NDMC स्थायी समिति के अध्यक्ष ने नरेला अनाज मंडी के विकास की मांग के बाबत एलजी को पत्र लिखा
उत्तरी दिल्ली नगर में स्थायी समिति निगम के अध्यक्ष, श्री मोहन प्रसाद भारद्वाज ने अपने पत्र द्वारा उपराज्यपाल महोदय, दिल्ली से मांग की है कि वर्तमान नरेला मंडी को एन.एच. 1 तथा देश के अन्य मुख्य मार्गो (के.एम.पी.) से जो कि नरेला टाउनशिप के आसपास से जाते है पर 150 एकड़ भूमि में शिफ्ट कर दिया जाए। जहांॅ कि स्थानीय व्यापारियों, किसानों और बाहर से आने वाले व्यपारियों के लिए सभी नागरिक और व्यापारिक सुविधा होने के साथ ही व्यापारियों को माल बेचने, आफिस और गोदाम के लिए भी स्थान दिया जाए।
वर्तमान मंडी के सभी लाईसेंसधारी व्यापारियों को वर्तमान मंडी मे आफिस और बारदाना आदि रखने के लिए 40 वर्ग मीटर का प्लाट, जिसके लिए उनसे ए.पी.एम.सी. नरेला ने लगभग एक वर्ष पूर्व 10-10 लाख रूपये भी ले लिए है, तुरन्त आवंटित किया जाए और निर्माण के लिए स्टैंडर्ड नक्सा दिया जाए। निर्माण के लिए भवन विभाग से नक्सा स्वीकृति के लिए छूट दी जाए ।
मांग के अनुसार प्रस्तावित नई अनाज मंडी बनने के पश्चात वर्तमान मंडी में बिजली, पानी, सीवर तथा अन्य नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराकर इसको आवासीय क्षेत्र घोषित करते हुए यहांॅ के लाईसेंसधारी व्यापारियों को प्लाट दिए जाए।
भारद्वाज ने यह भी मांग कि है कि नई अनाज मंडी बनने में काफी समय लगेगा। वर्तमान अनाज मंडी में किसान, व्यापार और व्यापारियों के लिए सुविधाएं न होने के समान हैं। जबकि यहांॅ से ए.पी.एम.सी. को करोडों रूपये सालाना की आय होती है।
अतः जनहित में यह आवश्यक है कि यहंाॅ (वर्तमान नई नरेला अनाज मंडी) में माल बेचने के लिए अस्थायी शैड बनाए जाए, बाहर से आने वाले किसान व व्यापारियों के लिए सुविधायुक्त विश्राम स्थल बनाया जाए।
नरेला अनाज मंडी एशिया की सबसे बडी अनाज मंडियों में एक है। यह नरेला टाउनशिप की आबादी के केन्द्र में स्थित है। यहांॅ गेहूं और धान की फसल के समय लाखों बोरी बिकने के लिए ट्रक और टैक्टरों में आती है। जिसके कारण इसके आस-पास अक्सर बहुत लम्बा ट्रैफिक जाम लग जाता है। स्थान की कमी के कारण किसानों को अपना अनाज मेन रोड पर डालकर बेचना पड़ता है।
वर्तमान मंडी में किसानों और व्यापारियों के लिए धूप, बारिस और ठंड से बचने के लिए कोई प्रबंध नही है। धूप की तपन, ठंड की कंपन और बारिस में भीगना, इस मंडी मे बाहर से आने वाले किसानों, व्यापारियों और स्थानीय व्यापारी तथा कारिन्दों की मजबूरी बन गई है।
भारद्वाज ने अंत मे कहा है कि वह नई मंडी बनाने के लिए पिछले काफी समय से मांग करते रहे है जिसके आधार पर सम्बंधित विभाग के अधिकारियांे द्वारा सर्वे आदि भी किया गया है, परन्तु उस पर कोई कार्यवाही नही की गई है।
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