दिल्ली भाजपा ने किया आपातकाल बंदियों का अभिनन्दन
मेरी दृढ़ धारणा है कि आपातकाल में बंदी रहे लोकतंत्र सेनानियों को भी वही सम्मान मिलना चाहिये जो स्वतंत्रता सेनानियों को मिलता है-मनोज तिवारी
हम आपातकाल बंदियों के लिए इससे अधिक कोई सम्मान नहीं हो सकता कि स्वयं प्रधानमंत्री ने आपातकाल दिवस के दिन हमारे लोकतंत्र के लिए किये कार्य का अभिनन्दन किया है-डाॅ. मल्होत्रा
नई दिल्ली, 25 जून। दिल्ली भाजपा कार्यालय में आज भूतपूर्व महापौर श्री महेश चन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी ने आपातकाल के दौरान बंदी बनाये गये व्यक्तियों का अभिनन्दन किया। औपचारिक कार्यक्रम प्रारम्भ होने से पूर्व उपस्थित आपालकाल बंदियों ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार से अनुरोध किया कि दिल्ली के आपालकाल बंदियों को भी उसी तरह सम्मानित किया जाये जिस तरह मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने किया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी एवं पूर्व सांसद डाॅ. विजय कुमार मल्होत्रा ने प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन की उपस्थिति में आपातकाल बंदियों एवं अन्य कार्यकर्ताओं का अभिनन्दन कर सम्बोधित किया। प्रसिद्ध कवि श्री गजेन्द्र सोलंकी ने आपालकाल बंदियों द्वारा सही तकलीफों को उल्लेखित करती हुई एक कविता प्रस्तुत की। उपस्थित आपातकाल बंदियों में प्रमुख थे पूर्व विधायक श्री ओ पी बब्बर, श्री मेवाराम आर्य, पूर्व महापौर श्री सुभाष आर्य एवं श्री पृथ्वीराज साहनी, वरिष्ठ नेता श्री गौरीशंकर मंूधड़ा, श्री अब्दुल रशीद, श्री मांगेराम गर्ग एवं श्री जीतराम सोलंकी आदि।
वर्तमान भाजपा पदाधिकारियों श्री रविन्द्र गुप्ता, श्री अभय वर्मा एवं श्री राजेश भाटिया ने सभागार में उपस्थित लगभग 150 आपातकाल बंदियों को अंगवस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर बोलते हुये स्वयं आपातकाल में बंदी रहे डाॅ. मल्होत्रा ने आज प्रातः रेडिया पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में आपातकाल बंदियों का अभिनन्दन करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया और कहा कि हम आपातकाल बंदियों के लिए इससे अधिक कोई सम्मान नहीं हो सकता कि स्वयं प्रधानमंत्री ने आपातकाल दिवस के दिन हमारे लोकतंत्र के लिए किये कार्य का अभिनन्दन किया है।
आपातकाल के दौरान बंदियों को हुई तकलीफों का स्मरण करते हुये डाॅ. मल्होत्रा ने कहा कि आज सोच कर भी दुख होता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आपातकाल के दौरान बंदियों को परिजनों की मृत्यु अथवा पुत्री के विवाह के लिए भी पैरोल नहीं दी गई।
डाॅ. मल्होत्रा ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी एवं नेता डाॅ. दीनदयाल उपाध्याय, श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लालकृष्ण आडवाणी 1947 से 1977 के मध्य कांग्रेस शासन द्वारा बुरी तरह प्रताड़ित किये गये। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई में केन्द्र बिन्दु बने और उनके नेतृत्व में अनेक दलों ने मिलकर 1977 में चुनाव लड़ा और देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुनः स्थापित किया।
श्री मनोज तिवारी ने अपने सम्बोधन में सभी आपातकाल बंदियों का अभिनन्दन किया और कहा कि मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि अगले वर्ष आपातकाल दिवस 25 जून से पहले दिल्ली से गिरफ्तार किये गये सभी बंदियों को सरकारी सम्मान मिले।
उन्होंने कहा कि मैंने आपातकाल का वक्त सक्रियता से नहीं देखा पर जो दुखद संस्मरण समय-समय पर और आज पुनः सुने हैं वह हमारी पीढ़ी को लोकतंत्र का महत्व समझाते हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि यह मेरी दृढ़ धारणा है कि आपातकाल में बंदी रहे लोकतंत्र सेनानियों को भी वही सम्मान मिलना चाहिये जो स्वतंत्रता सेनानियों को मिलता है। बात सुविधाओं की नहीं सम्मान की है।
Comments
Post a Comment