अजय माकन ने 1 जून से 30 जून तक‘‘जल सत्याग्रह’’ आंदोलन की घोषणा की
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री
अजय माकन ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिल्ली की सभी विधानसभाओं में एक महीने चलने वाले, 1 जून से 30 जून तक‘‘जल सत्याग्रह’’ आंदोलन की घोषणा की, को मुख्यतः उन विधानसभाओं में चलाया जाएगा। जहां जेजे कलस्टर, अनाधिकृत कालोनियां, पुर्नवास कालोनियां और गरीब लोग रहते है उनको पीने का पानी मुहैया कराने में तथा टैंकर माफिया के प्रभुत्व को खत्म करने में आप पार्टी की दिल्ली सरकार विफल साबित हुई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जो चुनाव से पहले टैंकर माफिया को खत्म करने की बात करते थे वे पूरी तरह से टैंकर माफिया पर नियंत्रण करने में विफल साबित हुए है, और इनके समय में टैंकरों में बढ़ौतरी हुई है तथा टैंकरों के लिए जो जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने शुरु किया था उसको भी समाप्त कर दिया है। आप सरकार ने पिछले वर्षों की तुलना में और 56 टैंकर शामिल कर लिए है। - अजय माकन
दिल्ली में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वाटर ट्रीटमेंन्ट की क्षमता 591 एमजीडी से बढ़ाकर 906 एमजीडी कर दी थी। जबकि केजरीवाल सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में वाटर ट्रीटमेंट की क्षमता में एक एमजीडी की भी बढ़ौतरी नही की है। जबकि दिल्ली में पीने के पानी की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। - अजय माकन
मैं श्री केजरीवाल से यह पूछना चाहता हूॅ कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने टैंकर ट्रेकिंग सिस्टम को क्यों बंद कर दिया। जिसकी शुरुआत कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने टैंकर माफिया पर लगाम लगाने व पारदर्शिता के लिए की थी। - अजय माकन
केजरीवाल सरकार ने टैंकर ट्रेकिंग सिस्टम शुरु किए जाते समय विज्ञापनों पर करोड़ो रुपए खर्च किए थे, परंतु उसको अब बंद कर दिया- अजय माकन
नई दिल्ली, 28 मई, 2018 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिल्ली की सभी विधानसभाओं में एक महीने चलने वाले, 1जून से 30 जून तक ‘‘जल सत्याग्रह’’ आंदोलन की घोषणा की को मुख्यतः उन विधानसभाओं में चलाऐंगे। जहां जेजे कलस्टर, अनाधिकृत कालोनियां, पुर्नवास कालोनियां और जहां गरीब लोग रहते है उनको पीने का पानी मुहैया कराने में तथा टैंकर माफिया के प्रभुत्व को खत्म करने में आप पार्टी की दिल्ली सरकार विफल साबित हुई है। श्री माकन ने कहा कि राजधानी में पानी की कमी को सहना पड़ रहा जबकि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के चैयरमेन है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जल संकट की स्थिति और भी बदतर होने वाली है और कुछ कालोनियों में सूखा पड़ने जैसी स्थिति होने वाली है।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री अजय माकन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जो चुनाव से पहले टैंकर माफिया को खत्म करने की बात करते थे वे पूरी तरह से टैंकर माफिया पर नियंत्रण करने में विफल साबित हुए है, और इनके समय में टैंकरों में बढ़ौतरी हुई है तथा टैंकरों के लिए जो जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने शुरु किया था उसको भी समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने पिछले वर्षों की तुलना में और 56 टैंकर शामिल कर लिए है, जबकि केजरीवाल यह दावा कर रहे है कि उन्हांने टैंकर माफिया को खत्म कर दिया है। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली जलबोर्ड की वेबसाईट पर जीपीएस सिस्टम द्वारा टैंकरों की ट्रेकिंग करके उनकी जानकारी देने कि टैंकर किस क्षेत्र में है, कहां से पानी भर रहा है, पानी की मात्रा आदि दिल्ली के लोग जानकारी ले सकते है। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने टैंकर ट्रेकिंग सिस्टम शुरु किए जाते समय विज्ञापनों पर करोड़ो रुपए खर्च किए थे। श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने टैंकर ट्रैंकिंग सिस्टम बनाने के लिए पहल करके सराहनीय काम किया था।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय माकन के साथ मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, वरिष्ठ नेता चतर सिंह, मुख्य मीडिया कोऑर्डिनेटर मेहदी माजिद मौजूद थे।
श्री माकन ने कहा कि श्रीमती शीला दीक्षित के कार्यकाल में वाटर ट्रीटमेंन्ट की क्षमता 591 एमजीडी से बढ़ाकर 906 एमजीडी कर दी थी। जबकि केजरीवाल सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में वाटर ट्रीटमेंट की क्षमता में एक एमजीडी की भी बढ़ौतरी नही की है। जबकि दिल्ली में पीने के पानी की मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
श्री माकन ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल जो चुनाव से पहले टैंकर माफिया को खत्म करने के बड़े-बड़े दावे करते थे परंतु उन्होंने न तो टैंकर माफिया को खत्म किया, उसके उलट टैंकरों की संख्या बढ़ा दी और पानी के टैंकरों पर निगरानी के लिए जीपीएस सिस्टम को ही बंद कर दिया। उन्हांने कहा कि आप सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पानी के56 टैंकर ज्यादा किराए पर लिए है जो केजरीवाल के टैंकर माफिया पर लगाम लगाने की बात को खोखला साबित करते है। श्री माकन ने कहा जीपीएस ट्रैकिंग के जरिए यह जानकारी दी जाती थी कि टैंकर किस जगह पर है, कब आऐगा और टैंकर में कितना पानी भरा गया इत्यादि सब जानकारियां दिल्ली जलबोर्ड की वेबसाईट पर उपलब्ध होनी थी। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने टैंकरों के ट्रैंकिंग सिस्टम को जारी करते हुए करोड़ों रुपये के विज्ञापन देकर अपनी पीठ थपथपाई थी तथा कांग्रेस ने इस प्रणाली को 2013 में बनाया था ताकि टैंकर माफिया पर शिंकजा कसा जा सके और जीपीएस का ठेका डिम्स को दिया था। श्री माकन ने कहा कि मैं श्री केजरीवाल से यह पूछना चाहता हूॅ कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने टैंकर ट्रेकिंग सिस्टम को क्यों बंद कर दिया। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाईट के अनुसार टैंकर ट्रेकिंग सिस्टम लास्ट अपडेड 7 अप्रैल 2017को हुआ था अर्थात उसके पश्चात यह ट्रेकिंग सिस्टम खत्म हो गया। श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल जो दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने से पहले अपने आपको सूचना के अधिकार का चैम्पयिन बताते थे उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाईट से पानी को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां ही गायब कर रखी है।
श्री माकन ने कहा कि केजरीवाल जिसने बार-बार यह कहा था कि वह टैंकर माफिया को खत्म कर देगा उन्होंने इस वर्ष 56 टैंकर किस कारणों से बढ़ाए। 2018 के समर एक्शन प्लान के अनुसार अप्रैल से जुलाई 2018 के बीच 988 पानी के टैंकर चलाए जाऐंगे जिसमें से 407 ठैके पर, 331 किराए पर लिए जाऐंगे और 250 टैंकर जल बोर्ड के होंगे। जबकि2017 में केवल 932 पानी के टैंकर चलाए गए थे।
श्री माकन ने कहा कि नागरिकों को सप्लाई किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता बीआईएस 10500-2012 होनी चाहिए। 2017 में क्वालिटी कंट्रोल अफसरों द्वारा नोन सेटिस्फेक्टरी जो एकत्रित व टेस्ट किए गए थे, वे 2.3 प्रतिशत थे जो कि 2018 में 3.99 प्रतिशत हो गए हैं। श्री माकन ने कहा कि इन तथ्यों से साफ जाहिर हो जाता है कि दिल्ली के बहुत सारे क्षेत्रों में साफ पीने का पानी नही दिया जा रहा है। यह तथ्य 2018 में मिली शिकायत से भी पता चलता है क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड की पांच डिवीजन में शिकायते आई है।
श्री माकन ने कहा कि 2018 की गर्मियों में 2017 की गर्मियों की तुलना से ज्यादा परेशानियां होने वाली है क्येंकि दिल्ली के सभी क्षेत्रों में पीने के पानी की लाईन बिछाई गई है,वहां पर टैंकरों द्वारा ही पानी पहुॅचाया जा सकता है। चौकाने वाली बात यह है कि पिछले वर्ष जहां टैंकर द्वारा पानी की सप्लाई के 16668 पाईट थे वहीं यह पाईट 53 प्रतिशत कम होकर इस वर्ष 7768 कर दिए गए है। श्री माकन ने कहा कि इसी प्रकार जहां 2017 में 176 फिलिंग स्टेशन थे उनमें 15 कम करके 161 कर दिए गए हैं। पहले वाटर एटीएम और ई-प्याउ लगाए जाते थे परंतु अब इस के कोई इंतजाम नही है। उन्होंने कहा कि ये सारी जानकारियां दिल्ली जल बोर्ड के समर एक्शन प्लान 2017-18 से ली गई है।
श्री माकन ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा प्राप्त की जाने वाली शिकायतों के आंकड़े पिछले 2 वर्षो में अप्रैल से अक्टूबर के बीच में बहुत चौकाने वाले है। उन्होंने कहा कि जहां2016 में नो वाटर कम्पलेन्ट 79258 थी वे बढ़कर 2017 में 84307 हो गईं। इसी प्रकार गंदे पानी की शिकायतें जो 2016 में 25069 थी वे 2017 में बढ़कर 37223 हो गई। इसी प्रकार सीवर बंद होने की शिकायतें 2016 में जहां 64141 थीं वे 2017 में बढ़कर 1,08,584 हो गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की साउथ डिवीजन में सबसे ज्यादा नो वाटर शिकायते थी जबकि ईस्ट डिवीजन में ये शिकायते 156 प्रतिशत हुई।
श्री माकन ने कहा कि गंदे पानी की शिकायतें दिल्ली जल बोर्ड के सभी डिवीजनों में बेहताशा बढ़ी हैं। दिल्ली जल बोर्ड की ईस्ट डिवीजन में इन शिकायतों में 163 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि कुल शिकायते बढ़कर 12154 हो गई। श्री माकन ने कहा कि सीवर ब्लोकेज की शिकायते भी काफी बढ़ी है, वेस्ट जोन में 220 प्रतिशत तथा ईस्ट जोन में 301 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है। अप्रैल से अक्टूबर के बीच कुल शिकायतां में 69 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है।
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