राष्ट्रवादी शिवसेना ने की जामा मस्जिद के शाही इमाम के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग
नई दिल्ली 30 अक्टूबर। जामा मस्जिद के शाही इमाम द्वारा नायब इमाम की दस्तार बंदी में अन्य देशों के शासनाध्यक्षों को आमंत्रित कर
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित न किए जाने पर राष्ट्रवादी शिवसेना ने कड़ी नाराजगी जताई है। संगठन का मानना है कि इमाम ने ऐसा करके सरेआम प्रधानमंत्री का अपमान व देश में सामप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की है जिसके लिए इमाम पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाये।
संगठन द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में राष्ट्रवादी शिवसेना अध्यक्ष व यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के महासचिव श्री जयभगवान गोयल ने कहा कि आगामी नवंबर माह में जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी अपने पुत्र शबाना बुखारी की दस्तार बंदी (जिम्मेदारी सौंपना) करने जा रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने भाजपा के कई शीर्ष मंत्रीयों व नेताओं सहित विदेशी मेहमानों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि एक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को शाही इमाम ने इसलिए आमंत्रित नहीं किया कि श्री मोदी मुसलमानों का नाम लेने से बचते हैं।
श्री गोयल ने कहा कि इमाम ने इस कार्यक्रम में पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करके देश के ही प्रधानमंत्री को आमंत्रित न कर सरेआम अपमानित करने का प्रयास किया है जिसे भारतीय जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि ताजपोशी का यह कार्यक्रम इतना बड़ा नहीं है जिसके लिए विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, राजनायिकों को आमंत्रित किया जाये, मगर दुनिया विशेषकर मुस्लिम राष्ट्रों के मध्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जानबूझकर अपमानित करने के लिए इसे भव्यता का रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो देश में ऐसी सैंकड़ों बड़ी मस्जिदें हैं और वहां भी ताजपोशी होती है मगर इतना बड़ा आयोजन कहीं नहीं किया जाता।
श्री गोयल ने आमंत्रित किए गए मंत्रियों व भाजपा नेताओं से अनुरोध किया कि हिन्दू-मुस्लिम समाज के मध्य वैमनस्यता की खाई पैदा करने वाले इस समारोह का बहिष्कार करें व प्रधानमंत्री को अपमानित करने, धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाले जामा मस्जिद के शाही इमाम पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाये।
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