दिल्ली भाजपा ने केजरीवाल सरकार के दो साल की #RealityCheck Delhi रिपोर्ट जारी की
आर.टी.आई. के जवाब एवं दिल्ली की रियल्टी चैक बताते हैं कि केजरीवाल सरकार ब्लफबाजी की सरकार है-मनोज तिवारी
जो मुख्यमंत्री अन्य राज्यों में जाकर नशाबंदी की बात करता है वह अपने शासन के राज्य में नित नये शराब परोसने के लाइसेंस जारी कर रहा है, नित नई बारशालायें एवं पब खुलवा रहा है-मीनाक्षी लेखी
विधानसभा में किसी कलंकित व्यक्ति को न बैठने देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री सतेन्द्र जैन, असीम अहमद, जितेन्द्र तोमर एवं संदीप कुमार को विधानसभा तो दूर पार्टी से निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं-विजेन्द्र गुप्ता
नई दिल्ली, 3 फरवरी। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता, सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी एवं महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल के साथ एक पत्रकारवार्ता में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की प्राशसनिक एवं विकास निष्क्रियता के प्रमाण दिल्ली की जनता के सामने रखे और एक #RealityCheck Delhi रिपोर्ट जारी की। पत्रकारवार्ता में भाजपा के प्रवक्ता श्री अशोक गोयल, श्री हरीश खुराना, श्री नवीन कुमार एवं श्री अश्वनी उपाध्याय उपस्थित थे। भाजपा द्वारा बनाई गई रिपोर्ट का विस्तृत लिंक https://we.tl/p2LxSwkX6R
भाजपा नेताओं ने कहा कि जहां एक ओर दिल्ली में विकास ठप्प है, प्रशासनिक अराजकता है वहीं सरकार में भ्रष्टाचार अपनी चरम पर है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि शीला सरकार के स्थापित दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले की तीनों अभियुक्त कम्पनियां आज भी बदस्तूर काम कर रही हैं और जनता के पैसे की लूट कर रही हैं। मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के परिजनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।
भ्रष्टाचार दूर करने एवं महिला सुरक्षा के अलावा केजरीवाल दल के दिल्ली की जनता से पांच मुख्य वायदे थे - बेहतर शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवायें, झुग्गीवासियों के लिए बेहतर सुविधायें, अनधिकृत कालोनियों का नियमितिकरण और नशाबंदी। इसके अलावा वाईफाई और पानी-बिजली को लेकर बड़े बड़े स्वपन दिखाये गये थे।
दिल्ली भजापा के अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि हमनें आर.टी.आई. के माध्यम से दिल्ली की वस्तुस्थिति पर जानकारियां प्राप्त की हैं और साथ ही गत दो माह में मैंने स्वयं और मेरे सहयोगी सांसदों, विधायकों एवं पार्टी पदाधिकारियों ने दिल्ली के हर कौने में जनता के बीच जाकर वास्तुस्थिति का अध्ययन किया है जिसके आधार पर हम आज एक #RealityCheck Delhi रिपोर्ट जारी कर रहे हैं जो स्पष्टता से दिखाती है दिल्ली के विकास की रफ्तार तो थम ही गई है वहीं मूलभूत जनसुविधाओं का स्तर भी पूरी तरह गिर गया है। जानकारियों के आधार पर हम कह सकते हैं कि केजरीवाल सरकार ब्लफबाजी की सरकार है।
दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है, दो वर्ष में डी.टी.सी. के बेड़े से 859 बसें कम हो गई हैं, दिल्ली में ट्राफिक व्यवस्था पर कोई ठोस कार्य नहीं हो रहा, प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, आॅड-इवन के नाम पर जनता से खिलवाड़ किया गया। अस्पतालों में रोगी बिस्तर बढ़ने की बजय कम हो गये हैं, दिल्ली में दो वर्ष पूर्ण 39 सरकारी अस्पतालों में 10959 रोगी बिस्तर थे पर आज एक अस्पताल बंद हो गया है और रोगी बिस्तर घटकर 10926 हो गये हैं। 2013 में निराश्रय लोगों के नाम की दुहाई देने वाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद दो वर्ष में एक भी नये शैल्टर होम का निर्माण नहीं किया है।
श्री मनोज तिवारी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल जब सत्ता में आये तो उनकी पहचान का एक विशेष बिन्दु था पारदर्शिता एवं भ्रष्टाचार का विरोध पर सत्ता में आने के दो वर्ष बाद भाई-भतीजावाद, पारिवारिक भ्रष्टाचार एवं हर मुद्दे पर जनता से छुपाव केजरीवाल सरकार की पहचान बन गये हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि आज दिल्ली की जनता वो भ्रष्टाचार देख रही है जो केन्द्र में कांग्रेस शासन में देखा गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री के परिजन आज शासन पर हावी हैं और जो सिलसिला मुख्यमंत्री के सचिव राजेन्द्र कुमार के द्वारा संचालित भ्रष्टाचार से प्रारम्भ हुआ था वह आज उनके परिजनों साढ़ू एवं दामाद द्वारा संचालित है। स्थिति आज यह है कि न्यायालय भी मुख्यमंत्री केजरीवाल के साढू के भ्रष्टाचार का संज्ञान लेकर कार्यवाही की रिपोर्ट मांग रहे हैं पर सरकार कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं।
श्री तिवारी ने कहा कि जो सरकार पारदर्शिता की बात करके सत्ता में आई थी उसने सबसे पहले पारदर्शिता को रोकने के लिए मीडिया के सचिवालय में प्रवेश पर रोक लगाने का प्रयास किया और उसके बाद लगातार उन अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है जो सरकार से संबंधित आर.टी.आई. सूचनायें जारी कर देते हैं या फिर केजरीवाल सरकार के मंत्रियों के मनमाने आदेश पर स्वीकृति देने से इंकार करते हैं।
सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद जो प्रशासनिक अराजकता फैलाई उसके चलते जहां दिल्ली में प्रशासन व्यवस्था पंगु बन गई वहीं अव्यवस्था के माहौल के चलते दिल्ली में विकास पूरी तरह ठप्प हो गया है।
श्रीमती लेखी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने बजट को प्रस्तुत करते हुये कहा था कि यह एक एतिहासिक बजट है जिसमें शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए अभूतपूर्व कदम उठाये गये हैं। उससे पूर्व आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में दिल्ली को नये स्कूलों एवं अस्पतालों का स्वपन दिखाया था। सत्ता में आने के दो वर्ष बाद स्थिति यह है कि अस्पतालों में रोगी बिस्तर घट गये हैं, एक भी नये अस्पताल के लिए कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। सरकार इसमें भी केवल अपनों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है और इसका प्रमाण है कि दिल्ली सरकार की एक उच्चस्तरीय हेल्थ कमेटी में स्वास्थ्य मंत्री की आर्किटेक्चर की शिक्षा प्राप्त पुत्री की नियुक्ति कर दिया जाना जिसे बाद में जनदबाव में वापस लिया गया।
श्रीमती लेखी ने कहा कि इसी तरह शिक्षा के मुद्दे मंे भी सरकार ने जनता के साथ छलावा किया है और दिल्ली में एक भी नये स्कूल पर कार्य नहीं किया गया है, कोई नया कालेज या वोकेशनल इंस्टीट्यूट खोलने पर काम नहीं हुआ है। चुनाव पूर्व सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का एक बड़ा वायदा था पर आज दो वर्ष बाद भी गेस्ट टीचर्स का नियमितिकरण अधर में लटका है नये शिक्षकों की नियुक्ति तो बहुत दूर की बात है।
श्रीमती लेखी ने कहा कि जो मुख्यमंत्री अन्य राज्यों में जाकर नशाबंदी की बात करता है वह अपने शासन के राज्य में नित नये शराब परोसने के लाइसेंस जारी कर रहा है, नित नई बारशालायें एवं पब खुलवा रहा है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अनेक मुद्दों के साथ भ्रष्टाचार, राशन, सस्ता भोजन, महिला सुरक्षा, अनधिकृत कालोनियों का नियमितिकरण, झुग्गी बस्तियों का पुनर्वास विशेष मुद्दे थे पर सत्ता में आने के दो वर्ष बाद यह सभी मुद्दे सरकार के एजेंडे से बाहर हैं। गत दो वर्ष दिल्ली की जनता के लिए दो काले वर्ष के रूप में रहे हैं जिसमें सरकार ने दिल्ली की जनता के हितों को दरकिनार कर अपने राजनीतिक भविष्य को संवारने के लिए दिल्ली के आर्थिक संसाधनों का दोहन किया।
मुख्यमंत्री हों या मंत्री सबने लम्बे प्रवासों पर सरकारी धन का दुरूपयोग किया है और विधानसभा तो मानो आम आदमी पार्टी के राजनीतिक प्रस्तावों को पास करने का मंच बन गई है। मुख्यमंत्री ने आज तक भ्रष्टाचार में आरोपित मंत्रियों सतेन्द्र जैन एवं असीम अहमद खान हों या फिर अनैतिक कार्यों में लिप्त जितेन्द्र सिंह तोमर एवं संदीप कुमार किसी के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है। विधानसभा में किसी कलंकित व्यक्ति को न बैठने देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री सतेन्द्र जैन, असीम अहमद, जितेन्द्र तोमर एवं संदीप कुमार को विधानसभा तो दूर पार्टी से निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि महिला सुरक्षा तो इस सरकार के एजेन्डे के बाहर हो गई है। आर.टी.आई. सूचना और कल उपराज्यपाल महोदय की मीटिंग की जानकारी बताती है कि सरकार ने दो वर्ष में इस पर कोई काम ही प्रारम्भ किया सिर्फ अपने निकट साथियों को कसल्टेंट नियुक्त करने के। बसों में मार्शल एवं सी.सी.टी.वी. पर कोई काम प्रारम्भ नहीं किया गया है।
श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अनधिकृत कालोनियों और झुग्गी बस्तियों के निवासियों के साथ केजरीवाल सरकार ने बड़ा धोखा किया है। अनधिकृत कालोनियों एवं झुग्गी बस्ती के लोगों को बड़े स्वपन दिखा कर यह सरकार 70 में से 67 सीटें लेकर सत्ता में आई पर न तो अनधिकृत कालोनियों के नियमितिकरण पर कोई कार्य प्रारम्भ किया है और न ही झुग्गी बस्ती वालों को पानी जैसी मौलिक सुविधा दी है। आज भी झुग्गी बस्तियों में पानी और शौच के लिए लड़ाई झगड़े होते हैं।
विभिन्न प्रमुख मुद्दों की आर.टी.आई./रियल्टी चैक समीक्षा
RTI Reply/Reality Check on various issues
RTI Reply/Reality Check on various issues
विषय: आर.टी.आई. जवाब/रियल्टी चैक
वायदा था बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का: 14 फरवरी, 2015 को 4879 डीटीसी बसें, 18 जनवरी, 2017 को 4020 डीटीसी बसें बची हैं
वायदा था बेहतर स्वास्थ्य सेवा का: 15 फरवरी, 2015 को दिल्ली में 39 सरकारी अस्पताल एवं 10959 रोगी बिस्तर थे।
31 दिसम्बर, 2016 को दिल्ली में एक अस्पताल बंद होने के बाद 38 सरकारी अस्पताल बचे हैं और 10926 रोगी बिस्तर बचे हैं।
वायदा था महिला सुरक्षा का और उसके लिए दिल्ली में बसों 9 जनवरी, 2017 को प्राप्त एक आर.टी.आई. जवाब के अनुसार 31 दिसम्बर, 2016 तक एक भी बस में सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं लगा है।
में एवं सड़कों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का उपराज्यपाल कार्यालय से दिनांक 2 फरवरी, 2017 को जारी जानकारी के अनुसार आज तक महिला सुरक्षा पर कोई ठोस कार्य नहीं किया गया।
दिल्ली में बेहतर शिक्षा देने का दावा था आर.टी.आई. में प्राप्त जानकारियां बताती हैं कि दिल्ली में एक भी नये स्कूल का प्रस्ताव तक नहीं बना है।
बड़े-बड़े दावे किये गये पर स्कूलों में इंटरनेट लगाने का, नये शौचालय बनाने का कोई कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया।
दिल्ली में छात्रों को 10 करोड़ रूपये शिक्षा ऋण में देने का वायदा था पर 2016-17 में अभी तक एक पैसा भी वितरिति नहीं किया गया है।
वायदा था अनधिकृत कालोनियां के नियमितिकरण का 31 दिसम्बर, 2016 तक दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों के नियमितिकरण के लिए कोई कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है। जिसका नतीजा है कि दिल्ली की आधी आबादी विकास से वंचित है।
वायदा था झुग्गीवासियों के लिए बेहतर सुविधायें देने का दिल्ली में 31 दिसम्बर, 2016 तक एक भी झुग्गी बस्ती में जहां झुग्गी वहीं मकान के आधार पर काम प्रारम्भ होना तो दूर पहले से चलती पुनर्वास योजनाओं को भी ठप्प कर दिया है।
वायदा था दिल्ली में नशाबंदी का 20 जनवरी, 2017 को प्राप्त आर.टी.आई. जवाब के अनुसार दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 250 नये रेस्तोरेट/पब को शराब लाइसेंस दिये गये।
इसके अतिरक्ति पहले चलती दुकानों के लाइसेंस नवीकरण के अलावा 399 नई शराब की दुकानों के लाइसेंसे दिये गये।
वायदा था आधे दाम की बिजली और फ्री पानी का 2 साल बाद भी दिल्ली में बिजली के दाम कम नहीं हुये।
सिर्फ 400 यूनिट तक के उपभोक्ताओं को इसका लाभ सब्सिडी के माध्यम से ही मिल पाया है।
पानी फ्री का वादा तो पानी में बह गया। दिल्ली में ढूंढने से भी फ्री पानी पाने वाले नहीं मिलते। रियल्टी चैक के अनुसार लोगों को भारी बिल मिल रहे हैं।
फ्री वाईफाइ का वायदा वाईफाई के वायदे पर तो दिल्ली सरकार ने दिल्ली की जनता को मानो बायबाय कर दिया और अब तो उसकी चर्चा भी कहीं नहीं करती।
भ्रष्टाचार दूर करना जो पार्टी सत्ता में भ्रष्टाचार दूर करने के वायदे से आई थी आज आर.टी.आई. जवाब बताता है कि दिल्ली जल बोर्ड टैंकर घोटाले की अभियुक्त तीनों कम्पनियां
आज भी सरकार से मिलीभगत करके पैसा कमा रही हैं।
दिल्ली में रियल्टी चैक बताता है कि केजरीवाल सरकार में मंत्रियों के अतिरिक्त स्वयं मुख्यमंत्री के परिजनों द्वारा फैलाये भ्रष्टाचार के किस्से जग जाहिर हैं।
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