“केजरीवाल-बीजेपी का सच, जानना आपका हक” नाम की पम्फलेट पर चर्चा की गई
o दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन की अगुवाई मे आज पूर्व सांसदों, विधायकों, निगम पार्षदों, जिला व ब्लाक अध्यक्षों तथा जनरल बॉडी के सदस्यों की बैठक की गई जिसमें “केजरीवाल-बीजेपी का सच, जानना आपका हक” नाम की पम्फलेट पर चर्चा की गई। पम्फलेट में यह विस्तार पूर्वक बताया गया है कि किस प्रकार भाजपा और आम आदमी पार्टी अपने किए गए चुनावी वादों में असफल रहे है और किस प्रकार कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने अपने 15 वर्ष के कार्यकाल में दिल्ली के विकास के लिए कार्य किए थे।
o यह पम्फलेट दिल्ली के प्रत्येक बूथ के अर्न्तगत आने वाले 100 घरों में बांटी जायेगी तथा दिल्ली के तकरीबन 13 लाख घरों को कवर किया जाऐगा तथा लोगों को दोनों पार्टियों की असफलताओं के बारे मे भी बताया जाऐगा-अजय माकन
o शुरूआत से हम कह रहे है कि धरने के ड्रामे की कहानी 20 फरवरी 2018 को लिखी गई थी जिस समय दिल्ली के मुख्य सचिव को मुख्य मंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल के घर पर बुलाकर आम आदमी पार्टी के विधायकों को पीटा गया था। यह जानते हुऐ कि इसके क्या परिणाम होंगे और क्या प्रतिक्रिया होगी-अजय माकन
o केजरीवाल का उपराज्यपाल के घर पर धरना उपराज्यपाल की मिलीभगत से किया गया था क्योंकि धरने का ड्रामा दोनों भाजपा व आम आदमी पार्टी के लिय फायदेमंद था-अजय माकन
o धरना केजरीवाल को सूट करता था कि क्योंकि केजरीवाल ने चुनाव के समय जो वायदें किए थे वें खोखलें निकले और पानी, बिजली, शिक्षा तथा स्वास्थ आदि क्षेत्रों में केजरीवाल पूरी तरह से असफल रहे-अजय माकन
o यह धरना बीजेपी के लिए इसलिए फायदे की चीज थी क्योंकि भाजपा शासित निगम अपने किए गए वायदों पर खरी नहीं उतरी। दिल्ली में जगह-जगह गन्दगी के ढेर है, वृद्धों, विधवाओं तथा दिवयांगों को पेंशन नहीं है, सिलिंग और तोड़-फोड़ के कारण दिल्लीवासी परेशान है, सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता तथा दक्षिणी दिल्ली में बढ़ाऐ गऐ हाउस टैक्स की दरों से लोग परेशान है। इन सब समस्याओं के चलते दिल्ली में भाजपा का ग्राफ काफी नीचे आ चुका है इसलिए भाजपा ने अपने बचाव के लिए धरने का ड्रामा किया-अजय माकन
नई दिल्ली, 20, जून 2018- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि आज हमने पूर्व सांसदों, विधायकों, निगम पार्षदों, जिला व ब्लाक अध्यक्षों तथा जनरल बॉडी के सदस्यों की बैठक की गई जिसमें “केजरीवाल-बीजेपी का सच, जानना आपका हक” नाम की पम्फलेट पर चर्चा की गई। पम्फलेट में यह विस्तार पूर्वक बताया गया है कि किस प्रकार भाजपा और आम आदमी पार्टी अपने किए गए चुनावी वादों में असफल रहे है और किस प्रकार कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने अपने 15 वर्ष के कार्यकाल में दिल्ली के विकास के लिए कार्य किए थे। श्री माकन ने कहा कि यह पम्फलेट दिल्ली के प्रत्येक बूथ के अर्न्तगत आने वाले 100 घरों में बांटी जायेगी तथा दिल्ली के तकरीबन 13 लाख घरों को कवर किया जाऐगा तथा लोगों को भाजपा और आप दोनों पार्टियों की असफलताओं के बारे मे भी बताया जाऐगा। (पम्फलेट की कॉपी संलग्न है)
श्री माकन ने कहा कि इस पम्फलेट को हमने “ सच क्या है? मोदी के वादे निकले जुमले......, केजरीवाल भी नाकाम......... , कांग्रेस ने किया है काम, सच जानना आपका हक-विज्ञापन व प्रचार का खेल, मोदी-केजरीवाल में मेल“ आदि भागों में बांटा गया है।
श्री माकन ने कहा कि शुरूआत से हम कह रहे है कि धरने के ड्रामे की कहानी 20 फरवरी 2018 को लिखी गई थी जिस समय दिल्ली के मुख्य सचिव को मुख्य मंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल के घर पर बुलाकर आम आदमी पार्टी के विधायकों को पीटा गया था। यह जानते हुऐ कि इसके क्या परिणाम होंगे और क्या प्रतिक्रिया होगी। श्री माकन ने कहा कि इसी कड़ी में केजरीवाल ने 3 दिन का दिल्ली विधान सभा का सत्र भी बुला लिया जिसमें दिल्ली की शक्तियों के बारे में चर्चा की गई। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल का उपराज्यपाल के घर पर धरना उपराज्यपाल की मिलीभगत से किया गया था क्योंकि धरने का ड्रामा दोनों भाजपा व आम आदमी पार्टी के लिय फायदेमंद है।
श्री माकन ने कहा कि यह धरना बीजेपी के लिए इसलिए फायदे की चीज थी क्योंकि भाजपा शासित निगम अपने किए गए वायदों पर खरी नहीं उतरी। दिल्ली में जगह-जगह गन्दगी के ढेर है, वृद्धों, विधवाओं तथा दिवयांगों को पेंशन नहीं है, सिलिंग और तोड़-फोड़ के कारण दिल्लीवासी परेशान है, सफाई कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता तथा दक्षिणी दिल्ली में बढ़ाऐ गऐ हाउस टैक्स की दरों से लोग परेशान है। इन सब समस्याओं के चलते दिल्ली में भाजपा का ग्राफ काफी नीचे आ चुका है इसलिए भाजपा ने अपने बचाव के लिए धरने का ड्रामा किया।
श्री अजय माकन ने कहा कि इस प्रकार का धरना केजरीवाल को भी सूट करता था क्योंकि केजरीवाल ने चुनाव के समय जो वायदें किए थे वें खोखलें निकले और पानी, बिजली, शिक्षा तथा स्वास्थ आदि क्षेत्रों में केजरीवाल पूरी तरह से असफल रहे। श्री माकन ने कहा कि इस समय केजरीवाल ने अधिकारियों से बात करनी शुरू कर दी है और उनकों पत्र भी लिखे जा रहे है परन्तु हमे आश्चर्य हो रहा है कि केजरीवाल ने 20 फरवरी के प्रकरण के तुरन्त बाद बात चीत क्यों नहीं की और 4 महीने तक किस चीज का इन्तजार किया। जबकि केजरीवाल से ज्यादा माफी मांगने के बारे में कोई और नहीं जानता है।
श्री माकन ने कहा कि अपनी 49 दिन की सरकार के पश्चात केजरीवाल ने लोगों से माफी मांगी और दोबारा सत्ता मे आ गए। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल ने मजिठिया, अरूण जेटली तथा कपिल सिबल से तो माफी मांग ली परन्तु दिल्ली के मुख्य सचिव से न तो माफी मांगी और न ही खेद प्रकट किया क्योंकि केजरीवाल नहीं चाहते थे कि अधिकारियों के साथ हुऐ झगड़े का हल निकले क्योंकि वे अपनी सारी नाकामियों का ठिकरा अधिकरियों के सिर पर फोड़ना चाहते थे।
श्री माकन ने पम्फलेट का हवाला देते हुऐ बताया कि हमने पम्फलेट में अन्य बातों के साथ-साथ इस बाबत भी 11 बिन्दु दिए है जिनमे यह बताया गया है कि किस प्रकार मोदी और केजरीवाल आपस में मिले हुऐ है और कैसे एक-दूसरे की मदद करते है। श्री माकन ने उदाहरण देते हुऐ कहा कि 2011 के अन्ना आन्दोलन के पिछे भाजपा तथा आर.एस.एस. का हाथ था और इस आन्दोलन में कांग्रेस पार्टी औेर इसके नेताओ को निशाना बनाया गया था। उस समय केजरीवाल ने भाजपा के भ्रष्ट नेताओें यदुरप्पा, रेडडी भाईयो, धूमल तथा प्रकाश सिंह बादल पर जैसे नेताओं पर नरम रवईया अपनाया था और यह बात आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य श्री शांति भूषण ने उजागर की थी।
श्री माकन ने कहा कि मार्च 2016 में केजरीवाल तथा मोदी ने मिलकर नियमों व कानूनों को ताक पर रखकर यमुना के किनारे श्री श्री रविशंकर को कार्यक्रम करने की इजाजत दी थी तथा इस कार्यक्रम में अरविन्द केजरीवाल तथा अमित शाह ने मिलकर दीपक जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया था।
श्री माकन ने कहा कि आर.एस.एस. और भाजपा इतिहास को तोड़-मरोड़कर दोबारा लिख रहे है । एनडीएमसी के द्वारा औरंगजेब रोड़ के नाम को बदल दिया गया। एनडीएमसी काउंसिल की जिस बैठक में औरंगजेब रोड का नाम बदला गया था उस बैठक की अध्यक्षता अरविन्द केजरीवाल ने की थी और औरंगजेब रोड का नाम बदलने का समर्थन किया था।
श्री माकन ने कहा कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट 28 नवम्बर 2016 को केन्द्र सरकार को सोप दी गई थी। शुंगलू समिति ने 71 आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के दिल्ली सरकार में अवैध नियुक्ति पर सवाल उठाया लेकिन मोदी सरकार ने केवल 9 को हटाया जिनमें से ज्यादातर पहले ही पद छोड़ चुके थे। उनमें 2 जो कि बिना तनख्वाह के ही काम कर रहे थे, चूँकि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना था इसलिए उन्हें हटा दिया जबकि डेढ़ लाख तक तनख्वाह वाले, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राईवर को नहीं हटाया गया।
श्री माकन ने पम्फलेट का हवाला देते हुऐ कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 15 वर्ष के शासन काल के दौरान दिल्ली में जो काम किये वो आज भी देश व दुनिया में एक उदाहरण है। दिल्ली को संभावित प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पूरी यातायात को सीएनजी गैस में बदला, दिल्ली को साफ़ पानी मिल सके इसके लिए सोनिया विहार में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जैसे अनेक छोटे-बड़े काम किये। शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल के दौरान कांग्रेस पार्टी ने 65 फ्लाई ओवर बनाये, 25 नए हस्पताल बनाये, दिल्ली के हस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 24025 से बढ़कर 43500 कर दी, दिल्ली में पानी सप्लाई 591 MGD से बढ़ाकर 906 MGD कर दी, शिक्षा में सुधार के लिए 6 यूनिवर्सिटी, 6 डीम्ड-यू निवर्सिटी, 22 कॉलेज, 20 प्रोफे शनल कॉलेज, 12 पॉलिटेक्निक खोले। केजरीवाल सरकार ने तीन साल से अधिक के शासनकाल में इन क्षेत्रों में कोई नया काम नहीं किया।
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