लोगों की जान बचाते हुए, अपनी जान गंवाने पर दिल्ली के उपराज्यपाल से उनको वीरता का पुरस्कार व उनके परिवार को नकद राशि देने की मांग की
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने ओंकार नगर-बी, त्रिनगर के निवासी सतवीर के द्वारा आग से लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवाने पर दिल्ली के उपराज्यपाल से उनको वीरता का पुरस्कार व उनके परिवार को नकद राशि देने की मांग की।
नई दिल्ली, 7 जून 2017- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर ओंकार नगर-बी, त्रिनगर के निवासी सतवीर के द्वारा आग से लोगों की जान बचाते हुए अपनी गंवाने पर दिल्ली के उपराज्यपाल से उनके परिवार को नकद राशि व वीरता का पुरस्कार देने की मांग की। श्री माकन ने कहा कि सतवीर ने बड़ी बहादुरी से लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी क्योंकि152/15, ओंकार नगर-बी, त्रिनगर में सोमवार की रात को आग लग गई थी।
उपराज्यपाल को लिखे अपने 7 जून 2017 के पत्र में श्री अजय माकन ने उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि 5 जून सोमवार की रात को152/15, ओंकार नगर-बी, त्रिनगर में स्थापित फीजियो थैरेपी सेन्टर में शॉट सर्किट के कारण आग लग गई थी। उक्त बिल्डिंग के मालिक श्री राजेश गुप्ता ने सतवीर पुत्र श्री श्रीचन्द पांचाल जो कि आग लगने वाले स्थान से कुछ ही दूरी पर रह रहे थे, उनको आग बुझाने के यंत्र को लेकर वहां की आग बुझाने के लिए कहा। ज्ञात हो कि सतवीर की फयूर्स फायर इंजीनियर्स के नाम से आग बुझाने के यंत्र की दुकान है।
श्री माकन ने अपने पत्र में लिखा कि सतवीर को आग की खबर मिलते ही वह आग लगने वाली बिल्डिंग में आधी रात को आग बुझाने की मशीनों के साथ पहुच गए और उनके द्वारा तत्परता व समय पर किए गए कार्य के कारण आग बुझ सकी और बिल्डिंग में रहने वाले बहुत सारे लोगों की जान भी बचाई जा सकी। यद्पि सतवीर ने आग को काबू में पा लिया था परंतु फीजियो थैरेपी सेन्टर में रखे ऑक्सीजन के सिलेन्डर में आग लगने के बाद विस्फोट हो गया तथा सतवीर की मौके पर ही मौत हो गई। सतवीर की मृत्यु के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड के उच्च अधिकारी मौके पर पहुच गए थे।
श्री माकन ने अपने पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से सतवीर के साहसिक कदम जिसमें उन्होंने अपनी जान गंवा कर लोगों की जान बचाई है और एक वीरता के कार्य का उदाहरण हमारे सामने रखा है इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल को सतवीर को मरणोपरान्त वीरता पुरस्कार व उसके परिवार को नकद राशि देने के लिए आग्रह किया। श्री माकन ने कहा कि सतवीर ने अपने प्राणां की आहुति देते हुए बिना स्वार्थ के साहसिक कार्य किया है जिसके कारण बहुत सारे निर्दोष लोगों की जान बच सकी।
नई दिल्ली, 7 जून 2017- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर ओंकार नगर-बी, त्रिनगर के निवासी सतवीर के द्वारा आग से लोगों की जान बचाते हुए अपनी गंवाने पर दिल्ली के उपराज्यपाल से उनके परिवार को नकद राशि व वीरता का पुरस्कार देने की मांग की। श्री माकन ने कहा कि सतवीर ने बड़ी बहादुरी से लोगों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी क्योंकि152/15, ओंकार नगर-बी, त्रिनगर में सोमवार की रात को आग लग गई थी।
उपराज्यपाल को लिखे अपने 7 जून 2017 के पत्र में श्री अजय माकन ने उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि 5 जून सोमवार की रात को152/15, ओंकार नगर-बी, त्रिनगर में स्थापित फीजियो थैरेपी सेन्टर में शॉट सर्किट के कारण आग लग गई थी। उक्त बिल्डिंग के मालिक श्री राजेश गुप्ता ने सतवीर पुत्र श्री श्रीचन्द पांचाल जो कि आग लगने वाले स्थान से कुछ ही दूरी पर रह रहे थे, उनको आग बुझाने के यंत्र को लेकर वहां की आग बुझाने के लिए कहा। ज्ञात हो कि सतवीर की फयूर्स फायर इंजीनियर्स के नाम से आग बुझाने के यंत्र की दुकान है।
श्री माकन ने अपने पत्र में लिखा कि सतवीर को आग की खबर मिलते ही वह आग लगने वाली बिल्डिंग में आधी रात को आग बुझाने की मशीनों के साथ पहुच गए और उनके द्वारा तत्परता व समय पर किए गए कार्य के कारण आग बुझ सकी और बिल्डिंग में रहने वाले बहुत सारे लोगों की जान भी बचाई जा सकी। यद्पि सतवीर ने आग को काबू में पा लिया था परंतु फीजियो थैरेपी सेन्टर में रखे ऑक्सीजन के सिलेन्डर में आग लगने के बाद विस्फोट हो गया तथा सतवीर की मौके पर ही मौत हो गई। सतवीर की मृत्यु के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड के उच्च अधिकारी मौके पर पहुच गए थे।
श्री माकन ने अपने पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल से सतवीर के साहसिक कदम जिसमें उन्होंने अपनी जान गंवा कर लोगों की जान बचाई है और एक वीरता के कार्य का उदाहरण हमारे सामने रखा है इसलिए दिल्ली के उपराज्यपाल को सतवीर को मरणोपरान्त वीरता पुरस्कार व उसके परिवार को नकद राशि देने के लिए आग्रह किया। श्री माकन ने कहा कि सतवीर ने अपने प्राणां की आहुति देते हुए बिना स्वार्थ के साहसिक कार्य किया है जिसके कारण बहुत सारे निर्दोष लोगों की जान बच सकी।
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