गया है। श्री माकन ने कहा कि बहुत सारे ऐसे मौहल्ला क्लीनिक है जिन्हें आप पार्टी के सदस्यों/पदाधिकारियों की जगहों पर मार्केट रेन्ट से कई गुणा बढ़ाकर अनाप-शनाप किराया देकर खोला गया है जो कि सरेआम भ्रष्टाचार है तथा दिल्ली के करदाताओं की खूनपसीने की कमाई की बर्बादी की गई है।
मौहल्ला क्लीनिकों को लेकर किए गए खुलासे की रिपोर्ट जारी करते हुए कास्टीट्यूशन क्लब रफी मार्ग पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अजय माकन ने कहा कि हमने दिल्ली कांग्रेस के 217 कार्यकर्ताओं को “जन सर्वेक्षक” के रूप में प्रशिक्षण दिया तथा उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर मौहल्ला क्लिनिकों का सर्वेक्षण 18-20 अगस्त के बीच में किया। सभी टीमों से 19 अगस्त, 1 व 7 सितम्बर को उनके सर्वे के बारे में बैठकें की गई थीं तथा सभी ने अपनी-अपनी रिपोर्ट दिल्ली कांग्रेस के कार्यालय में जमा करवाई।
श्री अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस सरकार के द्वारा स्थापित की स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र करते हुए आर्थिक सर्वेक्षण 2014-2015 में बताया गया था कि दिल्ली में 95 अस्पताल, 1389डिस्पेन्सरी, 267 मेटरनिटी होम्स, 973 पोलीक्लीनिक, 16 मेडिकल कालेज, 48096 बेड कांग्रेस की दिल्ली व केंद्र सरकार ने दिल्ली में 2004-2014 के बीच में 15155 अस्पतालों में लगाये गये थे अर्थात 1500 बेड प्रतिवर्ष के हिसाब से बनाये गये। तथा जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सत्ता संभाली उस समय कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई स्वास्थ्य के क्षेत्र की उपरोक्त सारी सुविधाये उपलब्ध थी परंतु आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने सुविधाओं को और मजबूत करने की बजाये आनन-फानन में बिना कोई नीति तैयार मौहल्ला क्लीनिक खोल डाले। जबकि पहले से नगर निगम व एन.आर.एच.एम. की डिस्पेन्सरियां मौजूद है जिनमें स्वास्थ्य संबधी काफी सुविधायें मुहैया कराई जा रही है जिनको और मजबूत करने की जरुरत है।
श्री माकन ने कहा कि मौहल्ला क्लीनिक को सरकार ने बिना विस्तृत विश्लेषण व अध्ययन के बिना खोल दिया था। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों में प्राईवेट डाक्टरों को बैठाया गया है जो प्रतिमहीना 75 से 80 हजार रुपये दिन में केवल 4 घंटे सेवाऐं देकर कमा रहे है और औसत निकाला जाये तो प्रति मरीज को केवल 2 मिनट डाक्टर द्वारा दिए जाते है। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों में मूलभूत सुविधायें तक नही है तथा जनता की भागीदारी के लिए भी कोई जगह नही है क्योंकि ये क्लीनिक छोटे-छोटे कमरों में चलाये जा रहे है यदि इन क्लीनिकों में जनता की भागीदारी होती तो आज दिल्ली में चिकनगुनिया व डेंगू जैसी बिमारियों की रोकथाम में काफी मदद मिल सकती थी।
श्री माकन ने कहा कि जनसर्वेक्षकों द्वारा जमा की गई अपने सर्वे की रिर्पोटों से यह सामने आया है कि ज्यादातर क्लीनिकों में डाक्टरों की जगह दूसरा अन्य स्टाफ मरीजों को देखता है। तथा डाक्टरों के ना तो नाम की प्लेट है और ना उनकी शिक्षा का विवरण दिया गया है। उदाहरण के लिए 20 अगस्त को आजाद पुर गांव में चल रहे मौहल्ला क्लीनिक में डाक्टर की अनुपस्थिति मैं ए.एन.एम. संगीता मरीजों को देख रही थी तथा वेस्ट घोंडा के मौहल्ला क्लीनिक में एक राकेश नाम के मरीज के खून के सैम्पल की जांच हुई तथा उसको यह कहा गया कि उसका लीवर बड़ा हुआ है उसको काफी बीमारियां है। यह सब बाते राकेश को दी गई रिपोर्ट में थी जब राकेश ने उस रिपोर्ट में मरीज का नाम पढ़ा तो उस पर राकेश गोयल लिखा था। अर्थात दो अलग-अलग मरीजों को एक ही आई.डी. दे रखी थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि डल्लूपुरा हरिजन बस्ती के मौहल्ला क्लीनिक में डाक्टर द्वारा छुआछूत का मामला भी सामने आया जिसकी शिकायत भी की गई। कई मौहल्ला क्लीनिक बिल्डिंग बायलाज़ का उलंघन करते हुए पार्किग एरिया में चलाये जा रहे है तथा कई जगह ऐसी हैं जहां पर एम.सी.डी. ने बिल्डिंग को सील कर रखा था वहां पर भी मौहल्ला क्लीनिक चलाये जा रहे है।
श्री माकन ने दिल्ली सरकार से यह मांग की कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को एडोहोक्ज़िम पर ना चलाया जाये और दिल्ली कांग्रेस एक सजग विपक्ष की भूमिका निभाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग करती है जो इस प्रकार हैं - मौहल्ला क्लीनिकों को स्थापित करने से पहले दूरी का विश्लेषण (gap analysis) किया जाये ताकि दिल्ली की सारी जनता को स्वास्थ्य लाभ भी मिल सके क्योंकि यह देखा गया है कि कई मौहल्ला क्लीनिक तो पहले से स्थापित डिस्पेन्सरियों के 100-200 मीटर की दूरी पर ही खोल दिए गए है। मौहल्ला क्लीनिक एवं डिस्पेन्सरियों को कम से कम 12 घंटे खोला जाये तथा 24 घंटे आपातकालीन सेवा दी जानी चाहिए तथा इन क्लीनिकों में डाक्टर व स्टाफ की भर्तियां कानूनी प्रक्रिया के तहत की जाये न कि प्राईवेट डाक्टरों को आउटसोर्स किया जाये। श्री माकन ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को जेनेरिक दवाओं की बिक्री के लिए उचित दर की दुकाने आम जनता के लिए खोली जानी चाहिए ताकि प्राईवेट डाक्टरों के पास जाने वाले मरीजों को भी जेनेरिक दवाऐं उचित दर पर दी जा सके। सेवा के क्षेत्र में जनता की भागीदारी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाये ताकि जवाबदेही बढ़े व चिकनगुनिया, डेंगू व स्वाईन फ्लू जैसी बीमारियों से आसानी से लड़ा जा सके।
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