एन.जी.टी. की टिप्पणियां यह दर्शाती हैं कि केजरीवाल सरकार ने आॅड-इवन वाहन प्रणाली पर दिल्ली को मूर्ख बनाया
केजरीवाल सरकार आधिकारिक रूप से दिल्ली को यह बतायें कि उन्होंने पिछले तीन वर्षों में पर्यावरण उपकर के रूप में लोगों से इकट्ठा किया गया 775 करोड़ रूपये होने के बावजूद पर्यावरण संरक्षण और उसे स्वच्छ करने के लिए क्या कार्य किये हैं-मनोज तिवारी
नई दिल्ली, 14 नवम्बर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा है कि पर्याप्त वत्तीय संसाधन होने के बावजूद अरविन्द केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण संरक्षण या सुधार में दिल्ली के लिये कुछ नहीं किया है।
श्री तिवारी ने कहा है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण उपकर के रूप में 775 करोड़ रूपये वसूले हैं किन्तु पर्यावरण सुधार पर नगण्य राशि खर्च की है और वह भी पिछले साल।
हालांकि वर्ष 2015-2016 के दौरान इस सरकार ने आॅड-इवन वाहन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों खर्च किये फिर भी उसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अंततः तर्कसंगत नहीं पाया। पिछले दिनों जिस प्रकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली सरकार को आॅड-इवन वाहन प्रणाली को आडे़ हाथों लेते हुये इसे बिना अनुसंधान किये और तर्कसंगत नहीं पाया, यह सिद्ध होता है कि केजरीवाल सरकार ने आॅड-इवन वाहन प्रणाली के मुद्दे पर जनता को मूर्ख बनाया। आॅड-इवन वाहन प्रणाली का उपयोग केवल मुख्यमंत्री द्वारा अपने राजनीतिक विस्तार के लिए किया गया था।
इस वर्ष अर्थात 2017 में जब लोग प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हुये हैं और केजरीवाल सरकार के पास 775 करोड़ रूपये उपलब्ध थे फिर भी केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण को स्वच्छ करने पर खर्च करना उचित नहीं समझा।
केजरीवाल सरकार द्वारा पर्यावरण के नाम पर खर्च किया गया अधिकांश धन मुख्यमंत्री के चित्र वाले होर्डिंग लगाने पर खर्च हुआ।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अब समय आ गया है कि केजरीवाल सरकार अधिकारिक रूप से दिल्ली को यह बतायें कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और उसे स्वच्छ करने के लिए क्या कार्य किये हैं। साथ ही लोगों से इकट्ठा किया गया पर्यावरण उपकर और लोगों पर खर्च की गई राशि का ब्यौरा भी दें।
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