दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पूर्ण राज्य की मांग कर रही है: अजय माकन
आप पार्टी की दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बहाना ढूंढने के लिए पूर्ण राज्य की मांग कर रहे है, क्योंकि उनके द्वारा किए गए एक भी वायदे को वे पूरा नही कर सके है।- अजय माकन
हम आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर एक श्वेत पत्र लाने की मांग करते है जिसमें विस्तार पूर्वक यह बताया जाए कि यदि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो दिल्ली को क्या-क्या वित्तिय फायदे होंगे।- अजय माकन
कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 15 वर्ष में दिल्ली के विकास के लिए इतने ज्यादा कार्य किए कि कांग्रेस ने इस दौरान निगम, विधानसभा तथा लोकसभा के कुल 6 चुनाव लोकप्रियता के चलते जीते, क्योंकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने दिल्ली के वर्तमान संवैधानिक ढ़ांचे के अन्तर्गत लोगों की भलाई के लिए कार्य किए। - अजय माकन
दिल्ली को देश की राजधानी होने की वजह से बहुत सारी सौगाते मिलती है जैसे कि दिल्ली पुलिस के लिए 2017-18 के बजट में केन्द्र की ओर से 6953 करोड़ रुपया मिला था, इसी प्रकार दिल्ली में पांच सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल जैसे कि ऐम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, जैसे अस्पताल आदि, जिनको प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रुपया केन्द्र सरकार से मिलता है। और दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मीलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय व जवाहरलाल नेहरु तीन विश्वविद्यालय है, जिनको केन्द्र सरकार से यू.जी.सी. के द्वारा वित्तिय सहायता मिलती है। 2016-17 में इन तीनों विश्वविद्यालयों को 2633 करोड़ रुपया केन्द्र सरकार से मिला था। - अजय माकन
आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने अपने 49 दिन के कार्यकाल में ही विधानसभा से केजरीवाल ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया था कि कांग्रेस उनके द्वारा बनाए गए लोकपाल को नही लाने दे रही है और 2015 में दोबारा सत्ता में आने के पश्चात आप पार्टी ने जिस लोकपाल बिल को पास किया वह 2014 में उनके द्वारा पेश किए गए विधानसभा के ड्राफ्ट बिल से बिलकुल अलग व कमजोर था- अजय माकन
आप पार्टी की दिल्ली सरकार को जब कोई भी कार्य मोदी सरकार से कराना होता है तो वे चुपचाप हाथ मिलाकर अपना काम करा लेते है तथा जिस बिल को पास करवाना होता है उसको वे पूरी प्रक्रिया के साथ रखकर उपराज्यपाल के पास भेजते है ताकि वह बिल पास हो जाए और जिस बिल को पास नही करवाना होता उसको पूरी प्रक्रिया से नही रखते।- अजय माकन
नई दिल्ली, 8 जून, 2018 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग का प्रस्ताव पास करने के लिए बुलाए गए 3 दिन के सत्र पर बोलते हुए कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बहाना ढूंढने के लिए पूर्ण राज्य की मांग कर रहे है क्योंकि उनके द्वारा किए गए एक भी वायदे को वे पूरा नही कर सके है।
श्री अजय माकन ने आम आदमी पार्टी के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर एक श्वेत पत्र लाने की मांग की जिसमें विस्तार पूर्वक यह बताया जाए कि यदि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो दिल्ली को क्या-क्या वित्तिय फायदे होंगे। श्री माकन ने कहा कि यदि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो वह राष्ट्रीय राजधानी नही रहेगी। क्योंकि किसी भी पूर्ण राज्य को देश की राजधानी नही बनाया जा सकता। (दस्तावेज संलग्न है।)
श्री माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपना 70 पाईट का एजेन्डा बनाते समय क्या उसमें यह लिखा था कि वे सभी कार्य तब पूर्ण कर पाऐंगे जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जायेगा। श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 15 वर्ष में दिल्ली के विकास के लिए इतने ज्यादा कार्य किए कि कांग्रेस ने इस दौरान निगम, विधानसभा तथा लोकसभा के कुल 6 चुनाव लोकप्रियता के चलते जीते, क्योंकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने दिल्ली के वर्तमान संवैधानिक ढ़ांचे के अन्तर्गत लोगों की भलाई के लिए कार्य किए।
एम्बेसी रेस्टोरेट में बुलाए गए विशेष संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री माकन ने कहा कि मैं केजरीवाल से यह पूछना चाहता हूँ कि दिल्ली से सटे राज्य उत्तर प्रदेश के नोएडा में कानून व्यवस्था व मेट्रो व्यवस्था क्या दिल्ली से बेहतर है और हरियाणा के गुरुग्राम में बिजली की व्यवस्था क्या दिल्ली बेहतर है? श्री माकन ने पूछा कि क्या हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एयरपोर्ट दिल्ली के विश्वस्तरीय एयरपोर्ट से बेहतर हैं? उन्होंने कहा कि दिल्ली जो कि देश की राजधानी है उसको इस वजह से बहुत सारी सहूलियते केन्द्र सरकार से मिली हुई है जो कि पूर्ण राज्य बनने के बाद नही मिलेगी। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री चतर सिंह, मुख्य मीडिया काओर्डिनेटर मेहदी माजिद तथा काआर्डिनेटर शिवम भगत मौजूद थे।
श्री माकन ने कहा कि दिल्ली को देश की राजधानी होने की वजह से बहुत सारी सौगाते मिलती है जैसे कि दिल्ली पुलिस के लिए 2017-18 के बजट में केन्द्र की ओर से 6953करोड़ रुपया मिला था, इसी प्रकार दिल्ली में पांच सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल जैसे कि ऐम्स, सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, जैसे अस्पताल आदि जिनको प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रुपया केन्द्र सरकार से मिलता है। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली में तीन केन्द्रीय विश्वविद्यालय जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मीलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय व जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय है, जिनको केन्द्र सरकार से यू.जी.सी. के द्वारा वित्तिय सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि 2016-17 में इन तीनों विश्वविद्यालयों को 2633 करोड़ रुपया केन्द्र सरकार से मिला था। श्री माकन ने उदाहरण देते हुए कहा कि लखनउ विश्वविद्यालय को उतर प्रदेश सरकार, कोलकाता विश्वविद्यालय को पश्चिम बंगाल सरकार व बंगलौर विश्वविद्यालय को कर्नाटक सरकार वित्तिय सहायता देती है।
श्री माकन ने कहा कि क्योंकि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है इसलिए मेट्रो के तीन फेस के लिए 1997 से अब तक 21 वर्ष में 70,432 करोड़ रुपया खर्च किया गया जिसमें से दिल्ली ने12.3 प्रतिशत यानि कि 8,682 करोड़ रुपया अपना योगदान दिया है। बाकी सारा पैसा केन्द्र सरकार ने खर्च किया है। श्री माकन ने कहा कि यदि दिल्ली पूर्ण राज्य बन जाता है तो उपर लिखित सारी सहायताऐं नही मिल पाऐंगी।
श्री माकन ने कहा कि मुझे बड़ा अचंभा हो रहा है कि आज अखबारों में दिल्ली के एक मंत्री का बयान छपा है कि यदि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो 52 हजार करोड़ रुपया सालाना मिलेगा। श्री माकन ने कहा कि मुझे नही पता कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के मंत्री ने यह आंकड़ा कहां और कैसे लिया है जबकि 2015-16 के बजटीय भाषण के पेरा 14 में दिल्ली के वित्त मंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि यदि दिल्ली पूर्ण राज्य होता उनको 2015 से 2020 तक 25 हजार करोड़ रुपया अतिरिक्त मिल जाता अर्थात 5000 करोड़ रुपया औसतन प्रत्येक वर्ष मिलता। श्री माकन ने कहा कि एक ही पार्टी के दो-दो मंत्रियों के अलग-अलग बयान के अलग-अलग आंकड़े सामने आए है जिससे पता लगता है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता को भ्रमित करने के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग कर रही है ताकि अपनी नाकामियों को छुपा सके।
श्री माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार दिल्ली में लोकपाल लागू न करने के लिए भी पूर्ण राज्य का बहाना बना रहे है। उन्होंने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने अपने 49 दिन के कार्यकाल में ही विधानसभा से केजरीवाल ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया था कि कांग्रेस उनके द्वारा बनाए गए लोकपाल को नही लाने दे रही है। श्री माकन ने कहा कि 2015 में दोबारा सत्ता में आने के पश्चात आप पार्टी ने जिस लोकपाल बिल को पास किया वह 2014 में उनके द्वारा पेश किए गए विधानसभा के ड्राफ्ट बिल से बिलकुल अलग था क्योंकि इसमें बहुत सारे महत्वपूर्ण प्रावधानों को हटा दिया गया था। जैसे कि वर्तमान बिल में विसलब्लोअर की संज्ञा को भी संकुचित कर दिया है क्योंकि पहले के बिल में गवाह व पीड़ित की सुरक्षा भी सम्मलित थी। वर्तमान बिल में आर.टी.आई. कार्यकर्ता की सुरक्षा का प्रावधान भी हटा दिया है जिससे कि लोग भ्रष्टाचार को उजागर करने से डरेंगे।
श्री अजय माकन ने कहा कि 2014 के ड्राफ्ट बिल में दी गई क्लाज 4 व 5 को भी वर्तमान जनलोकपाल में से हटा दिया गया है क्योंकि क्लाज 4 के अनुसार शिकायत आने के 15दिन के अंदर कार्यवाही करनी थी और क्लाज 5 के अनुसार 3 महीने में विसलब्लोअर के साथ हो रहे शारीरिक व प्रोफेशनल विक्टीमाईजेशन की जांच पूरी करनी थी। श्री माकन ने कहा कि वर्तमान जनलोकपाल बिल में से इन्वेस्टिगेटिंग विंग स्थापित करने से संबधित क्लाज निकाल दिया है। वर्तमान बिल में जांच अधिकारी तथा संस्थाऐं सरकार की मर्जी से नियुक्त होगी अर्थात जनलोकपाल की नियुक्ति में सरकार का दखल होगा। उन्होंने कहा कि शिकायत निवारण तथा सिटीजन चार्टर के अध्याय को हटा दिया गया है जिससे कि जनलोकपाल के प्रभाव पर असर पड़ेगा। वर्तमान जनलोकपाल बिल में भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही न करके शिकायतकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का प्रावधान डाला गया है। अर्थात अप्रत्यक्ष रुप में शिकायतकर्ता पर दवाब बनाया जायेगा।
श्री माकन ने आप पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आप पार्टी को जब कोई भी कार्य मोदी सरकार से कराना होता है तो वे चुपचाप हाथ मिलाकर अपना काम करा लेते है तथा जिस बिल को पास करवाना होता है उसको वे पूरी प्रक्रिया के साथ रखकर उपराज्यपाल के पास भेजते है ताकि वह बिल पास हो जाए और जिस बिल को पास नही करवाना होता उसको पूरी प्रक्रिया से नही रखते। श्री माकन ने कहा कि आप पार्टी लोगों के सामने काम न करने के बहाने को लेकर यह बताती है कि दिल्ली के उपराज्यपाल उनको काम नही करने देते। श्री माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के 9 पालिसी/कानून व संशोधनों को हरी झंडी दी है (जिसकी सूची संलग्न है) श्री माकन ने दिल्ली वैल्यू एडेड टैक्स में दूसरे संशोधन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस संशोधन को लेकर दिल्ली विधानसभा में 30 जून 2015 को बिल पास हुआ था जिसको कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने 10 जुलाई2015 को अपनी मंजूरी भी दे दी थी, अर्थात 10 दिनों में इस संशोधन को मंजूरी भी मिल गई थी क्योंकि दिल्ली सरकार अपने खजाने को भरना चाहती थी। श्री माकन ने कहा इस संशोधन में चैथे शडूल में पेट्रोलियम पदार्थों पर वेट की दर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दी गई थी। अर्थात आप पार्टी और भाजपा दोनो चाहती थी कि वेट की दर पेट्रोलियम पदार्थों पर बढ़ा दी जाए और वेट बढ़ाऐ जाने के कारण भी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हुए है।
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