यदि अरविंद केजरीवाल सीलिंग के मुद्दे के समाधान के लिये प्रतिबद्ध हैं तो वह अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर 15 मार्च को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सीलिंग के मुद्दे पर रखें

यदि अरविंद केजरीवाल सीलिंग के मुद्दे के समाधान के लिये प्रतिबद्ध हैं तो वह अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर 15 मार्च को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सीलिंग के मुद्दे पर रखें और दिल्ली में 31 दिसंबर, 2017 तक को सभी प्रकार के व्यवसायिक निर्माणों एवं अनधिकृत कालोनियों के निर्माणों को सीलिंग से राहत दिलाने का प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजें - मनोज तिवारी

    नई दिल्ली, 13 मार्च।   दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि आज दिल्ली के व्यापारियों एवं जनता के सामने स्पष्ट हो गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने सीलिंग के मुद्दे पर न सिर्फ लापरवाही बरती बल्कि कहीं ने कहीं इस मुद्दे को इतना जटिल बना दिया कि केन्द्र के प्रयासों के बावजूद सीलिंग रूकवाने में कठिनाई आ रही है। 

एक राजकीय विदेश यात्रा में होने के बावजूद श्री मनोज तिवारी ने आज टेलीकाॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली भाजपा के प्रमुख पदाधिकारियों एवं कुछ व्यापारियों से सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा की।  

श्री तिवारी ने कहा है कि सीलिंग का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय में नवंबर 2017 में उस वक्त अचानक जटिल हो गया जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक एफिडेविट देकर यह कहा कि उसे अनधिकृत कालोनियों एवं अन्य निर्माणों के नियमितिकरण का कार्य शुरू करने के लिये भी अभी 2 वर्ष और चाहिये। इस एफिडेविट के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की मंशा पर शक व्यक्त करते हुये अनधिकृत निर्माण एवं व्यवसायीकरण को रूकवाने के लिये माॅनिटरिंग कमेटी को पुनः अधिकृत कर दिया।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि आज सीलिंग के मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक के नाम पर एक सिक्के के दो पहलू कांग्रेस एवं आप आज आखिरकार पुनः एक साथ मिल बैठे और हास्यास्पद तरीके से दोनों ने एक दूसरे के कार्य की तारीफ की।

श्री तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस सरकारों एवं डीडीए की लापरवाही के चलते दिल्ली में अव्यवस्थित विकास विस्तार हुआ जिसके परिणाम स्वरूप सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद 2006 में सीलिंग अभियान के रूप में देखा गया। अपनी परिपार्टी अनुसार कांग्रेस ने केवल मुद्दे को वक्ती तौर पर दबाने के लिये मास्टर प्लाॅन-2021 जारी किया, जिससे उस वक्त तो सीलिंग से राहत मिल गई पर कुछ ही वर्ष बाद यह मुद्दा पुनः सर्वोच्च न्यायालय में गरमा गया और उसका परिणाम आज दिल्ली के व्यापारी भुगत रहे हैं। यह राजनीति की अज़ब विडम्बना है कि दिल्ली की वर्तमान सरकार आज तत्कालीन जिम्मेवार एवं दोषी कांग्रेस शासन के सुझावों को स्वस्थ सुझाव बता रही है। 

श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि यदि अरविंद केजरीवाल सीलिंग के मुद्दे के समाधान के लिये प्रतिबद्ध हैं तो वह अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर 15 मार्च को दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सीलिंग के मुद्दे पर रखें और दिल्ली में 31 दिसंबर, 2017 तक के सभी प्रकार के व्यवसायिक निर्माणों एवं अनधिकृत कालोनियों के निर्माणों को सीलिंग से राहत दिलाने का प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजें। 

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा के सांसद एवं वरिष्ठ नेता माॅनिटरिंग कमेटी से दो बार मिलकर दिल्ली में सालिंग रोकने के लिये अनुरोध कर चुके हैं पर मुख्यमंत्री अपने इस दायित्व से बचते रहे हैं और अब हम उनसे निवेदन करते हैं कि एक मुख्यमंत्री के नाते वे माॅनिटरिंग कमेटी से मिलकर बिना नोटिस की जा रही सीलिंग पर आपत्ति दर्ज करें। 

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