भाजपा शासित निगमों में भ्रष्टाचार के चलते टैक्स कलैक्शन कम हो पा रहा है- अजय माकन
बड़े दुख की बात है कि दिल्ली के तकरीबन 2 लाख बुर्जुगों, विधवाओं तथा विकलांगों के पेन्शन नही मिल पा रही है- अजय माकन
सत्ता में आने के बाद कांग्रेस 2 वर्ष के अन्दर निगमों को वितिय रुप से स्वावलम्बी बनाऐगी क्योंकि कांग्रेस के पास अनुभव, नियत और नीति है - अजय माकन
दिल्ली कांग्रेस 28 फरवरी को निगमों को कैसे वित्तिय रुप से स्वावलम्बी बनाऐ इसके लिए एक दस्तावेज जारी करेगी- अजय माकन
नई दिल्ली, 16 फरवरी, 2017- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि दिल्ली के तीनों नगर निगम सफाई कर्मचारियों को एरियर नही दे रही है और न ही बुर्जुगों, विधवाओं तथा विकलांगों के पेन्शन मिल पा रही है। श्री अजय माकन ने उपरोक्त बयान सिविक सेन्टर पर धरने में बैठे कांग्रेस के निगम पाषर्दों को सम्बोधित करते हुए दिया क्योंकि कांग्रेस निगम पार्षद सफाई कर्मचारियों को एरियर न मिलने और बुर्जुगों, विधवाओं तथा विकलांगों के पेन्शन न मिलने के खिलाफ धरने पर बैठे थे। तकरीबन 2 लाख लोगों को निगम के द्वारा पेन्शन नही दी जा रही है अर्थात सीधे तौर पर 10 लाख लोग प्रभावित है। जिसमें पेन्शनधारियों के उपर निर्भर लोग भी शामिल हैं। कांग्रेस के निगम पार्षद काफी समय से हाउस व स्टेन्डिंग की बैठकों में यह मुद्दे उठा रहे थे परंतु कुछ नही हुआ। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस 28 फरवरी 2017 को एक दस्तावेज निकाल रही है जिसमें यह बताया जायेगा कि किस प्रकार निगमों को वित्तिय रुप से सक्षम बनाने के रोड़ मेप का जिक्र किया जायेगा।
धरने में श्री अजय माकन के अलावा दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता श्री फरहाद सूरी, श्री मुकेश गोयल, श्रीमती वरयाम कौर, उप नेता विपक्ष विरेन्द्र कसाना सहित कांग्रेस के सभी निगम पार्षद और एल्डरमेन मौजूद थे तथा ‘‘बुर्जुगों को पेन्शन नही, बीजेपी को टेन्शन नही’’, 20 वर्षों से काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करो’’आदि नारे लगा रहे थे।
धरने को सम्बोधित करते हुए श्री अजय माकन ने कहा कि एक तो भारत के प्रधानमंत्री है जो स्वच्छ भारत अभियान की बात करते है और दूसरी ओर दिल्ली मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल है जिन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाडू रखा तथा सफाई कर्मचारियों ने झाडू के चिन्ह को देखकर इस आशा में वोट दिया कि केजरीवाल सफाई कर्मचारियों की समस्याऐं हल करेंगे। परंतु बड़े दुख की बात है कि निगमों में सफाई कर्मचारियों के 580 करोड़ रुपये के एरियर अभी भी बकाया है और 31 मार्च1998 के बाद अस्थाई कर्मचारियों को पक्का नही किया गया है।
श्री अजय माकन ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि वृद्धावस्था, विधवा तथा विकलांगों को 44 महीनों से पूर्वी दिल्ली नगर निगम में, 27 महीने से उतरी नगर निगम में तथा 20 महीनों से दक्षिणी नगर निगम में पेन्शन नही मिली है। सफाई कर्मचारी समय पर अपना वेतन भी नही ले पा रहे है। जबकि कांग्रेस के राज में सफाई कर्मचारियों को अपना वेतन लेने में तथा वृद्धों, विधवाओं तथा विकलांगों को पेन्शन मिलने में कोई परेशानी नही आती थी।
श्री माकन ने कहा कि पिछले वर्ष कांग्रेस पार्टी ने निगमों के 12 जोनल कार्यालयों पर वृद्धों, विधवाओं तथा विकलांगों को पेन्शन तथा सफाई कर्मचारियों को वेतन को एरियर, समय पर वेतन तथा अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर धरने व प्रदर्शन दिए थे।
श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के 2 वर्ष के अन्दर ही निगमों को वित्तिय रुप से आत्मनिर्भर बनाऐगी जहां पर कर उगाही में भ्रष्टाचार को खत्म किया जायेगा। क्योकि कांग्रेस के पास अनुभव, नियत और नीति है। श्री माकन ने कहा कि आज निगमों की हालत इसलिए खस्ता है क्योंकि कर उगाही में व्यापक भ्रष्टाचार है। श्री माकन ने उदाहरण देते हुए कहा कि श्रीराम इंस्टीट्यूट के द्वारा एक सर्वे किया गया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में टोल टैक्स कलेक्शन 1922 करोड़ प्रति वर्ष होना चाहिए परंतु एक साल में टोल टैक्स 350 करोड़ एकत्रित होता था जो अब 500 करोड़ रुपये मुश्किल से हुआ है।
श्री माकन ने कहा कि एक तरफ बोम्बे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन है जिसके पास 51000 करोड़ के फिक्स डिपोजिट है और दूसरी और देश की राजधानी के नगर निगम है जहां पर सफाई कर्मचारियों को तनख्वाऐं नही है और बुर्जुगों, विधवाओं तथा विकलांगों को देने के लिए पेन्शन नही है। श्री माकन ने कहा कि निगम टोल टैक्स तथा आउट डोर कलैक्शन के द्वारा कर उगाही में बहुत पीछे है। श्री माकन ने दिल्ली एयरपोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर सालाना 100 करोड़ रुपया आउट डोर पब्लिसिटी के द्वारा एकत्रित किया जाता है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के नगर निगम है जो मुश्किल से आउट डोर पब्लिसिटी के द्वारा 150 करोड़ रुपया एकत्रित कर पाती है। क्योंकि भाजपा शासित निगमों में बेहताशा भ्रष्टाचार है।
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