बीजेपी-कांग्रेस ख़ुद लेती हैं अवैध विदेशी चंदा, दिल्ली हाईकोर्ट ने उठाए हैं इन दोनो पार्टियों की फंडिंग पर सवाल: AAP
आम आदमी पार्टी की फंडिंग में कोई गड़बड़ी नहीं, गृहमंत्रालय ख़ुद दो बार दे चुका है क्लीन चिट
फ़र्ज़ी चेक और फ़र्जी आरोपों के साथ आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की साज़िश बार-बार होती है: AAP
आम आदमी पार्टी को झूठे चेक और फ़र्ज़ी सुबूतों के आधार पर विदेशी चंदे के नाम पर बदनाम करने की साज़िश करने वाली भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ख़ुद अवैध विदेशी चंदा लेने के मामले में फंसी हुई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी और कांग्रेस दोनो पार्टियों को अवैध रुप से विदेशी चंदा लेने का दोषी पाया था जिसको लेकर गृहमंत्रालय को इन दोनो पार्टियों पर एक्शन लेने के लिए चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन इन दोनो पार्टियों की सरकारों ने इस मामले को दबाया है। और अब तो पूरी बेशर्मी के साथ बीजेपी ने विदेशी चंदे से सम्बंधी कानून FCRA को ही बदल दिया है।
इस मुद्दे पर प्रैस कॉंफ्रेंस करते हुए पार्टी की वरिष्ठ नेता और पीएसी सदस्य आतिषी मार्लेना ने कहा कि ‘आज जो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस विदेशी चंदे को लेकर फंर्ज़ी आरोप आम आदमी पार्टी पर लगा रही हैं वो खुद अवैध विदेशी चंदा लेने के मामले में फंसी हुई हैं। मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने गृहमंत्रालय को नोटिस भेजते हुए कहा था कि अवैध रुप से विदेशी चंदा लेने के आरोप में बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों की मान्यता को रद्द किया जाए। ना तो गृहमंत्रालय ने इस पर कोई एक्शन लिया और ना ही हाईकोर्ट को कोई जवाब ही दिया। उसके बाद जून 2015 में चुनाव आयोग ने भी गृहमंत्रालय को चिठ्ठी लिखी थी कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बीजेपी-कांग्रेस पार्टियों पर एक्शन मंत्रालय ले क्योंकि कानून के तहत चुनाव आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता।‘
‘इसके बाद साल 2017 में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 2014 के हाईकोर्ट के आदेश को लेकर कोर्ट की अवमानना करने के ख़िलाफ़ याचिका दायर की और एक बार फिर से हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कारण-बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन इन सबके जवाब में बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने बीजेपी-कांग्रेस पार्टियों को बचाने के लिए जो किया वो यह है कि बीजेपी सरकार ने 2016 में फायनेंस बिल के ज़रिए FCRA कानून में ही संशोधन कर डाला जिसे रैट्रोस्पैक्टिव इफ़ैक्ट से लागू किया गया और क्रियान्वयन की तारीख़ भी साल 2010 की रखी गई ताकि बीजेपी और कांग्रेस पार्टियां इससे बच सकें। बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों ने आपसी मिलीभगत के साथ संविधान, कानून और लोकतंत्र का मज़ाक बनाते हुए अपनी चोरी को वैद्ध बना दिया और देश की जनता के साथ धोख़ा किया।
आम आदमी पार्टी आज केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से निम्नलिखित सवाल पूछती है-
1. बीजेपी-कांग्रेस ने अवैध तरीके से विदेशी चंदा क्यों लिया?
2. विदेशी चंदा लेने के आरोप में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशानुसार गृह मंत्रालय ने बीजेपी-कांग्रेस पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया?
3. आख़िर क्यों FCRA कानून में संशोधन पिछले दरवाज़े से किया गया और बीजेपी-कांग्रेस को बचाया गया ?
इन सवालों का जवाब अगर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय, सरकार चलाने वाली भारतीय जनता पार्टी और पूर्व में सरकार में रही कांग्रेस पार्टी के पास है तो कृपया देश की जनता के सामने रखें। संविधान के साथ कोई मनमुताबिक छेड़छाड़ करके खुद को या अपनी पार्टी को बचाता है तो यह देश के संविधान, कानून, लोकतंत्र और देश की जनता के साथ विश्वासघात के समान है।
इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि ‘यह बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि जो पार्टियां खुद अवैध विदेशी चंदा लेने के मामले में फंसी हैं वो उस आम आदमी पार्टी पर सवाल उठा रही हैं जिसने देश में पारदर्शिता के नए मानक स्थापित किए हैं। पिछले चार साल से लगातार वही फ़र्ज़ी चेक और कागज़ लेकर आम आदमी पार्टी के चंदे को लेकर शोर मचाया जाता है ताकि आम आदमी पार्टी को बदनाम किया जा सके।
‘इस देश में आम आदमी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो अपने एक-एक पैसे का हिसाब देती है, जिसका 92 प्रतिशत चंदा चेक और बैंक के माध्यम से आता है और बाकि बचे 8 प्रतिशत को भी पूरी जानकारी के साथ बैंक में जमा करा दिया जाता है और चुनाव आयोग को भी जानकारी दी जाती है। खुद गृहमंत्रालय दो बार हलफ़नामा देकर हाईकोर्ट में यह कह चुका है कि आम आदमी पार्टी के चंदे में कोई गड़बड़ी नहीं है और आम आदमी पार्टी ने विदेशी चंदा लेने के मामले में किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है, बावजूद इसके बार-बार मोहरे बदल-बदल कर जनता के बीच भ्रम पैदा करने के लिए और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के मकसद से झूठ बोला जाता है। अब बीजेपी ने अपना मोहरा कपिल मिश्रा को बनाया हुआ है जो भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करते हुए फ़र्ज़ी कागज़ों के आधार पर शोर मचा रहा है लेकिन जनता अब इनके षडयंत्र को समझ चुकी है।
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