गुजरात चुनाव परीक्षा आखिर किसकी?
“ कोई भी व्यक्ति अपने द्वारा किए गए कार्यों से समाज में "नायक" अवश्य बन सकता है लेकिन वह "नेता" तभी बनता है जब उसकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को राजनैतिक सौदेबाजी का समर्थन मिलता है। “ गुजरात जैसे राज्य के विधानसभा चुनाव इस समय देश भर के लिए सबसे चर्चित और "हाँट मुद्दा" बने हुए है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि इस बार के गुजरात चुनाव मोदी की अग्नि परीक्षा हैं। लेकिन राहुल गाँधी राज्य में जिस प्रकार, जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकुर और हार्दिक पटेल के साथ मिलकर विकास को पागल करार देते हुए जाति आधारित राजनीति करने में लगे हैं उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि असली परीक्षा मोदी की नहीं गुजरात के लोगों की है। आखिर इन जैसे लोगों को नेता कौन बनाता है, राजनैतिक दल या फिर जनता? देश पहले भी ऐसे ही जन आन्दोलनों से लालू और केजरीवाल जैसे नेताओं का निर्माण देख चुका है। इसलिए परीक्षा तो हर एक गुजराती की है कि वो अपना होने वाला नेता किसे चुनता है विकास के सहारे भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए वोट मांगने वाले को या फिर जाति के आधार पर गुजराती समाज को बाँट कर किसी जिग्नेश,...