आयोग द्वारा टैम्परिंग सिद्ध करने की चुनौती सराहनीय
चुनाव आयोग का 2019 तक वैरिफाईड पेपर ऑडिट ट्रेल का क्रियान्वयन सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक
उप-मुख्यमंत्री के सुझाव राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित
नेता प्रतिपक्ष दिल्ली विधानसभा विजेन्द्र गुप्ता ने आज कहा कि चुनाव आयोग की यह घोषणा स्वागत योग्य है कि केन्द्र सरकार से उसे वोटर - वैरिफाईड पेपर ऑडिट ट्रेल के लिए फंड प्राप्त हो गए हैं और इसे 2019 तक क्रियान्वित कर दिया जाएगा । उन्होंने इस बात पर चुनाव आयोग की सराहना करी कि उसने राजनैतिक पार्टियों को यह सिद्ध करने के लिए चुनौती दी कि वे ईवीएम मशीन में टैम्परिंग करके दिखाए । उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को सिद्ध करता है कि वह शीघ्र ही इस चुनौती को सिद्ध करने के लिए राजनैतिक पार्टियों को अवसर देने जा रही है ।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि उक्त बैठक में भाग लेकर आए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ट्वीट कर जानबूझकर मशीनों में टैम्परिंग के मामले को उलझा रहे हैं । उनके सुझााव राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं । उनका यह सुझाव मानने योग्य नहीं है कि ’हैकाथन’ भी कराएं और पिछले चुनाव में टैम्परिंग साबित करने का चैलेंज भी कराएं । यह उनका सुझाव हास्यास्पद है कि इस चैलेंज में जिन विवादित बूथ्स पर लोगों ने एफिडेविट फाइल कर अपने वोट चोरी होने की बात कही है वहां की मशीनों से टाईम स्टैम्प के प्रिंट निकालकर एफिडेविट फाइल करने वाले वोटर्स से आन-कैमरा, पोलिटिकल पार्टीज और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बात की जाए । यह सुझाव केवल राजनीति से प्रेरित होकर दिया गया है ।
विपक्ष के नेता ने मनीष सिसोदिया के उस सुझाव को भी आश्चर्यजनक बताया, जिसमें उन्होंने कहा है कि पोलिटिकल फंडिंग सभी पार्टियों के लिए 100 प्रतिशत पारदर्शी बनाने के लिए व्यवस्था करें । उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी खुद अपनी पार्टी के लिए पारदर्शिता की जिम्मेदार है । परन्तु उसने ढिंडोरा पीटने के बावजूद भी अपनी पार्टी फंडिंग को पूरी तरह अपारदर्शी बनाकर रख दिया । वैबसाईट से डोनेशन लिस्ट ही गायब कर दी गई । अतः अब सरकार पर पारदर्शिता का दायित्व डालना पूरी तरह से अमान्य है ।
आम आदमी पार्टी का यह सुझाव भी नहीं माना जा सकता कि 25 प्रतिशत वैरिफाईड पेपर ऑडिट ट्रेल पर्चियों की गिनती जरूरी करने का नियम बनाया जाए । यह प्रणाली इस स्तर तक ले जाई गई तो लगभग बैलेट पेपर गिनने वाली स्थिति ही आ जाएगी । इसके लिए सभी पार्टियों की राय आवश्यक है ।
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