सभी सरकारों को सीलिंग का समाधान लेकर सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए
· दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन, दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा सीलिंग के मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी राजनीतिक दलों की बुलाई गई बैठक में कांग्रेस पार्टी की ओर से सुभाव देने के लिए सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए।
· सभी सरकारों को सीलिंग का समाधान लेकर सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए तथा दिल्ली सरकार को मॉनिटरिंग कमेटी से मिलकर पक्ष रखना चाहिए। - अजय माकन
· सभी को दलगत राजनीति से उपर उठकर सीलिंग को रुकवाने के लिए एकमत होकर काम करना चाहिए तथा सर्वोच्च न्यायालय व मॉनिटरिंग के सामने यह पक्ष रखना चाहिए कि मास्टर प्लान तथा पहले से व्याप्त कानूनों के चलते सीलिंग से राहत मिलनी चाहिए। - अजय माकन
· जब सीलिंग हो रही है तो किसी को नही पता कि सीलिंग क्यों हो रही है? और आने वाले दिनों में दिल्ली में स्थिति और गंभीर हो जाएगा जब अनाधिकृत कालोनियों तथा गांवों में सीलिंग शुरु होगी।- अजय माकन
· मास्टर प्लान के अनुसार रिहायशी क्षेत्रों में चलने वाले उद्योगों की परिभाषा को बदलने का भी प्रावधान है तथा सक्षम विभागों द्वारा पांच कर्मचारी व 5 के.वी. को भी बदला जा सकता है। उदाहरण के लिए लक्ष्मी नगर, सीलमपुर और गांधी नगर में दिल्ली का औद्योगिक विभाग 5 कर्मचारियों से बढ़ाकर 11 कर्मचारी तथा 5 के.वी. से बढ़ाकर 11 के.वी. कर देगा ताकि प्रदूषण न फैलाने वाले घरेलू उद्योग धंधों को फायदा पहुच सकता है।- अजय माकन
नई दिल्ली, 13, मार्च, 2018 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन, अरविन्द केजरीवाल द्वारा सीलिंग के मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी राजनीतिक दलों की बुलाई गई बैठक में कांग्रेस पार्टी की ओर से सुभाव देने के लिए सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। श्री माकन ने कहा कि सभी सरकारों को सीलिंग का समाधान लेकर सर्वोच्च न्यायालय जाना चाहिए तथा दिल्ली सरकार को मॉनिटरिंग कमेटी से मिलकर पक्ष रखना चाहिए। श्री अजय माकन की ओर दिया गया विस्तृत ज्ञापन तथा संलग्न दस्तावेजों की प्रतिलिपि संलग्न है।द्
श्री माकन ने कहा कि यद्यपि मास्टर प्लान 2021 तथा पहले से व्याप्त कानूनों में सीलिंग न हो इसका समाधान दिया हुआ है परंतु सर्वोच्च न्यायालय के सामने सभी सरकारों ने सहीं ढ़ंग से अपना पक्ष नही रखा है, क्योंकि न्यायालय को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि हम दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए कार्य कर रहे है। श्री माकन ने कहा कि मैंने दिल्ली सरकार को यह निवेदन किया है कि न्यायालय के सामने उनको अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में उन्होंने भारत के अटॉरनी जनरल तथा वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को केस लड़ने के लिए नियुक्त किया था। उन्होंने कहा कि सभी को दलगत राजनीति से उपर उठकर सीलिंग को रुकवाने के लिए एकमत होकर काम करना चाहिए तथा सर्वोच्च न्यायालय व मॉनिटरिंग के सामने यह पक्ष रखना चाहिए कि मास्टर प्लान तथा पहले से व्याप्त कानूनों के चलते सीलिंग से राहत मिलनी चाहिए।
श्री माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि सीलिंग का समाधान निकालने के लिए वे सर्वोच्च न्यायालय के सामने मजबूती से पक्ष रखेंगे। श्री माकन ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल को यह भी सुझाव दिया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त मॉनिटरिंग कमेटी को दिल्ली सरकार को मिलना चाहिए जो कि अभी नही किया गया है। श्री माकन ने कहा कि मुझे श्री केजरीवाल ने बताया कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक के लिए उनसे समय मांगा है ताकि सीलिंग से निजात दिलाई जा सके। श्री माकन ने कहा कि मास्टर प्लान व पहले से व्याप्त कानूनों को मंजूरी मिलनी चाहिए ताकि बैठक के सकारात्मक परिणाम आ सके।
श्री माकन ने कहा कि उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि कांग्रेस पार्टी, आप पार्टी तथा दूसरी अन्य राजनीतिक पार्टियों को केन्द्र सरकार के उपर दवाब डालना चाहिए कि सीलिंग को बंद करवाने के लिए संसद के द्वारा समाधान ढूंढा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सीलिंग हो रही है तो किसी को नही पता कि सीलिंग क्यों हो रही है? और आने वाले दिनों में दिल्ली में स्थिति और गंभीर हो जाएगा जब अनाधिकृत कालोनियों तथा गांवों में सीलिंग शुरु होगी। यह भी सामने आना चाहिए कि किन मानदंडों के आधार पर सीलिंग हो रही है क्योंकि सब इस विषय को लेकर असमंजस की स्थिति में है। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार क्योंकि स्थानीय निकायों की निदेशक है और उनके पास शक्ति है कि वे निगमों को यह आदेश देकर पूछे कि यह सीलिंग क्यां हो रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने के पश्चात संवादाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री अजय माकन ने कहा कि हमने कांग्रेस की ओर से एक ज्ञापन दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य राजनीतिक पार्टियों को दिया है तथा इस ज्ञापन की प्रतिलिपि भाजपा को भी भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने ज्ञापन में दिल्ली को पांच भागों में बाटा है और मास्टर प्लान तथा पहले से व्याप्त कानूनों के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में सीलिंग का समाधान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विभिन्न भागों में की जा रही सीलिंग गैर कानूनी है।
श्री माकन ने कहा कि बैठक में इस विषय पर भी चर्चा हुई कि मास्टर प्लान के अनुसार रिहायशी क्षेत्रों में चलने वाले उद्योगों की परिभाषा को बदलने का भी प्रावधान है तथा सक्षम विभागों द्वारा पांच कर्मचारी व 5 के.वी. को भी बदला जा सकता है। उदाहरण के लिए लक्ष्मी नगर, सीलमपुर और गांधी नगर में दिल्ली का औद्योगिक विभाग 5 कर्मचारियों से बढ़ाकर 11 कर्मचारी तथा 5 के.वी. से बढ़ाकर 11 के.वी. कर देगा ताकि प्रदूषण न फैलाने वाले घरेलू उद्योग धंधों को फायदा पहुच सकता है।
श्री माकन ने कहा कि 29 नवम्बर 2016 का एक केन्द्र सरकार का सरकुलर है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि लाजपत नगर-प्ट तथा कालका जी जैसी डब्ल स्टरियों के फ्रंट और बेक हिस्से को सप्लीमेन्टरी लीज डीड के अनुसार नियमित किया जा सकता है। इस बाबत सुझाव भी हमने दिल्ली सरकार को दिया।
श्री माकन ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि भाजपा ने आज की बैठक में भाग नही लिया, क्योंकि कुछ मुद्दे ऐसे होते है जिनको राजनीति और स्वार्थ से उपर उठकर सुलझाना चाहिए और दिल्ली में इस समय की मांग यही है क्योंकि व्यापारी बंद कर रहे है तथा मीडिया और व्यापारियों को लाठी चार्ज के द्वारा घायल किया जा रहा है। दिल्ली में अफरा-तफरी का माहौल है
श्री माकन ने कहा कि ऐसी स्थिति में सभी राजनीतिक पार्टियों को मिलकर सीलिंग का समाधान ढूंढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपना प्रतिनिधि आज की बैठक में भेजना चाहिए था ताकि सभी मिलकर सीलिंग का समाधान ढूंढ सके। श्री माकन ने कहा कि उन्होने इस बैठक में न कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के नाते बल्कि पूर्व केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री के नाते भाग लिया था। क्योंकि यह अवसर था जब सभी राजनीतिक पार्टियां मिलकर सीलिंग को रोकने के लिए सुझाव दे सकती थी।
श्री अजय माकन के अलावा कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में श्री सुभाष चौपड़ा तथा अरविन्दर सिंह लवली भी थे जबकि दिल्ली सरकार की ओर मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल,उपमुख्मंत्री श्री मनीष सिसोदिया, उघोग एवं शहरी विकास मंत्री तथा आप पार्टी की ओर से श्री गोपाल राय और श्री संजय सिंह मौजूद थे।
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